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15 दिसंबर 2025

शाइन इंडिया की टीम ने,12 घंटे में दो बार बारां पहुंच कर लिए दो नेत्रदान

  शाइन इंडिया की टीम ने,12 घंटे में दो बार बारां पहुंच कर लिए दो नेत्रदान
2. 320 किलोमीटर के सफर से चार को मिलेगी रोशनी

बारां शहर में नेत्रदान के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण, कल रविवार को, कोटा से शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम ने बारां शहर में दो दिवंगतों के नेत्रदान का कार्य संपन्न किया ।

इसके लिए टीम के सदस्यों को,कोटा से 80 किलोमीटर 12 जाकर वापस आना और फिर दोबारा दूसरे केस के लिए 80 किलोमीटर जाना हुआ, कुल 320 किलोमीटर के सफर से चार दृष्टिहीनों को रोशनी मिल सकेगी ।

प्रथम नेत्रदान, पंजाबी कॉलोनी,निवासी शहर के प्रमुख प्रबुद्ध नागरिक और पूर्व फौजी श्री किशन लाल अदलखा के देवलोक गमन की सूचना सुबह ,संस्था के ज्योति मित्र,महेश अदलखा से मिली और पुत्र इंद्रजीत,पुत्रवधू मनीषा,सहित परिजनों की सहमति से नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ ।

किशन लाल जी का जीवन अनुशासन और देशभक्ति का पर्याय रहा है। उन्होंने वर्ष 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना के सिपाही के रूप में अदम्य साहस का परिचय दिया था। सेना से निवृत्त होने के बाद भी वे समाज सेवा में सक्रिय रहे। वे पंजाबी समाज के संरक्षक और बारां ट्रक यूनियन के संस्थापक सदस्य भी थे।

शाम को शहर में दूसरा नेत्रदान संपन्न हुआ। स्थानीय अनंत विहार कॉलोनी, कोटा रोड निवासी मोहिनी देवी (धर्मपत्नी दानमल जी गालव, मियाडा वाले) का निधन होने पर पुत्र अभिषेक मालव,कृष्ण कुमार ने स्व प्रेरणा से प्रेरित होकर अपने मित्र कमल अरोड़ा और कुलदीप सिंह को माता जी के नेत्रदान की इच्छा जताई ।

चिकित्सक टीम का समर्पण

नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न कराने में शाइन इंडिया फाउंडेशन की टीम का विशेष योगदान रहा। उनकी सेवा भावना का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, सूचना मिलते ही कोटा से एक ही दिन में दूसरी बार बारां आए और दोनों नेत्रदानों को सफलता पूर्वक संपन्न कराया।

(जिसमें) हम तुम्हारें सामने मूसा और फ़िरऔन का वाकि़या इमानदार लोगों के नफ़े के वास्ते ठीक ठीक बयान करते हैं

 सूरए अल क़सस मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी 88 आयतें हैं
ख़़ुदा के नाम से (शुरु करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है
ता सीन मीम (1)
(ऐ रसूल) ये वाज़ेए व रौशन किताब की आयतें हैं (2)
(जिसमें) हम तुम्हारें सामने मूसा और फ़िरऔन का वाकि़या इमानदार लोगों के नफ़े के वास्ते ठीक ठीक बयान करते हैं (3)
बेशक फ़िरऔन ने (मिस्र की) सरज़मीन में बहुत सर उठाया था और उसने वहाँ के रहने वालों को कई गिरोह कर दिया था उनमें से एक गिरोह (बनी इसराइल) को आजिज़ कर रखा थ कि उनके बेटों को ज़बाह करवा देता था और उनकी औरतों (बेटियों) को जि़न्दा छोड़ देता था बेशक वह भी मुफ़सिदों में था (4)
और हम तो ये चाहते हैं कि जो लोग रुए ज़मीन में कमज़ोर कर दिए गए हैं उनपर एहसान करे और उन्हींको (लोगों का) पेशवा बनाएँ और उन्हीं को इस (सरज़मीन) का मालिक बनाएँ (5)
और उन्हीं को रुए ज़मीन पर पूरी क़़ुदरत अता करे और फ़िरऔन और हामान और उन दोनों के लश्करों को उन्हीं कमज़ोरों के हाथ से वह चीज़ें दिखायें जिससे ये लोग डरते थे (6)
और हमने मूसा की माँ के पास ये वही भेजी कि तुम उसको दूध पिला लो फिर जब उसकी निस्बत तुमको कोई ख़ौफ हो तो इसको (एक सन्दूक़ में रखकर) दरिया में डाल दो और (उस पर) तुम कुछ न डरना और न कुढ़ना (तुम इतमेनान रखो) हम उसको फिर तुम्हारे पास पहुँचा देगें और उसको (अपना) रसूल बनाएँगें (7)
(ग़रज़ मूसा की माँ ने दरिया में डाल दिया) वह सन्दूक़ बहते बहते फ़िरऔन के महल के पास आ लगा तो फ़िरऔन के लोगों ने उसे उठा लिया ताकि (एक दिन यही) उनका दुशमन और उनके राज़ का बायस बने इसमें शक नहीं कि फ़िरऔन और हामान उन दोनों के लशकर ग़लती पर थे (8)
और (जब मूसा महल में लाए गए तो) फ़िरऔन की बीबी (आसिया अपने शौहर से) बोली कि ये मेरी और तुम्हारी (दोनों की) आँखों की ठन्डक है तो तुम लोग इसको क़त्ल न करो क्या अजब है कि ये हमको नफ़ा पहुँचाए या हम उसे ले पालक ही बना लें और उन्हें (उसी के हाथ से बर्बाद होने की) ख़बर न थी (9)
इधर तो ये हो रहा था और (उधर) मूसा की माँ का दिल ऐसा बेचैन हो गया कि अगर हम उसके दिल को मज़बूत कर देते तो क़रीब था कि मूसा का हाल ज़ाहिर कर देती (और हमने इसीलिए ढारस दी) ताकि वह (हमारे वायदे का) यक़ीन रखे (10)

