साहब भूखा हूँ रोटी दो ना, यह आपका कर्तव्य है, चुप गद्दार राष्ट्रवादी बन , अच्छा साहब , साहब रोज़गार दो ना, घर खर्च चलाना है , चुप गद्दार देखता नहीं उनकी ऐसी तेसी कर रखी है अपन ने , साहब महंगाई हज़ारों गुना बढ़ गयी , अब सहन नहीं होती , चुप गद्दार , हम अस्सी प्रतिशत लोग खतरे में है और तुझे फालतू बातें पढ़ी है , टी वी देख , अखबार पढ़ , मेरे भाषण सुन , इनमे क्या यह कोई समस्या है , ओर नहीं तो जा तू पाकिस्तान चला जा ,, आज के हालात का सारांश
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