और (ऐ रसूल) उस बीबी को (याद करो) जिसने अपनी अज़मत की हिफाज़त की तो हमने
उन (के पेट) में अपनी तरफ से रूह फूँक दी और उनको और उनके बेटे (ईसा) को
सारे जहाँन के वास्ते (अपनी क़ुदरत की) निशानी बनाया (91)
बेशक ये तुम्हारा दीन (इस्लाम) एक ही दीन है और मैं तुम्हारा परवरदिगार हूँ तो मेरी ही इबादत करो (92)
और लोगों ने बाहम (इक़तेलाफ़ करके) अपने दीन को टुकड़े -टुकड़े कर डाला
(हालाँकि) वो सब के सब हिरफिर के हमारे ही पास आने वाले हैं (93)
(उस वक़्त फैसला हो जाएगा कि) तो जो शख़्स अच्छे-अच्छे काम करेगा और वह
ईमानवाला भी हो तो उसकी कोशिश अकारत न की जाएगी और हम उसके आमाल लिखते
जाते हैं (94)
और जिस बस्ती को हमने तबाह कर डाला मुमकिन नहीं कि वह लोग क़यामत के दिन हिरफिर के से (हमारे पास) न लौटे (95)
बस इतना (तवक्कुफ़ तो ज़रूर होगा) कि जब याजूद माजूद (हद ऐ सिकन्दरी) की
कै़द से खोल दिए जाएँगे और ये लोग (ज़मीन की) हर बुलन्दी से दौड़ते हुए
निकल पड़ें (96)
और क़यामत का सच्चा वायदा नज़दीक आ जाए तो फिर काफ़िरों की आँखे एक दम से
पथरा दी जाएँ (और कहने लगे) हाय हमारी शामत कि हम तो इस (दिन) से ग़फलत
ही में (पड़े) रहे बल्कि (सच तो यूँ है कि अपने ऊपर) हम आप ज़ालिम थे (97)
(उस दिन किहा जाएगा कि ऐ कुफ़्फ़ार) तुम और जिस चीज़ की तुम खु़दा के
सिवा परसतिश करते थे यक़ीनन जहन्नुम की ईधन (जलावन) होंगे (और) तुम सबको
उसमें उतरना पड़ेगा (98)
अगर ये (सच्चे) माबूद होते तो उन्हें दोज़ख़ में न जाना पड़ता और (अब तो) सबके सब उसी में हमेशा रहेंगे (99)
उन लोगों की दोज़ख़ में चिंघाड़ होगी और ये लोग (अपने शोर व ग़ुल में) किसी की बात भी न सुन सकेंगे (100)
आपका-अख्तर खान "अकेला"
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 अक्टूबर 2025
और लोगों ने बाहम (इक़तेलाफ़ करके) अपने दीन को टुकड़े -टुकड़े कर डाला (हालाँकि) वो सब के सब हिरफिर के हमारे ही पास आने वाले हैं
06 अक्टूबर 2025
कोटा शहर , कोटा देहात के भावी जिला अध्यक्ष सर्च ऑपरेशन में , कांग्रेस की रीती ,, निति , संविधान , संगठन निर्वाचन , विधि नियम और खासकर राहुल गांधी के टेलेंटेड जिला अध्यक्ष सर्च फार्मूले की खुले रूप से अनदेखी की जा रही हैं ,
विनती कोटा के रावण जी से
विनती कोटा के रावण जी से ----------------------------------रावण तुमको मरना होगा। मरना होगा, मरना होगा। हर हाल में जलना होगा । वर्ना सुसाइड करना होगा। दुनिया के सबसे ऊंचे हो। बामुश्किल इस कद पहुंचे हो। अखबारों में खूब छपे हो। जेबी चैनल रचे बसे हो। तुम्हें बनाया है जिसने। मन से देवता माना उसने। भ्रष्टाचार से डरना होगा। शिष्टाचार में रहना होगा। मन की बातें मन ही जाने। झूठ का दुखड़ा सहना होगा। कसम तुम्हें कचोरी की। कोचिंग के हमजोली की। हर हालत में खपना होगा। जलना होगा जलना होगा। रावण तुमको मरना होगा। असत्य पर सत्य की जीत का जश्न होगा। भले ही रावणी मन होगा। सत्य निश्चित ही खिन्न होगा। इस बार हमारी मान भी जाओ। पन्नालाल की पकोड़ी खाओ। अगली बार फिर आ जाना। गर्व से सीना तान डट जाना। बारिश आंधी बिजली ओले, इनसे ना घबराना। खबर मिलेगी रोज नई, अखबारी सुर्खी बन जाना। महिमामंडित नेताओं की कुर्सी पक्की कर जाना। लेकिन--- हम कहें वही करना होगा। रावण तुमको मरना होगा। मरना होगा मरना होगा। -ओम कटारा