14 दिसंबर 2025

समापन समारोह 15 को सिमलिया में ** हाड़ोती के मिशन बाल मन तक ने बनाई राष्ट्रीय पहचान

 

समापन समारोह 15 को सिमलिया में
** हाड़ोती के मिशन बाल मन तक ने बनाई राष्ट्रीय पहचान
** 35 हजार बच्चें साहित्यिक गतिविधियों से जुड़े
** हाड़ोती में बच्चों में साहित्य के प्रति रुचि जागृत कर उन्हें कहानी कविता लेखन से जोड़ने के लिए विगत दो वर्षों से संचालित बाल साहित्य मेलों के मिशन बाल मन तक कार्यक्रम ने राष्ट्रीय पहचान बनाई है। बच्चों को कुछ समय मोबाइल से दूर रख कर उन्हें साहित्य से जोड़ने का यह कार्यक्रम विगत दो वर्षों से राजस्थान के सूचना एवं जन संपर्क विभाग के कोटा स्थित पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंघल की पहल पर संस्कृति, साहित्य, मीडिया फोरम द्वारा कुछ साहित्यकारों के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। समापन समारोह बाल रंगोत्सव सोमवार को सिमलिया के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में आयोजित किया जाएगा।
** बाल साहित्य मेलों का आयोजन अपने आप में अनूठा नवाचार है। इसमें सरकारी एवं निजी विद्यालयों में कहानी - कविता लेखन, कविता पाठ, निबंध लेखन, चित्रकला,प्रश्नोत्तरी,विचित्र वेशभूषा, मेंहदी मांडना, रंगोली, नृत्य,हस्तशिल्प खिलौने निर्माण प्रतियोगिताएं, बाल गोष्ठियां और बाल मेलों के आयोजन आदि गतिविधियां आयोजित की गई हैं।
** बाल मेलों के आयोजन में साहित्यकार जितेंद्र निर्मोही , रामेश्वर शर्मा रामू भैया, स्नेहलता शर्मा, डॉ. वैदेही गौतम, डॉ.अपर्णा पाण्डेय, डॉ. शशि जैन डॉ. इंदु बाला शर्मा, डॉ. प्रीति मीणा, डॉ. हिमानी भाटिया, डॉ. सुशीला जोशी, रेखा पंचोली, संजू शृंगी, रीता गुप्ता, साधना शर्मा, रेणु सिंह राधे, विजय जोशी, योगेंद्र शर्मा, महेश पंचोली, विजय कुमार शर्मा, राम मोहन कौशिक, कालीचरण राजपूत, आर. के. शर्मा, झालावाड़ की रेखा रेखा सक्सेना, सुरेश कुमार निगम, झालावाड़, मोहन सेन का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है।
** साथ ही रंगीतिका संस्था कोटा, समरस संस्थान गांधीनगर जिला कोटा इकाई, आर्यन लेखिका मंच , अंतरराष्ट्रीय महिला काव्य मंच की कोटा इकाई एवं श्री करनी नगर विकास समिति, गोरधनपुरा , मदर टेरेसा स्कूल सहित कई सरकारी और निजी विद्यालयों और इनके पदाधिकारियों का सहयोग प्रमुख रूप से प्राप्त हुआ।
** साहित्य मंडल श्रीनाथद्वारा के सहयोग से आयोजित बाल कविता एवं कहानी लेखन राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 10 राज्यों के 204 प्रतिभागियों ने भाग लेकर मिशन बाल मन तक कार्यक्रम को राष्ट्रीय पहचान प्रदान की है। इस कार्यक्रम में इस वर्ष में 41 शैक्षिक संस्थाओं में बाल साहित्य मेलों का आयोजन किया गया जिनसे 35 हजार से ज्यादा बच्चें जुड़े तथा 19 हजार से ज्यादा बच्चों ने प्रत्यक्ष रूप से कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी की है । करीब 1500 बच्चें कहानी लेखन विधा से जुड़े । विविध आयोजनों में विजेता रहे 415 बच्चों ने प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त कर विजेता रहें।
संयोजक

