नेत्रदान जागरूकता बढ़ाने के लिये,बच्चों ने किया अनूठा प्रयोग
2. कोटा का ऐसा पहला मोहल्ला जहां बच्चों ने घर-घर दिया नेत्रदान का संदेश
3. शॉर्ट मूवी में नेत्रदान प्रक्रिया को देख 32 लोगों ने लिया नेत्रदान संकल्प
रविवार
को,जाट समाज के पीछे स्थित नागेश्वर मंदिर, के आसपास के दायरे में रहने
वाले लोगों ने शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ इस नेत्रदान जागरूकता कार्यशाला
का आयोजन किया । इसके लिए मोहल्ले के बच्चों ने बड़ों के नेतृत्व में घर
घर जाकर जागरूकता शिविर के लिए परिवार के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया ।
कार्यशाला के आयोजक पूर्णिमा बंसल और अमित अग्रवाल जी ने बताया कि इस
कार्यशाला में मोहल्ले के हर उम्र,वर्ग और समाज के व्यक्ति को आमंत्रित
किया था ।
कार्यशाला में
नैत्रदानी परिवार के अलावा,वह लोग भी आमंत्रित थे ,जिनको नैत्रदान में मिली
आँख (कॉर्निया) का प्रत्यारोपण हुआ,और जो नेत्रदान की जानकारी के अभाव
में,शोक के समय पर नेत्रदान नहीं करा सके । नेत्रदान जागरूकता की इस
कार्यशाला में 100 से अधिक लोगों ने भाग लिया ।
कार्यक्रम
का संचालन कॉलोनी श्रीमति कुसुम डंग ने किया,उन्होंने नेत्रदान की
उपयोगिता के बारे में जानकारी देते हुए संस्था के कार्य और उपलब्धियों के
बारे में विस्तार से विवरण दिया । इसके उपरांत शाइन इंडिया फाउंडेशन के
संस्थापक डॉ कुलवंत गौड़ और डॉ संगीता गौड़ ने नेत्रदान की प्रक्रिया व
भ्रांतियों के निवारण के बारे में विस्तार से जानकारी दी ।
कार्निया
प्रत्यारोपण के बाद सुगमता से अपना जीवन व्यतीत कर रहे आकाशवाणी निवासी
श्री महेंद्र यादव जी ने बताया कि,किसी पुण्य आत्मा ने अपने नेत्रदान
किये,तब ही मैं आज अपना जीवन अच्छे से आनंद के साथ जी रहा हूँ, यदि दान में
मुझे आंख नहीं मिली होती तो,शायद मेरा जीवन परेशानी में ही निकल जाता ।
स्टेशन
क्षेत्र निवासी,एडवोकेट मनोज जैन ने माताजी के नेत्र दान करवाने के उपरांत
अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि उन्होंने अपनी माताजी की इच्छा को पूरा किया
यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि है, महावीर नगर विस्तार योजना निवासी
अंकिता जांगिड़ को इस बात का दुख था कि, वह नेत्रदान जैसे पुनीत कार्य से
अनभिज्ञ थी,काश उनके पति के देहांत के समय यदि उन्हें इसके बारे में
जानकारी होती तो शायद वह अपने पति को किसी की आँखों में जीवित रख पाती ।
कार्यक्रम
में उपस्थित श्रीमती अमोलक देवी मनोनीत वार्ड पार्षद ने कहा कि इस शिविर
को लगाने का सबसे अधिक फायदा यह रहा कि,काफी सारे लोग जो कि नेत्रदान के
बारे में विस्तार से जानना चाहते थे,वह पूरी जानकारी ले पाए और अपना
नेत्रदान का संकल्प भी कर पाए ।
कार्यशाला
में स्वीकृति गालव द्धारा बनायी गई,नेत्रदान को प्रेरित करती एक लघु फ़िल्म
भी दिखाई गई,उससे प्रेरित होकर,कॉलोनी के 32 सदस्यों ने अपने नैत्रदान का
संकल्प पत्र भरा,इसी अवसर पर सेवानिवृत्त सीआरपीएफ श्री ऐ के अग्रवाल ने
अपनी पत्नि सरोजलता अग्रवाल के साथ देहदान का संकल्प पत्र भरा ।
कार्यशाला
में संगीता चौधरी, मीनाक्षी शर्मा,उमा गोयल, भव्या गोयल,श्रष्टि
बंसल,दीपांकशी पारेता, ललिता पारेता,आँचल जैन,रुचि जैन,स्नेह कुमार
गुप्ता,रमा गुप्ता ,सुरेश शर्मा,लता शर्मा,पूर्णिमा बंसल,ज्ञान प्रकाश
सिंघल,नीलम सेन,अन्नू राथल, अनिता राथल,आयुष शर्मा,प्रीति अदलक्खा, ने अपने
नैत्रदान संकल्प भरे।
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