रेल मंत्री ने कहा, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह सभी स्टेशनों पर बनेगा ट्रैक के ऊपर एयर कांकोर, सीढ़ी हटाकर ट्रैवलेटर नुमा रैंप लगाए जाएंगे,,
इतिहास, इसके राजा सुराज सिंह शाह (सलाम) थे। इनके पुत्र निजाम शाह थे, जो बहुत बहादुर, निडर तथा हर कार्य में निपुण थे। उन्हीं से रानी कमलापति का विवाह हुआ। राजा निजाम शाह ने रानी कमलापति के प्रेम स्वरूप ईस्वी 1700 में भोपाल में सात मंजिला महल का निर्माण करवाया। रानी कमलापति का वैवाहिक जीवन खुशहाल था। उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम नवल शाह था। बाड़ी किले के जमींदार का लड़का चैन सिंह राजा निजाम शाह का भतीजा था।
वह कमलापति का विवाह हो जाने के बावजूद उनसे विवाह की इच्छा रखता था। उसने अनेक बार राजा निजाम शाह को मारने की कोशिश की, जिसमें वह असफल रहा। एक दिन प्रेमपूर्वक उसने राजा निजाम शाह को भोजन पर आमंत्रित किया और भोजन में जहर देकर धोखे से उनकी हत्या कर दी और रानी कमलापति को अकेले जानकर उन्हें पाने की नीयत से गिन्नौरगढ़ के किले पर हमला कर दिया। रानी कमलापति ने अपने कुछ वफादारों और 12 वर्षीय बेटे नवल शाह के साथ भोपाल में बने इस महल में शरण लेने का निर्णय लिया। कुछ दिन भोपाल में समय बिताने के बाद रानी कमलापति को पता चला कि भोपाल की सीमा के पास कुछ अफगानी आकर रुके हैं। इन अफगानों का सरदार दोस्त मोहम्मद खान था, जो पैसा लेकर युद्ध लड़ता था। लोक मान्यता है कि रानी कमलापति ने दोस्त मोहम्मद को एक लाख मुहरें देकर चैनसिंह पर हमला करने को कहा। दोस्त मोहम्मद ने गिन्नौरगढ़ के किले पर हमला कर किले को हड़प लिया। हमले में चैनसिंह मारा गया। किंतु फिर दोस्त मोहम्मद संपूर्ण भोपाल की रियासत पर कब्जा करना चाहता था। उसने रानी कमलापति को अपने हरम (धर्म) में शामिल होने और शादी करने का प्रस्ताव रखा। दोस्त मोहम्मद खान के इस नापाक इरादे को देखते हुए रानी कमलापति का 14 वर्षीय बेटा नवल शाह अपने 100 लड़ाकों के साथ लाल घाटी में युद्ध करने चला गया। घमासान युद्ध हुआ, जिसमें नवल शाह की दुखद मृत्यु हो गई।
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