और (उस दिन को याद करो) जिस दिन हम हर उम्मत से एक ऐसे गिरोह को जो हमारी आयतों को झुठलाया करते थे (जि़न्दा करके) जमा करेंगे फिर उन की टोलियाँ अलहदा अलहदा करेंगे

 और न तुम अँधें को उनकी गुमराही से राह पर ला सकते हो तुम तो बस उन्हीं लोगों को (अपनी बात) सुना सकते हो जो हमारी आयतों पर इमान रखते हैं (81)
फिर वही लोग तो मानने वाले भी हैं जब उन लोगों पर (क़यामत का) वायदा पूरा होगा तो हम उनके वास्ते ज़मीन से एक चलने वाला निकाल खड़ा करेंगे जो उनसे ये बाते करेंगा कि (फलां फलां) लोग हमारी आयतो का यक़ीन नहीं रखते थे (82)
और (उस दिन को याद करो) जिस दिन हम हर उम्मत से एक ऐसे गिरोह को जो हमारी आयतों को झुठलाया करते थे (जि़न्दा करके) जमा करेंगे फिर उन की टोलियाँ अलहदा अलहदा करेंगे (83)
यहाँ तक कि जब वह सब (ख़ुदा के सामने) आएँगें और ख़ुदा उनसे कहेगा क्या तुम ने हमारी आयतों को बगैर अच्छी तरह समझे बूझे झुठलाया-भला तुम क्या क्या करते थे और चूँकि ये लोग ज़ुल्म किया करते थे (84)
इन पर (अज़ाब का) वायदा पूरा हो गया फिर ये लोग कुछ बोल भी तो न सकेंगें (85)
क्या इन लोगों ने ये भी न देखा कि हमने रात को इसलिए बनाया कि ये लोग इसमे चैन करें और दिन को रौशन (ताकि देखभाल करे) बेशक इसमें इमान लाने वालों के लिए (कु़दरते ख़ुदा की) बहुत सी निशानियाँ हैं (86)
और (उस दिन याद करो) जिस दिन सूर फूँका जाएगा तो जितने लोग आसमानों मे हैं और जितने लोग ज़मीन में हैं (ग़रज़ सब के सब) दहल जाएंगें मगर जिस शख़्स को ख़ुदा चाहे (वो अलबत्ता मुतमइन रहेगा) और सब लोग उसकी बारगाह में जि़ल्लत व आजिज़ी की हालत में हाजि़र होगें (87)
और तुम पहाड़ों को देखकर उन्हें मज़बूटत जमे हुए समझतें हो हालाकि ये (क़यामत के दिन) बादल की तरह उड़े उडे़ फिरेगें (ये भी) ख़ुदा की कारीगरी है कि जिसने हर चीज़ को ख़ूब मज़बूत बनाया है बेशक जो कुछ तुम लोग करते हो उससे वह ख़ूब वाकि़फ़ है (88)
जो शख़्स नेक काम करेगा उसके लिए उसकी जज़ा उससे कहीं बेहतर है ओर ये लोग उस दिन ख़ौफ व ख़तरे से महफूज़ रहेंगे (89)
और जो लोग बुरा काम करेंगे वह मुँह के बल जहन्नुम में झोक दिए जाएँगे (और उनसे कहा जाएगा कि) जो कुछ तुम (दुनिया में) करते थे बस उसी का जज़ा तुम्हें दी जाएगी (90)
(ऐ रसूल उनसे कह दो कि) मुझे तो बस यही हुक्म दिया गया है कि मै इस शहर (मक्का) के मालिक की इबादत करुँ जिसने उसे इज़्ज़त व हुरमत दी है और हर चीज़ उसकी है और मुझे ये हुक्म दिया गया कि मै (उसके) फरमाबरदार बन्दां में से हूँ (91)
और ये कि मै क़ुरआन पढ़ा करुँ फिर जो शख़्स राह पर आया तो अपनी ज़ात के नफे़ के वास्ते राह पर आया और जो गुमराह हुआ तो तुम कह दो कि मै भी एक एक डराने वाला हूँ (92)
और तुम कह दो कि अल्हमदोलिल्लाह वह अनक़रीब तुम्हें (अपनी क़ुदरत की) निशानियाँ दिखा देगा तो तुम उन्हें पहचान लोगे और जो कुछ तुम करते हो तुम्हारा परवरदिगार उससे ग़ाफिल नहीं है (93)

