मूसा ने कहा खु़दा ज़रूर फरमाता है कि वह गाय न तो इतनी सधाई हो कि ज़मीन
जोते न खेती सीचें भली चंगी एक रंग की कि उसमें कोई धब्बा तक न हो, वह बोले
अब (जा के) ठीक-ठीक बयान किया, ग़रज़ उन लोगों ने वह गाय हलाल की हालाँकि
उनसे उम्मीद न थी वह कि वह ऐसा करेंगे (71)
और जब तुमने एक शख़्स को मार डाला और तुममें उसकी बाबत फूट पड़ गई एक दूसरे को क़ातिल बताने लगा जो तुम छिपाते थे (72)
खु़दा को उसका ज़ाहिर करना मंजू़र था बस हमने कहा कि उस गाय को कोई
टुकड़ा लेकर इस (की लाश) पर मारो यूँ खु़दा मुर्दे को जि़न्दा करता है और
तुम को अपनी कु़दरत की निशानियाँ दिखा देता है (73)
ताकि तुम समझो फिर उसके बाद तुम्हारे दिल सख़्त हो गये बस वह पत्थर के
मिस्ल (सख़्त) थे या उससे भी ज़्यादा (सख्त़) क्योंकि पत्थरों में बाज़ तो
ऐसे होते हैं कि उनसे नहरें जारी हो जाती हैं और बाज़ ऐसे होते हैं कि
उनमें दरार पड़ जाती है और उनमें से पानी निकल पड़ता है और बाज़ पत्थर तो
ऐसे होते हैं कि खु़दा के ख़ौफ से गिर पड़ते हैं और जो कुछ तुम कर रहे हो
उससे खु़दा ग़ाफिल नहीं है (74)
(मुसलमानों) क्या तुम ये लालच रखते हो कि वह तुम्हारा (सा) ईमान
लाएँगें हालाँकि उनमें का एक गिरोह साबिक़ में (पहले) ऐसा था कि खु़दा का
कलाम सुनता था और अच्छी तरह समझने के बाद उलट फेर कर देता था हालाँकि वह
खू़ब जानते थे और जब उन लोगों से मुलाक़ात करते हैं (75)
जो ईमान लाए तो कह देते हैं कि हम तो ईमान ला चुके और जब उनसे
बाज़-बाज़ के साथ तखि़लया (अकेले) में मिलते हैं तो कहते हैं कि जो कुछ
खु़दा ने तुम पर (तौरेत) में ज़ाहिर कर दिया है क्या तुम (मुसलमानों को)
बता दोगे ताकि उसके सबब से कल तुम्हारे खु़दा के पास तुम पर हुज्जत लाएँ
क्या तुम इतना भी नहीं समझते (76)
लेकिन क्या वह लोग (इतना भी) नहीं जानते कि वह लोग जो कुछ छिपाते हैं या ज़ाहिर करते हैं खु़दा सब कुछ जानता है (77)
और कुछ उनमें से ऐसे अनपढ़ हैं कि वह किताबे खु़दा को अपने मतलब की
बातों के सिवा कुछ नहीं समझते और वह फक़त ख़्याली बातें किया करते हैं,
(78)
बस वाए हो उन लोगों पर जो अपने हाथ से किताब लिखते हैं फिर (लोगों से
कहते फिरते) हैं कि यह खु़दा के यहाँ से (आई) है ताकि उसके ज़रिये से थोड़ी
सी क़ीमत (दुनयावी फ़ायदा) हासिल करें बस अफसोस है उन पर कि उनके हाथों ने
लिखा और फिर अफसोस है उनपर कि वह ऐसी कमाई करते हैं (79)
और कहते हैं कि गिनती के चन्द दिनों के सिवा हमें आग छुएगी भी तो नहीं
(ऐ रसूल) इन लोगों से कहो कि क्या तुमने खु़दा से कोई इक़रार ले लिया है कि
फिर वह किसी तरह अपने इक़रार के खि़लाफ़ हरगिज़ न करेगा या बे समझे बूझे
खु़दा पर बोहतान जोड़ते हो (80)
आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 जनवरी 2025
मूसा ने कहा खु़दा ज़रूर फरमाता है कि वह गाय न तो इतनी सधाई हो कि ज़मीन जोते न खेती सीचें भली चंगी एक रंग की कि उसमें कोई धब्बा तक न हो, वह बोले अब (जा के) ठीक-ठीक बयान किया, ग़रज़ उन लोगों ने वह गाय हलाल की हालाँकि उनसे उम्मीद न थी वह कि वह ऐसा करेंगे
24 जनवरी 2025
मेरे स्नेहिल मित्र कोटा के पुरुषोत्तम पंचोली - "ट्रू मीडिया सम्मान '25 " की घोषणा पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं....
