खुशबु हूँ
कोई फुल नहीं
जो मुरझा जाउंगा
आंधिया गमों की चलीं
तो भी
तेरी ज़ुल्फ़
बनकर संवर जाउंगा ।
खुशबु हूँ
कोई फुल नहीं
बिखर जाउंगा
ना देख
शोखियों से
मुझे इस तरह
अकेला हूँ
फिर भी
तेरी शरारत से
तेरे प्यार के
भंवर में
फंस जाउंगा
खुशबु हूँ
कोई फुल नहीं ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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