13 दिसंबर 2025

2 साल में विकास की एक ईंट भी नहीं रख सकी बीजेपी सरकार” धारीवाल

 

2 साल में विकास की एक ईंट भी नहीं रख सकी बीजेपी सरकार” धारीवाल
कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल का बड़ा हमला—डबल इंजन फेल, विकास रथ नहीं जुमला रथ चला रही है सरकार
कोटा 13 दिसंबर
राज्य में बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक शांति धारीवाल ने सरकार की कार्यप्रणाली पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि दो वर्षों में मौजूदा सरकार विकास की एक भी ईंट नहीं रख सकी है और “विकास रथ” के नाम पर जनता को सिर्फ जुमले परोसे जा रहे हैं। शांति धारीवाल ने कहा कि किसान, युवा, व्यापारी और आम नागरिक—हर तबका आज निराश है। चुनाव के समय बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नजर नहीं आ रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने जनता को गुमराह कर चुनावी ठगी की और अब डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल साबित हो रही है।
विकास कार्य की अनदेखी , पर्यटन विकास शून्य
पूर्व मंत्री ने विशेष रूप से कोटा के पर्यटन विकास प्रोजेक्ट्स का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में जिन योजनाओं पर काम हुआ, उनकी मौजूदा सरकार ठीक से सार-संभाल तक नहीं कर पा रही है। चंबल रिवर फ्रंट, पार्कों और शहर के सौंदर्यीकरण जैसे प्रोजेक्ट्स उपेक्षा का शिकार हैं। रखरखाव के अभाव में ये योजनाएं बदहाली की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि विकास रथ निकालने की बात करने वाले बीजेपी के जनप्रतिनिधियों के पास दिखाने के लिए कुछ भी नहीं है। “यह विकास रथ नहीं, बल्कि जुमला रथ है, जिसे जनता के बीच घुमाया जा रहा है,” धारीवाल ने तंज कसा।
किसानों के प्रति संवेदनशीलता की हदे पर कर रही है सरकार
किसानों की समस्याओं पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि फसल नुकसान, मुआवजा और रोजगार जैसे मुद्दों पर सरकार पूरी तरह विफल रही है। युवाओं को रोजगार के अवसर नहीं मिल रहे और महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। अतिवृष्टि और डेमो संभारी से तबाह हुई फसलों का किसानों को अब तक कोई मुआवजा नहीं दिया गया जो किसान अपनी बची कूची फसल लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं उनको उचित दाम नहीं मिल रहे हैं उनकी लागत भी नही निकल रही। समर्थन मूल्य खरीद नहीं की जा रही हो रही जिसकी वजह से ओने पौने दामो में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। शांति धारीवाल ने दावा किया कि जनता अब कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को याद कर रही है, जब विकास कार्य धरातल पर दिखते थे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जनता इस नाकामी का जवाब देगी और प्रदेश को फिर से विकास की राह पर लाने का फैसला करेगी।
2 साल में सिर्फ घोषणाएं ओर बयानबाज़ी जमीन पर कुछ काम नही
पूर्व मंत्री विधायक शांति धारीवाल में भाजपा सरकार के 2 साल पर करारा हमला करते हुए कहा है कि कोटा में 2 सालों में भाजपा सरकार में सिर्फ मंत्रियों नेताओं ने जनप्रतिनिधियों ने झूठी घोषणाएं , बयानबाज़ी ,निरिक्षण के अलावा कोई ऐसा काम नही किया जिससे जनता को कोई राहत या फायदा पहुँचा हो। नगर विकास न्यास नगर निगम जो कांग्रेस सरकार के वक्त विकास कार्यों पट्टो के अभियानों को लेकर जनता के लिए रात और सुगमता का बड़ा माध्यम बने थे वहां भी कोई ऐसा काम इन 2 सालो में नही हुआ जिसके बारे जनता के बीच जाकर यह सरकार कुछ बोल सके उल्टा कांग्रेस सरकार के दौरान हुए कार्यो की अनदेखी हो रही है।

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