और फिरऔन के आदमियों को तुम्हारे देखते-देखते डुबो दिया और (वह वक़्त भी याद करो) जब हमने मूसा से चालीस रातों का वायदा किया था और तुम लोगों ने उनके जाने के बाद एक बछड़े को (परसतिश के लिए खु़दा) बना लिया
और फिरऔन के आदमियों को तुम्हारे देखते-देखते डुबो दिया और (वह वक़्त भी
याद करो) जब हमने मूसा से चालीस रातों का वायदा किया था और तुम लोगों ने
उनके जाने के बाद एक बछड़े को (परसतिश के लिए खु़दा) बना लिया (51)
हालाँकि तुम अपने ऊपर ज़ुल्म जोत रहे थे फिर हमने उसके बाद भी तुम से दरगुज़र की ताकि तुम शुक्र करो (52)
और (वह वक़्त भी याद करो) जब मूसा को (तौरेत) अता की और हक़ और बातिल को जुदा करनेवाला क़ानून (इनायत किया) ताकि तुम हिदायत पाओ
(53)
और (वह वक़्त भी याद करो) जब तुमने मूसा से कहा था कि ऐ मूसा हम तुम पर उस वक़्त तक ईमान न लाएँगे जब तक हम खु़दा को ज़ाहिर बज़ाहिर न देख ले उस पर तुम्हें बिजली ने ले डाला, और तुम तकते ही रह गए (55)
फिर तुम्हें तुम्हारे मरने के बाद हमने जिला उठाया ताकि तुम शुक्र करो (56)
और हमने तुम पर अब्र का साया किया और तुम पर मन व सलवा उतारा और (ये भी तो कह दिया था कि) जो सुथरी व नफीस रोजि़या तुम्हें दी हैं उन्हें शौक़ से खाओ, और उन लोगों ने हमारा तो कुछ बिगाड़ा नहीं मगर अपनी जानों पर सितम ढाते रहे (57)
और (वह वक़्त भी याद करो) जब हमने तुमसे कहा कि इस गाँव (अरीहा) में जाओ और इसमें जहाँ चाहो फराग़त से खाओ (पियो) और दरवाज़े पर सजदा करते हुए और ज़बान से हित्ता बखि़्शश कहते हुए आओ तो हम तुम्हारी ख़ता ये बख़्श देगे और हम नेकी करने वालों की नेकी (सवाब) बढ़ा देगें (58)
तो जो बात उनसे कही गई थी उसे शरीरों ने बदलकर दूसरी बात कहनी शुरू कर दी तब हमने उन लोगों पर जिन्होंने शरारत की थी उनकी बदकारी की वजह से आसमानी बला नाजि़ल की (59)
और (वह वक़्त भी याद करो) जब मूसा ने अपनी क़ौम के लिए पानी माँगा तो हमने कहा (ऐ मूसा) अपनी लाठी पत्थर पर मारो (लाठी मारते ही) उसमें से बारह चश्में फूट निकले और सब लोगों ने अपना-अपना घाट बखूबी जान लिया और हमने आम इजाज़त दे दी कि खु़दा की दी हुयी रोज़ी से खाओ पियो और मुल्क में फसाद न करते फिरो (60)
23 जनवरी 2025
ज्योति मित्रों के घरों में शोक,नेत्रदान हुआ संपन्न
ज्योति मित्रों के घरों में शोक,नेत्रदान हुआ संपन्न
2. शाइन इंडिया के सहयोग से,शहर में 24 घंटों में तीन नेत्रदान
शाइन इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान जागरुकता अभियान से बीते 24 घंटे में तीन देवलोक-गामियों के नेत्रदान का कार्य संपन्न हुआ ।
बुधवार
शाम को रामपुरा निवासी रविंद्र, सुनील और दिलीप के पिताजी श्री महावीर
प्रसाद जैन का आकस्मिक निधन हो गया, तीनों बेटे काफी समय से शाइन इंडिया
फाउंडेशन के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं, दु:खद घटना का पता चलते
ही,संस्था को संपर्क कर पिताजी का नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया।
इसी
क्रम में भारत विकास परिषद, विवेकानंद शाखा के नेत्रदान प्रभारी पी के
शर्मा ने बताया कि,आज स्टेशन क्षेत्र निवासी विशाल,विकास व विनीत के पिताजी
ओमप्रकाश विजय (किराना व्यवसायी) का आकस्मिक निधन हुआ, नेत्रदान के प्रति
पहले से ही परिवार जागरूक था,अत: संस्था के ज्योति मित्र डॉ नवीन गोयल के
माध्यम से संस्था को संपर्क कर नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया ।
इसी
नेत्रदान के ठीक उपरांत संस्था के ज्योति मित्र हेमंत अजवानी के पिताजी
चंद्र प्रकाश अजवानी का आकस्मिक निधन हुआ । चंद्र प्रकाश ने पूर्व में ही
संस्था के साथ नेत्रदान संकल्प पत्र भरा हुआ था, शोकाकुल परिवार के सदस्यों
ने तुरंत ही पिताजी की अंतिम इच्छा को जानते हुए नेत्रदान का कार्य संस्था
के माध्यम से संपन्न करवाया ।
संस्था संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ नहीं बताया कि इस माह अभी तक, संस्था के सहयोग से,40 नेत्रों का संकलन किया जा चुका है ।
कोटा सहित पुरे राजस्थान में ,, ट्रांसफ़रों की उथल पुथल से खलबली मची हैं , ,खेर कांग्रेस तो चुप है , लेकिन इस बार भाजपा की सरकार में , ट्रांसफर लिस्ट में भाजपा का राजनितिक चेहरा दागदार हुआ है