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21 जुलाई 2023

अंगदान अभियान को मिल रहा है,प्रशासनिक सहयोग

 अंगदान अभियान को मिल रहा है,प्रशासनिक सहयोग

2. अंगदान से जीवनदान भी देश सेवा से कम नहीं हैं 
3. अंगदान महोत्सव के अंतर्गत शहर में हो रहे जागरूकता कार्यक्रम

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,नई दिल्ली द्धारा मिले आदेशों के अनुसार, जुलाई माह में अब प्रतिवर्ष अंगदान जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किए जा सकेंगे । इसके साथ ही 3 अगस्त को पूरे भारतवर्ष में राष्ट्रीय अंगदान दिवस मनाया जाएगा ।

इसी कार्यक्रम के अंतर्गत कोटा शहर में भी शाइन इंडिया फाउंडेशन और गोयल प्रोटीन्स, कसार के सहयोग से पूरे जुलाई माह में अंगदान महोत्सव मनाया जा रहा है, इस महोत्सव के दौरान हाड़ौती संभाग में अंगदान के विषय पर जागरूकता कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है,एवं अंगदान अभियान को जन अभियान बनाने के लिए शहर के शीर्ष-प्रशासनिक अधिकारियों को भी इस अभियान में साथ लिया जा रहा है । 

संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन के कार्यों की सराहना करते हुए कोटा संभाग पुलिस महानिरीक्षक श्री प्रसंन्न खमेसरा ने कहा कि, अंगदान और आधुनिक चिकित्सा सेवा से, अब ऐसे व्यक्तियों का जीवन आसानी से बचाया जा सकता है,जो कि अंगों के बीमार और ख़राब होने के कारण मृत्यु को प्राप्त हो सकते हैं । 

कोटा जिला कलेक्टर श्री ओ पी बुनकर ने भी अंगदान के विषय में जानकारी देते हुए कहा कि,ऐसे मरीज जो कि ब्रेनडेड की अवस्था में हैं ,जिनका जीवन बचना मुश्किल है,और वह मृत्यु को प्राप्त होने वाले हैं,उनके परिजन, ब्रेनडेड मरीज़ के अंगदान करवाकर पुण्य आत्मा को अन्य चार-पाँच व्यक्तियों में जीवित रख सकते हैं ।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री भगवत सिंह हिंगड़ ने भी अंगदान महादान की मुहिम को संबल प्रदान करते हुए कहा कि,आने वाले समय में अंगदान के माध्यम से जीवन बचाना काफी आसान हो जाएगा लेकिन परिजनों को उसके लिए अधिक से अधिक जागरूक करना जरूरी है । सामाजिक संस्थाओं और संगठनों को आगे आकर अंगदान अभियान को जन अभियान बनाना होगा ।

स्कूल शिक्षा,कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक श्री सुरेंद्र सिंह गौड़ ने भी अंगदान के बारे में अपने विचार रखते हुए कहा कि,जल्दी ही संस्था को संभाग के सभी राजकीय और निजी विद्यालयों में अंगदान की कार्यशालाओं के लिए आदेशित किया जा सकेगा ।  नए आदेशों के अनुसार जल्दी ही कक्षा 8 के सिलेबस में नेत्रदान-अंगदान के विषय को भी जोड़ने हेतु कार्य किया जा रहा है ।

ज्ञात हो कि राजस्थान में जयपुर के बाद,सबसे पहली ब्रेन डेड कमेटी वर्ष (2016) में और ब्रेनडेड व्यक्ति के अंग मेडिकल कॉलेज में ही निकलवाने के लिये कोटा मेडिकल कॉलेज को एनटीओआरसी (2020) की परमिशन दिलाने में संस्था शाइन इंडिया फाउंडेशन का काफी सहयोग रहा था। 


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