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16 अप्रैल 2010

कोटा में जानवर तो जानवर आदमी भी प्यासे मर रहे हें

जी हाँ यह सच हे चम्बल के किनारे जानवर तो जानवर आदमी भी प्यासे मर रहे हें यहाँ जानवरों और पक्षियों को प्यास से बचाने के लियें जना पानी की टंकियां भर रही हे तो परिंदे बाँध रही हे लेकिन कोटा नगर निगम हे के अब तक सडक पर आने जाने वाले लोगों के लियें सार्वजनिक प्याऊ भी नहीं लगा सकी हे केवल समाज सेवी संस्थाओं ने कुछ प्याऊ लगाए हें जो आस की स्थिति में ना काफी हें अब आप ही बताओ थोड़ी सी कंजूसी और कुप्रबंध के चलते चम्बल के किनारे नगर निगम आम जनता को प्यास बाँट रही हे या नहीं। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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