भारत
के अधिकतम मुस्लिम ,,हिन्दू ,,,सिक्ख ,,ईसाई और बुद्धिजीवी जो गैर
राजनितिक है वोह स्पष्ट रूप से इस मत के है के भारतीय संविधान की धारा तीन
सो सत्तर ,जिसे कश्मीर की हद तक खत्म किया है ,,तीन सो इकत्तर जिसमे ,
महाराष्ट्र ,,दिल्ली ,,गुजरात वगेरा को विशिष्ट राज्य का दर्जा दिया है
उसे हटा देना चाहिए ,,,,,कॉमन सिविल कोड तैयार कर देश के हर नागरिक को
बिना किसी जाती ,,धर्म ,,समुदाय ,,भाषा ,, क्षेत्रीयता के ,,,,,बिना किसी
आरक्षण के ,,समानता का अधिकार दिया जाकर कॉमन सिविल कोड सबके लिए नौकरी
,,सबके लिए शिक्षा ,, सबके लिए चिकित्सा ,,सबके लिए न्याय का बिना किसी
आरक्षण के लागू कर संविधान में स्पष्ट संशोधन किया जाए ,,देश इस सरकार से
जादुई चिराग की तरह इस परिवर्तन की तवक़्क़ो करता है ,,,,,,,,,,,,
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
29 मई 2022
भारत के अधिकतम मुस्लिम ,,हिन्दू ,,,सिक्ख ,,ईसाई
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