*जातिय और सामाजिक संगठनों को आगे आना चाहिए*
वर्तमान में कोरोनावायरस के कारण आम जनजीवन में तूफान मचा हुआ है, कोटा शहर में सबके घर हैं लेकिन ग्रामीण इलाके से आने वाले मरीज और उसके तीमारदारों के लिए बहुत मुश्किल है। ग्रामीण अंचल से आने वाले मरीज को अस्पताल में दिखाने की जरूरत है, भर्ती होने की नहीं लेकिन उसे क्वॉरेंटाइन होना है। वह कहां पर रुके, उसके तीमारदार कहां पर रुके।
ऐसी स्थिति में जातिय और सामाजिक संगठन उसके मददगार हो सकते हैं। कोटा शहर में सभी जातियों और सामाजिक संगठनों ने यूडी यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल और तत्कालीन चेयरमैन श्री हरिकृष्ण जोशी के समय में अनेक भूखंड यूआईटी से प्राप्त कर उन पर सामुदायिक भवन बनाया है, जो अभी वीरान पड़े हुए हैं। न्यू मेडिकल कॉलेज के सामने कुछ संस्थाओं को मरीज और तीमारदारों की व्यवस्था के लिए ही भूखंड मिले हैं और उन पर भवन बने हुए हैं। मेरा इन सभी जातिय और सामाजिक संस्थाओं से विनम्र अनुरोध है कि वे वहां पर कोरोना केयर सेंटर शुरू करें। आज सभी जातियां और सामाजिक संगठन सक्षम है, सभी के डॉक्टर भी है, नर्सिंग कर्मी भी है और सेवा करने वाले लोग भी हैं। अगर वहां पर मरीज और तीमारदारों की व्यवस्था करें तो लोगों को सहूलियत होगी और कोरोना से लड़ने मदद मिल सकेगी। सारी जिम्मेदारी सरकार के भरोसे छोड़कर बैठ जाने से महामारी से नहीं लड़ा जा सकता। मेरा सभी जातीय,सामाजिक और धार्मिक संगठनों से अनुरोध है कि वह आगे आयें और कोविड-19 केयर सेंटर संचालित कर लोगों के मददगार बनें।
*के एल जैन पत्रकार*
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