आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 जुलाई 2010

चल झूंठी

एक मास्टरजी
रोज़
छात्रा को
पढाने जाते थे,
एक दिन
छात्र ने
इठलाते बलखाते
मास्टरजी से कहा
मास्टरजी मास्टरजी
मुझे प्यार हो गया हे
मास्टर जी यह सुन
आग बबूला हुए बोले
बेशर्म ,बेहया ,नामाकूल शर्म नहीं आती
मास्टरजी से ऐसी बातें करती हे
छात्रा ने कहा
मास्टरजी सुनो तो सही
मुझे आपसे
प्यार हो गया हे
यह सुन मास्टरजी
इठलाये बलखाये और बोले
चल झूंठी ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...