आपका-अख्तर खान

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13 जुलाई 2010

वोह जलती रही लेकिन ...


जिंदगी भर देखो वोह मेरे इशारे पर जलती रही जब चाहा होंटों से उसे छुआ जब चाहा इस्तेमाल किया जब चाहा फेंक दिया मेने उसे जलाया लेकिन दोस्तों सच तो यह हे बुरी लत थी मेरी कसम खड़ा की मेने उसे नहीं उसने मुझे अंदर से जलाया हे क्योंकि वोह कोई और नहीं कलेजा जलाने और केंसर करने वाली स्वास्थ के लियें हानिकारक सिगरेट थी मेने डिब्बे पर उससे बर्बादी की चेतावनी पढ़ी बुजुर्गों से उसकी बरबादिया सुनीं
लेकिन देखो फिर भी आज में उसी के साथ जले जा रहा हूँ प्लीज़ आप और आप मेरी तरह ना बनें ना जलो ना जलाओ बस जियो और जिलाओ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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