और (हम ही ने) बड़े ज़ोरों की हवा को सुलेमान का (ताबेए कर दिया था) कि वह उनके हुक्म से इस सरज़मीन (बैतुलमुक़द्दस) की तरफ चला करती थी जिसमें हमने तरह-तरह की बरकतें अता की थी और हम तो हर चीज़ से खू़ब वाकि़फ़ थे (और) है
और (हम ही ने) बड़े ज़ोरों की हवा को सुलेमान का (ताबेए कर दिया था) कि वह
उनके हुक्म से इस सरज़मीन (बैतुलमुक़द्दस) की तरफ चला करती थी जिसमें
हमने तरह-तरह की बरकतें अता की थी और हम तो हर चीज़ से खू़ब वाकि़फ़ थे
(और) है (81)
और जिन्नात में से जो लोग (समन्दर में) ग़ोता लगाकर (जवाहरात निकालने
वाले) थे और उसके अलावा और काम भी करते थे (सुलेमान का ताबेए कर दिया
था) और हम ही उनके निगेहबान थे (82)
(कि भाग न जाएँ) और (ऐ रसूल) अय्यूब (का कि़स्सा याद करो) जब उन्होंने
अपने परवरदिगार से दुआ की कि (ख़ुदा वन्द) बीमारी तो मेरे पीछे लग गई है
और तू तो सब रहम करने वालो से (बढ़ कर है मुझ पर तरस खा) (83)
तो हमने उनकी दुआ कु़बूल की तो हमने उनका जो कुछ दर्द दुख था रफ़ा कर दिया
और उन्हें उनके लड़के बाले बल्कि उनके साथ उतनी ही और भी महज़ अपनी ख़ास
मेहरबानी से और इबादत करने वालों की इबरत के वास्ते अता किए (84)
और (ऐ रसूल) इसमाईल और इदरीस और जु़लकिफ़ली (के वाक़यात से याद करो) ये सब साबिर बन्दे थे (85)
और हमने उन सबको अपनी (ख़ास) रहमत में दाखि़ल कर लिया बेशक ये लोग नेक बन्दे थे (86)
और ज़वालऐ नून (यूनुस को याद करो) जबकि गुस्से में आकर चलते हुए और ये
ख़्याल न किया कि हम उन पर रोज़ी तंग न करेंगे (तो हमने उन्हें मछली के
पेट में पहुँचा दिया) तो (घटाटोप) अँधेरे में (घबराकर) चिल्ला उठा कि
(परवरदिगार) तेरे सिवा कोई माबूद नहीं तू (हर ऐब से) पाक व पाकीज़ा है
बेशक मैं कुसूरवार हूँ (87)
तो हमने उनकी दुआ कु़बूल की और उन्हें रंज से नजात दी और हम तो ईमानवालों को यूँ ही नजात दिया करते हैं (88)
और ज़करिया (को याद करो) जब उन्होंने (मायूसी की हालत में) अपने
परवरदिगार से दुआ की ऐ मेरे पालने वाले मुझे तन्हा (बे औलाद) न छोड़ और तू
तो सब वारिसों से बेहतर है (89)
तो हमने उनकी दुआ सुन ली और उन्हें यहया सा बेटा अता किया और हमने उनके
लिए उनकी बीवी को अच्छी बना दिया इसमें शक नहीं कि ये सब नेक कामों में
जल्दी करते थे और हमको बड़ी रग़बत और ख़ौफ के साथ पुकारा करते थे और हमारे
आगे गिड़गिड़ाया करते थे (90)
05 अक्टूबर 2025
कोटा राजकीय महाविद्यालय के पूर्व छात्र संघ खेल सचिव ,, बाबा जंगलीशाह भवँर शाह तकिया वक़्फ़ सम्पत्ति के पूर्व सचिव , शिक्षाविद , समाजसेवक ,, एडवोकेट मोहम्मद अली सय्यद को उनकी सालगिराह पर पुरखुलूस खुशहाली , सह्तयाबी , उम्रदराज़ी , तरक़्क़ी की दुआओं के साथ मुबारकबाद बधाई ,