जिले की 110 शिक्षिकाओं के साथ अंगदान विषय पर जागरुकता कार्यशाला
राज्य
सरकार द्वारा प्रत्येक ब्लॉक में कक्षा 6 से 12 तक की बालिकाओं के लिए
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण देने की एक नई पहल प्रारंभ की गई है ।
शिविर प्रभारी कोटा ब्लॉक से श्री मुकेश चतुर्वेदी ने बताया कि इस
प्रशिक्षण शिविर में शिक्षिकाओं के माध्यम से छात्रों में आत्मरक्षा के
गुणों को सिखाया जाता है ।
इसी
शिविर में नेत्रदान अंगदान और देहदान के लिए कार्य कर रही है संस्था शाइन
इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक से डॉ कुलवंत गौड़ और डॉ संगीता गौड़ ने उपस्थित
शिक्षिकाओं को नेत्रदान की प्रक्रिया,महत्वता और उपयोगिता के बारे में
विस्तार से जानकारी दी ।
डॉ
संगीता ने कहा कि बतौर अध्यापक आप जहाँ पर भी पदस्थापित हैं,वहाँ पर छठी
क्लास से आठवीं क्लास तक के बच्चों के साथ नेत्रदान अंगदान की कार्यशाला
आयोजित करवाने का प्रयास कीजिए,जिससे इस अभियान में बच्चों के साथ-साथ
परिवार के अन्य सदस्य भी जुड़ सकेंगे ।
डॉ
कुलवंत गौड़ ने नेत्रदान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि,यदि
नेत्रदाता की उम्र 10 से 20 साल के बीच में रहती है, तो एक कॉर्निया अधिकतम
5 लोगों को लगाया जा सकता है, इस तरह से एक मृत्यु से प्राप्त दो कॉर्निया
6 से 10 लोगों में आसानी से प्रत्यारोपित किया जा सकता है, मृत्यु के
उपरांत नेत्रदान ही एक ऐसा पुनीत कार्य है,जो मनुष्य जन्म को सार्थक बना
पाता है।
कार्यशाला के
उपरांत 28 शिक्षिकाओं ने नेत्रदान के संकल्प पत्र भरे,और यह भी आश्वासन
दिया कि,शीघ्र ही उनके विद्यालय में नैत्रदान जागरूकता कार्यशाला का आयोजन
किया जायेगा ।
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