आपका-अख्तर खान

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18 जुलाई 2010

वाह क्या लज्जत हे तेरे ख्याल में

केसी लज्जत हे
तेरी जुदाई
तेरे ख्याल में ।
इसी लियें तो में चाहता हूँ
तू ना मिले
मुझे कभी
बस तेरी जुदाई
तेरा ख्याल
रहे
और इसी ख्याल में
मिलने की आस रहे ।
केसी लज्जत हे
तेरी जुदाई
तेरे ख्याल में
चाहता हूँ
बस यही हमेशा बनी रहे
मेरे दिल दिमाग में ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. khaan saab bahut khoob khjayaal hai aapkaa, aapki soch me ek kashis hai dost like बस तेरी जुदाई
    तेरा ख्याल
    रहे
    और इसी ख्याल में
    मिलने की आस रहे ।
    ............. thanks for a good one...

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