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30 मई 2022

ट्रेन से भवानीमंडी पहुँचकर,सम्पन्न किया नैत्रदान

 ट्रेन से भवानीमंडी पहुँचकर,सम्पन्न किया नैत्रदान

2. 120 किलोमीटर दूर ट्रेन से जाकर,ले आये दो दृष्टिहीनों के लिये रौशनी 


शाइन इंडिया फाउंडेशन एवं आई बैंक सोसाइटी के बीबीजे  चैप्टर के सहयोग से,हाड़ौती क्षेत्र का नेत्रदान अभियान अब प्रदेश में उत्कृष्ट स्थान बनाने के साथ-साथ देश में भी अपनी पहचान बनाने लगा है । संस्था के अनवरत जागरूकता अभियान के कारण हाड़ौती संभाग में एक भी दिन ऐसा नहीं निकलता है जहां पर नेत्रदान के संदर्भ में कोई संकट पत्र नहीं भरता हो ।

कोटा के पास के क्षेत्र भवानी मंडी में नेत्रदान का प्रतिशत संपूर्ण हाड़ौती में सबसे ज्यादा है, भवानी मंडी से अब तक 57 जोड़ी नेत्रदान प्राप्त हो चुके हैं, जो कि कोटा संभाग के अन्य बड़े शहरों जैसे बूंदी,बाराँ और झालावाड़ से प्राप्त नेत्रदानों से कई ज्यादा है ।

इसी क्रम में कल रामद्वारा के सामने,भवानी मंडी निवासी इलेक्ट्रॉनिक्स व्यवसायी श्रीमान शशिकांत जी माहेश्वरी (68 वर्षीय) का शाम को आकस्मिक निधन हो गया । अचानक ही हुई इस घटना से परिवार के सभी लोग शोक में आ गये, सामाजिक कार्यों सदा अग्रणी रहने वाले शशिकांत जी के छोटे भाई गोविंद जी भराड़िया ने तुरंत ही शोक के असर को कम करने के लिए,शशिकांत जी के दोनों बेटे रवि और कपिल को पिता जी के नेत्रदान करवाने के लिए समझाया ।

भवानी मंडी का यह भराडिया परिवार सभी तरह के सामाजिक कार्य में सदा अग्रणी रहा है एवं शशिकांत जी भी दान पुण्य के कार्य में हमेशा सहयोग करते रहते थे,दोनों बेटों से सहमति मिलते ही,गोविंद जी ने तुरंत ही नेत्रदान के कार्य लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल जी को संपर्क किया ।

कमलेश दलाल जी की सूचना के बाद कोटा से ईबीएसआर,बीबीजे कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ भवानीमंडी के 120 किलोमीटर के सफ़र पर तुरंत ही ट्रेन से रवाना हो गये। घर पर सभी परिजनों, रिश्तेदारों एवं समाज सदस्यों के मध्य डॉ गौड़ ने नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया , समाजसेवी स्वभाव के होने के कारण शशिकांत की मृत्यु के बाद घर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे, महिलाओं सहित उपस्थित सभी लोगों ने नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा ।

शाइन इंडिया फाउंडेशन व बीबीजे चेप्टर के सहयोग से यह भवानीमंडी से प्राप्त 57 वाँ नेत्रदान है, एवं इस वर्ष का 6 वाँ नेत्रदान है ।


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