डॉक्टर प्रभात कुमार जी सिंघल का दर्द,
एक धरोहर तो रहने दो
पत्रकारों का काम हाथो हाथ करते हैं। हम इनकी कार्य शैली से संतुष्ट हैं। अधिकारियों से बेहतर ताल मेल है। जनता जनार्दन से भी इनका अच्छा सम्पर्क है। जब हमें कोई परेशानी नहीं तो इन्हें कोटा से क्यों तबादला किया जा रहा है? क्या इन्हें अच्छे काम का यह पुरस्कार दे रहे हो आप । ऐसे ही सवालों की बौछार हो रही थी सूचना एवं जन सम्पर्क मंत्री श्री अशोक बैरवा पर। उन्होंने कोटा के सर्किट हाउस में 4 जनवरी 2012 को पत्रकार वार्ता बुलाई थी। पत्रकार आक्रोशित और उद्वेलित थे कि अथक परिश्रमी और सबसे मधुर संबंध रखने वाले उनके प्रिय अधिकारी सहायक निदेशक डॉ.प्रभात कुमार सिंघल का अकारण उदयपुर तबादला कर दिया गया था।
**मंत्री सफाई देते रहे की अच्छे अधिकारी की सब जगह जरूरत होती है। कुछ दिन उदयपुर भी सेवा करने दो। एक वरिष्ठ पत्रकार बोला ऐसा करो सूचना केंद्र को ताला लगा दो। दूसरे ने कहा हमारे हित को देखने समझने वाला ऐसा अधिकारी आज तक नहीं आया, क्या आप इस कार्यालय का काम बिगाड़ना चाहते हो? मंत्री ने उनके इस रवैए पर जरा खिन्न हो कर कहा तबादला कोई दंड नहीं है, निरस्त नहीं होगा।
** पत्रकारों ने सस्वर कहा हम पत्रकार वार्ता नहीं चलने देंगे और यहीं धरने पर बैठ जाएंगे। हमें तो इनकेे तबादलेे को रद्द करने का आश्वासन चाहिए। तबादले को लेकर हुई इस नोक झोंक में करीब आधा घंटे का समय बीत गया।पत्रकार वार्ता शुरू नहीं हो पा रही थी। आखिरकार मंत्री जी को कहना पड़ा मुझे खुशी है कि सिंघल के प्रति आप लोगों का इतना स्नेह है। अभी इन्हें जाने दो और में आपको आश्वस्त करता हूं कि तीन महीने में वापस कोटा भेज देंगे।
** मंत्री जी के आश्वासन के बाद बात कुछ संभली और पत्रकारों ने भरे मन से कहा हम तो तबादला रद्द करना चाहते थे, पर आपने तीन माह की बात कही है तो निवेदन है कि इन्हें जरूर वापस कोटा ले आना। करीब पौन घंटे बाद पत्रकार वार्ता शुरू हुई। इस बीच भी तबादले का सवाल रह रह कर उठता रहा। मंत्री जी भी इतने विकल थे कि बस जैसे तैसे पत्रकार वार्ता पूरी की।
** अगले दिन इसी को लेकर राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित टिप्पणी " एक धरोहर तो रहने दो" को लेकर मंत्री जी ने सुबह ही मुझे सर्किट हाउस बुलवाया। कहने लगे मुझे तुम्हारे काम से किसी प्रकार की समस्या नहीं है। मैंने देखा पत्रकारों में भी लोकप्रिय हो। उदयपुर के कार्यालय की कुछ समस्या है इसी लिए आप जैसे अनुभवी अधिकारी को लगाया है। आप एक बार ज्वॉइन करले, मेरा कहना मानोगे तो तीन महीने में वापस कोटा लगा देंगे। मैंने उदयपुर ज्वॉइन कर लिया। पर एक सवाल से मन खिन्न रहा की मुझ से क्या गलती हो गई जिसका दंड भुगतान पड़ रहा है
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