*चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना के भूखंड गैर पत्रकारों को देने पर राज. हाई कोर्ट की रोक *
कोटा:- राज. उच्च न्यायालय ने, नगर विकास न्यास की चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना के भूखंड, वंचित पत्रकारों को देने से पहले अन्यों को देने पर रोक लगा दी है.
माननीय न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा ने 27 - 5-2021 को अपने एक आदेश में नगर विकास न्यास कोटा को पाबंद किया है कि वह चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना के भूखंड विक्रय के कार्य को इस न्यायालय के अंतिम आदेश तक स्थगित रखे.
राज. उच्च न्यायालय ने नगर विकास न्यास कोटा को अपना पक्ष रखने के लिए दस सप्ताह का समय दिया है.
याद रहे नगर विकास न्यास कोटा की चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना 2002 से कोटा के बहुत से पत्रकार वंचित रह गए थे.
नगर विकास न्यास कोटा ने वंचित पत्रकारों को चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना भूखंड देने की जगह सार्वजनिक तौर पर बेचने का निर्णय लिया था.
बेचने की प्रक्रिया लगभग शुरू हो चुकी थी.
जिसका विरोध करते हुए भूखंड से वंचित पत्रकारों ने राज. उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
जिस पर उच्च न्यायालय ने यथास्थिति आदेश जारी किया. चाणक्यपुरी पत्रकार आवासीय योजना पत्रकारों के लिए बनी है. जिसमें भूखंड प्राप्त करने का पहला अधिकार पत्रकारों का है.
जिन्हें रियायती दर पर भूखंड दिए जाना है. नगर विकास न्यास कोटा के पत्रकारों के प्रति उपेक्षा रूप रवैय्या के खिलाफ भूखंड से वंचित पत्रकारों ने राजस्थान उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी.
राज. उच्च न्यायालय में रिट दायर करने वाले पत्रकार भारती परिहार-संपादक कलम की दस्तक, परवीन आरा - संपादक नव पुत्र, मुरलीधर शर्मा - संपादक नहले पर दहला, राजेंद्र सिंह चौहान- संपादक शाने चंबल, दीपक परिहार- संपादक नल नील, योगेंद्र योगी- संपादक अभिश्ता, स्वरूप चंद जैन - संपादक रूप सौंदर्य, नीतीश कुमार जैन-संपादक कोटा अमर, नूर अहमद पठान - संपादक राबता तहरीक, मुनीफुर रहमान- संपादक कोटा की अदालत है.
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