मशहूर किस्सा है..
एक व्यक्ति ने अजगर पाला। वह अजगर को बहुत प्यार से रखता उसका खूब ख्याल रखता।
अजगर के प्रति व्यक्ति का प्रेम दिनों दिन बढ़ता गया। इतना बढ़ गया कि वह उसके साथ ही खाता पीता। यहाँ तक कि बिस्तर पर उसे साथ लेकर सोता। दोस्त उसे समझाते भी ध्यान से रहो काट खाएगा। परन्तु वह किसी की नही सुनता।
हर बार यही कहता, मुझे अजगर पर पूर्ण विश्वास है। वह मेरे भाई जैसा है। वह उसके प्रेम में पूरी तरह डूब गया।
कुछ दिनों बाद अचानक से अजगर के स्वभाव में परिवर्तन आने लगा। वह व्यक्ति के साथ चिपककर सोने लगा। रात भर वह अपने शरीर को लहराता। कुछ दिन बाद उसने खाना पीना भी छोड़ दिया। वह व्यक्ति साँप को तुरंत डॉ के पास लेकर पहुंचा।
डॉ ने पूछा:- क्या अजगर आपके साथ सोता हैं।
व्यक्ति:- हाँ ..
डॉ:- क्या ?? .. क्या अजगर रात मे खुद का शरीर स्ट्रेच(फैलाता) करता हैं।
व्यक्ति:- आश्चर्य मे, हाँ .. डॉ साब।
डॉ:- अजगर कोई बीमार नही हैं। वह सिर्फ आपको निगलना चाहता हैं। जब आप उसे लाये तब वह छोटा था इतना सक्षम नही था। आपकी खिलाई पिलाई औऱ प्यार से अब ये इतना सक्षम हैं कि अपने शरीर को फैलाकर आपको निगल सके। आपके सोते ही वह प्रयास में लग जाता हैं। लेकिन असफल होने पर उदास हो जाता हैं।
अब उसका एकमात्र लक्ष्य आपको निगलना हैं। अतः अब वह दूसरा भोजन करना नही चाहता।
डॉ की बात सुनकर व्यक्ति के पैरों तले जमीन खिसक गई।
***********
ये कहानी उन सभी मासूमों के लिये सबक की तरह है जो आज भी एकतरफा गंगा जमुनी तहजीब, सो कॉल्ड सेक्युरिज्म, ढोंगी लिब्रिजम में गहरे तक डूबे हुए है। सक्यूरिज्म, लिब्रिजम के आहार ने उस अजगर को इतना बड़ा कर दिया कि अब वे आपको निगलने की फिराक मे हैं।
यदि आपके शहर में धार्मिक जुलूस शांति से निकल गए तो ये मत समझियेगा कि आपके शहर का अजगर अच्छा है बल्कि अभी उनका आकार छोटा है या आपके शहर का सपेरा(प्रशासन) कुशल है.
उनका एक ही लक्ष्य हैं अपनी संख्या बढ़ाना ताकि आपके संख्या के आसपास होते ही आपको निगल सके।
अमरनाथ यात्रा पर फुफकारने वाले अजगर आपके शहर तक आ गए..
और अभी भी कुछ मासूम आल इज वेल कर उनका तुष्टिकरण करने में व्यस्त है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)