आपका-अख्तर खान

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31 जुलाई 2010

मेरी हे तलाश


आज घरों में
हे सन्नाटा
तो मेरी हे तलाश
कल इन्हीं घरों में
शिकवा था
मेरे ठहाकों से ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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