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06 जनवरी 2024

प्रशिक्षण पर आए जवानों ने जाना क्या होता है,नेत्रदान त्वचा दान

  प्रशिक्षण पर आए जवानों ने जाना क्या होता है,नेत्रदान त्वचा दान
2. प्रशिक्षण पर आए 300 जवानों के साथ नेत्रदान त्वचा दान पर विशेष कार्यक्रम

हाडोती संभाग में शाइन इंडिया फाउंडेशन पिछले 11 वर्षों से नेत्रदान अंगदान और देहदान के लिए अनवरत कार्य कर रहा है संस्था के माध्यम से पूरे हाडोती संभाग में घर-घर तक नेत्रदान का संदेश जा चुका है,अब किसी भी घर में कोई मृत्यु होती है,तो परिजन स्वत ही आगे जाकर उनके नेत्रदान के कार्य संपन्न करवाते हैं।

कार्यालय पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) राजस्थान, जयपुर से उपमहानिरीक्षक पुलिस (प्रशिक्षण) श्री राहुल कोटोकी के आदेश अनुसार संभाग में उपस्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र पर नेत्रदान से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजित करना सुनिश्चित किया गया है ।

इसी क्रम में पुलिस ट्रेनिंग सेंटर झालावाड़ के एडिशनल एसपी गोपीचंद मीणा कमांडेंट (पीटीएस)  के मार्गदर्शन में शाइन इंडिया फाउंडेशन एवं आई बैंक सोसाइटी ऑफ़ राजस्थान के बीबीजे चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ द्धारा,नेत्रदान अंगदान और त्वचा दान के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई ।

ज्यादातर जवानों को यह भ्रांति थी कि,नेत्रदान की प्रक्रिया में पूरी आँख ली जाती है,परंतु डॉ गौड़ ने आँख के मॉडल से समझाया कि,नेत्रदान में सिर्फ कॉर्निया लिया जाता है, पूरी आँख को नहीं, इसमें किसी तरह का कोई रक्त नहीं निकलता है और ना ही चेहरे में कोई विकृति आती है।

अधिक जानकारी देते हुए डॉ गौड़ ने यह भी बताया कि, नेत्रदान के साथ-साथ ही त्वचा दान भी जले हुए लोगों के लिए और रोड दुर्घटना में गंभीर घायल होने की अवस्था में वरदान का काम करती है । आधे घंटे में मृत शरीर से प्राप्त होने वाली त्वचा 5 सालों तक काम आ सकती है ।

कमांडेंट साहिब गोपी चंद मीणा ने जवानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि, वह स्वयं भी अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ वर्ष 2011 में भवानीमंडी में ही भर चुके हैं, उसके बाद से काफी लोगों को वह स्वयं भी नेत्रदान के लिए प्रेरित करते हैं ।

संचित निरीक्षक लव कुमार ने भी नेत्रदान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि,हम अपने सेवा कार्य में थोड़ा सा बदलाव कर यदि नेत्रदान के कार्य को भी जनमानस तक पहुँचायेंगे, तो कॉर्निया की अंधता को निवारण करने में अपना अभूतपूर्व योगदान दे सकेंगे ।

नेत्रदान कार्यशाला में मंजूश्री स्नेह फाउंडेशन के अजय मोमिया का भी सहयोग रहा । कार्यशाला के उपरांत होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ विनोद पाटीदार और डॉ शिरीन ने उपस्थित जवानों को मौसमी बीमारियों से संबंधित उपचार कर दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया ।



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