तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 मार्च 2010
लाठी लंगोटी और महात्मा गाँधी का मानवाधिकार
हमारे देश में जब चारों तरफ अंग्रेजों का ज़ुल्म बढ़ चड़ क्र था गोलियों और तोपों के बल पर आज़ादी के आन्दोलन को दबाया जा रहा था तब देश का एक सपूत एसा भी था जो लाठी लंगोटी के बल पर अंग्रेजों से भूक हडताल और अनशन के हथियार से मुकाबला क्र रहा था जरा सोचिये टॉप और गोलियिओं के मुकाबले में अगर कोई लाठी और लंगोटी के साथ खड़ा हो और अँगरेज़ उसके आगे बेबस हों नतमस्तक हों देश विश्व उसके आगे नत मस्तक हों हर ज़ुल्म ज्यादती का जवाब खामोशी हो अनशन हो तो आप क्या कहेंगे अगर महात्मा गाँधी नहीं हते तो यह सच्चाई हो सकती हे किसी को पता नहीं पड़ता हे ना गाँधी जादूगर और देश के प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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