एक अमीर औरत पीर साहब के पास गई और कहा कि:
पीर साहब मुझे कोई ऐसा तावीज़ दें कि मेरा शौहर मेरी हर बात माने जो भी मैं कहूं वो मेरे ताबे हो जाए...
पीर साहब भी दूर अंदेश इंसान थे उन्होंने उस औरत की बात गौर से सुनी और कहा कि:
ये अमल तो शेर की गरदन के बाल पर होगा- और वो बाल भी आप खुद शेर की गर्दन से उखाड़ कर लाएंगी- तब असर होगा वरना कोई फायदा नहीं होगा...
वो औरत बहुत परेशान हो गई और मायूस होकर वापस आ गई---- और अपनी सहेलियों को बताया--- एक सहेली ने मशवरा दिया कि:
काम तो मुश्किल है मगर नामुमकिन नहीं---- तुम ऐसा करो कि रोज़ाना पांच किलो गोश्त लेकर जंगल जाया करो और जहां शेर आता है वहां डाल कर छुप जाओ--- कुछ अरसे बाद शेर के सामने जाकर डालो वो गोश्त का आदी हो जाएगा--- तुम उसके क़रीब जाकर गोश्त डालना शुरू कर देना और उसकी गर्दन पर प्यार से हाथ फेरना शुरू कर देना जब शेर तुम से मानूस हो जाए तो गर्दन से बाल उखाड़ लेना....
उस औरत को बात पसंद आई- दूसरे दिन ही उसने गोश्त लिया और जंगल गई और गोश्त डाल कर छुप गई--- शेर आया गोश्त खाया और चला गया-
उस औरत ने एक माह तक ऐसा किया--- एक माह बाद उसने शेर के सामने जाकर गोश्त डालना शुरू कर दिया ताकि शेर को पता चल सके कि उसकी खिदमत कौन कर रहा है-- कुछ अरसे बाद शेर भी औरत से मानूस हो गया था, औरत ने शेर की गर्दन पर आहिस्ता आहिस्ता प्यार से हाथ फेरना शुरू कर दिया---- एक दिन औरत ने मौक़ा देखकर शेर की गर्दन से बाल उखाड़ा और खुशी खुशी पीर साहब के पास पहुंच गई---- और बाल पीर साहब को दिया और कहा कि:
मैं शेर की गर्दन से बाल उखाड़ कर ले आई हूं अब आप अमल शुरू करें....※
पीर साहब ने पूछा कि:
कैसे लाई हो ? तो औरत ने पूरी तफ्सील बता दी.....※
पीर साहब मुस्कुराए ! और कहा कि:
क्या तुम्हारा शौहर उस जंगली दरिंदे से भी ज़्यादा ख़तरनाक है ?? जो कि खूंखार होता है जिसकी तुमने चंद दिन खिदमत की और वो तुम से इतना मानूस हो गया कि तुमने उसकी गर्दन से बाल उखाड़ लिया और उसने तुम्हे कुछ भी नहीं कहा,तुम्हारे शौहर के साथ भी पेट लगा हुआ है तुम उसकी खिदमत करो,जब जंगली दरिंदा खिदमत से इतना मानूस हो सकता है तो एक बा शऊर इंसान भी आपके ताबे हो सकता है.....
अपने शौहर की खिदमत सिर्फ और सिर्फ अल्लाह की रज़ा के लिए करें फिर देखें अल्लाह आपके घर को कैसे जन्नत बनाता है......!!!!
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