नर्सिंग कर्मियों ने सामने देखी नैत्रदान प्रक्रिया
परिवार में परम्परा बन रहा है,नैत्रदान
नैत्रदान से नाम सार्थक कर गयी प्रकाश कौर जी ।
देर
रात शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र श्री भूपिंदर सिंह आनन्द जी की
मामी सरदारनी प्रकाश कौर जी (56 वर्षीया) की तबियत अचानक खराब हो गयी। उनको
तलवंडी के निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया,जहाँ इलाज़ के दौरान उनकी
मृत्यु हो गयी ।
भूपिंदर
सिंह जी काफ़ी समय से शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ जुड़कर कार्य कर रहे हैं ।
भूपेंद्र जी ने वर्ष 2000 में अपने भाई सुरेन्द्र पाल सिंह और वर्ष 2013
में अपनी माँ अमरजीत कौर का भी नैत्रदान करवाया हुआ है ।
इसी
क्रम में भूपिंदर जी ने तुरंत ही अपने मामा सरनजीत सिंह और इनकी दोनों
बेटियों बलप्रीत व कँवलप्रीत से प्रकाश जी के नैत्रदान करवाने की इच्छा
जाहिर की । जिस पर सभी ने तुरंत अपनी सहमति दे दी ।
सरनजीत
जी ने कहा कि प्रकाश शांत-प्रिय,मिलनसार व सदा चेहरे पर मुस्कान बनाये
रखने वाली महिला थी,उनका बहुत जल्दी दुनिया से चले जाना,हम सभी को दुखी कर
गया,पर इस बात की खुशी है कि,सही समय पर उनके नैत्रदान हो जाने से ,हमारे
साथ न रहकर भी,इसी दुनिया में किसी की आँख में रौशन बनकर तो रहेंगी । उनके
नैत्रदान से उनका "प्रकाश" नाम सार्थक हुआ ।
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