तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
27 मार्च 2010
विशवास का बलात्कार
आज देश अजीब डोर से गुजर रहा हे आदमी होटल पर खाना खता हे खाना सफाई से बना होगा इसका उसे विशवास होता हे , नोकर खाना बना क्र देती हे खाना शुद्ध होगा यह मालिक को विशवास होता हे । पेकिंग सामान होगा जो वजन लिखा हे व्ही होगा जो फार्मूला लिखा हे वही माल उसमें होगा यह खरीददार को विशवास होता हे ,ड्राईवर वाहन चलाता हे वोह ठीक चलाएगा इसका सभी को विशवास होता हे लेकिन इस विशवास के दोर में अधिकतम पति पत्नी के रिश्तों में विशवास नहीं अविश्वास का जहर होता हे भाई भाई पर विशवास नहीं करता हालात यह हें के छद्म अविश्वास के चलते आज परिवार खुद ब खुद नारकीय जीवन की तरफ बढ़ रहे हें हमारे देश के मनोवेग्यानिक, समाजशास्त्री, धर्मशास्त्री इसी अविश्वास को खत्म करने की कोशिश में खुद अविश्वासी हो गयें हें और देश में परिवार के परिवार टूट रहे हें जो बात हे नहीं उसी बात का अविश्वास करके लोग अपना घर परिवार बिगढ़ने में लगे हें ।
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