बढने नहीं दिए
कभी मेने
होसले दुश्मनों के
जब भी चोट
खायी हे
उन्हें देख कर
मुस्कुराए हें हम।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 जुलाई 2010
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kya baat hai !!....bahut sundar rachna .
जवाब देंहटाएंnice
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