तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 जुलाई 2010
आर एस एस या उग्रवाद
आज तक टी वी खबर चेनल के सहयोगी हेडलाइन ने उग्र हिन्दुवाद पर स्टिंग ओपरेशन कर जनता को किया दिखाया बस कथित हिन्दुवाद के ठेकेदार भाजपा के समर्थक पार्टी के नाते दार आर एस एस के सदस्यों के पेट में दर्द हो गया और इस बद ह्ज़मी में वोह अपना आपा खो बेठे उन्होंने चेनल पर जाकर खूब तोड़ फोड़ और कर्मचारियों से मारपिटाई की आर एस एस का यह पुराना हथकंडा हे उनका समर्थन करो तो हिन्दू हें विरोध में बोलों तो वोह हिन्दू से हिन्दू होने का हक भी छीन लेते हें इधर अगर आर एस एस के इशारे पर चलें तो धर्म निरपेक्ष पार्टी हें नहीं तो मुस्लिम परस्त देश को बांटने वाली पार्टी का प्रमाण पत्र मिल जाता हे इसी तरह से इसी तरह आर एस एस के विचार का समर्थन करो तो राष्ट्रवादी हो नहीं तो फिर देश के गद्दारों की सूचि में आपका नाम शामिल हो जाता हे ,इसी तरह से अगर आप ने आर एस एस के पक्ष की खबरें दी तो आप राष्ट्रवादी मीडिया हो नहीं तो देश को तोड़ने में लगने वाले लोगों के आप सरगना हो बस आज तक के सहयोगी चेनल ने हिन्दू उग्रवादियों के चेहरे से नकाब किया हटाया सभी समर्थक आज तक के दफ्तर में जा पहुंचे और कई घंटों तक तोड़फोड़ ,नारेबाजी, मारपिटाई की इन सब बातों को लोकल पुलिस और प्रशासन ने नजर अंदाज़ किया हे और कोई कारगर कार्यवाही नहीं की हे यह आर एस एस के लियें रास्ट्रीय शर्म की बात हे , सीधी सी बात हे के अगर किसी खबर से आर एस अस सहमत नहीं थी तो वोह देश के कानूनी दायरे में चेनल के विरुद्ध मुकदमा कर सकती थी इतना ही नहीं पीड़ित लोग वृष्ट पत्रकारों और प्रबंधकों से शिकायत कर खंडन करवा सकते थे लेकिन यहाँ तो आर एस एस और हिजबुल मुजाहिदीन में कोई फर्क नहीं हे और अब बहुत हो गया आर एस एस का शुद्धिक्र्ण करने के लियें इसमें शामिल आपराधिक तत्वों को ढूंढ़ कर निकालना होगा और दंडित करवाना होगा इसके लियें अब देश के मीडिया को निडर होकर कुछ सोचना होगा वेसे सब जानते हें के अधिकतम मीडिया पर इन इनों आर एस एस का कब्जा हे देखते हें इस मामले में प्रेस कोंसिल,लोकल पुलिस ,नेता ,सरकार और मीडिया से जुड़े लोग किया एक्शन लेते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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