राजनितिक चिंतन , मंथन , निर्भीक लेखन की पहचान , एक दैनिक राष्ट्र दूत , जो अपनी निर्भीक लेखनी से , राष्ट्र का दूत बनकर , एक सकारात्मक संदेश देने का अव्वलीन अख़बार है , उस अख़बार के कोटा संस्करण में , कार्यरत, वरिष्ठ पत्रकार ,, मेरे अनुज , भाई श्याम रोहिड़ा , बेहतरीन प्रदर्शन , प्रबंधन की वफ़ादारी के साथ , कोटा पत्रकारिता से सेवानिवृत तो हुए ,, लेकिन उनकी दक्षता , उनके कामयाब पत्रकारिता की लेखनी , हुनर को देखते हुए उन्हें फिर से , राष्ट्रदूत के सम्पादन विभाग का हिस्सा बनाया गया है ,, भाई श्याम रोहिड़ा को उनकी बेदाग छवि के साथ सेवानिवृत्ति , और फिर से , उनकी निर्भीक क़लम के जोहर दिखाने के लिए , राष्ट्रदूत की सम्पादन , रिपोर्टिंग व्यवस्था का हिस्सेदार बनने पर बधाई ,, श्याम रोहिड़ा , पत्रकारिता में यूँ तो जाना माना नाम है , यह किसी परिचय के मोहताज नहीं ,, मुझे ख़ुशी है , के मेरे साथ , ,मेरे अनुज सहयोगी के रूप में , काम कर प्रशिक्षण लेकर , अपनी क़लम के जोहर दिखाने वाले भाई , श्याम रोहिड़ा ने पत्रकारिता , , समाचार प्रकाशन प्रबंधन , विज्ञापन व्यवस्था में ,नामवरी हांसिल कर , अव्वल दर्जा प्राप्त किया , और कोटा दैनिक राष्ट्रदूत समाचार पत्र के प्रकाशन , विज्ञापन , सम्पादन , रिपोर्टिंग के एक वफ़ादार , निर्भीक , निष्पक्ष , अटूट हिस्सेदार रहे ,, ,मेरी क़लम कहो , उनकी क़लम कहो , लगभग बात समान है , लेकिन श्याम जी का हुनर लाजवाब है , श्याम रोहिड़ा , कोटा के अब तक पहले ऐसे पत्रकार है , जिन्होंने सरकार के खर्च पर , राष्ट्रदूत समाचार के प्रतिनिधि के रूप में , मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के साथ ,, उनकी परिवर्तन यात्रा की खुलकर , निष्पक्ष रिपोर्टिंग की , फिर वसुंधरा राजे सिंधिया के , मुख्यमंत्री बनने पर , जब , इज़राइल में कुछ पत्रकारों , विधायकों को भेजकर , वहां की कृषि व्यवस्था , उत्पादन , प्रबंधन , की रिपोर्टिंग , लेखन के मामले में पत्रकारों का चयन होना था , तो विधानसभा अध्यक्ष रहें , सुमित्रा सिंह,, दो विधायक ,, भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयों के एक दल के साथ , कोटा ऐसे श्याम रोहिड़ा को चयनित कर , इज़राइल रिपोर्टिंग के लिए भेजा गया , श्याम रोहिड़ा ने , कम पानी में ,, रेगिस्तानी ज़मीन होते हुए भी , बेहतर प्रबंधंन से कैसे , बेहतर कृषि उत्पादन कर सकते यही , इसका अध्ययन कर , बेहतरीन रिपोर्टिंग , अपने राष्ट्रदूत अख़बार में की , जिसकी रिपोर्टिंग से तात्कालिक सरकार को भी मार्गदर्शन मिला , श्याम रोहिड़ा के इस यात्रा काल में , नौकरशाह के रूप में एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी , पक्षपात कर रहे थे , मनमानी कर रहे थे , जिसका कच्चा चिटठा इन्होने , मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया तक पहुंचाया , तो उन्हें तुरंत निलंबन किया गया ,, श्याम रोहिड़ा , यूँ तो मेरे अनुज छोटे भाई की तरह है , , लेकिन मुझे ख़ुशी है , के मेरे साथ रहकर , पत्रकारिता की क ख ग सीख कर , आज वोह खुद पत्रकारिता के , योद्धा कहो , गुरु , या महागुरु कहो , , एक बहतरीन पत्रकार रहते हुए , राष्ट्रदूत के सम्पादन विभाग से , बेदाग छवि के साथ सेवानिवृत हुए ,है फिर बधाई इस बात की , के इस सेवानिवृत्ति के बाद भी , उन्हें सेवानिवृति नहीं मिली , क्योंकि क़लम कभी बूढी नहीं होती , क़लम कभी रिटायर नहीं होती ,, इसलिए उनके अनुभवों के साथ , उनकी स्वच्छ छवि , पत्रकारिता की हुनरमंदी के साथ , कुशल प्रबंधन के साथ , श्याम रोहिड़ा को फिर से राष्ट्र दूत ने , अपने राष्ट्रिय समाचार के साथ , क़लम का दूत , यानि फिर से सम्पादन विभाग का सिरमौर बना दिया है ,,, दैनिक राष्ट्रदूत कोटा में पत्रकार , मेरे छोटे भाई ,श्याम रोहिड़ा को राष्ट्रदूत की सेवानिवृत्ति , और फिर राष्ट्रदूत में ,,पत्रकारिता कार्यों के साथ जुड़ने पर ,बधाई ,, श्याम रोहिड़ा ,,पत्रकारिता में जाना माना नाम ,, पहचान है ,,, मेरे साथ ,मेरे ही संपादन काल में ,,दैनिक धरती करे पुकार पत्रकारिता में प्रशिक्षित होकर ,माशा अल्लाह आज वोह पत्रकारिता के हर हुनर , यानी ,, रिपोर्टिंग ,,लेखन ,सम्पादन , मार्केटिंग , सर्कुलेशन प्रबंधन ,विज्ञापन व्यवस्था सहित हर विधा में पारंगत है ,, हंसमुख , मिलनसार स्वभाव के ,, श्याम रोहिड़ा , ,कोटा प्रेस क्लब भवन के फाउंडर दानदाता है ,, प्रेस क्लब की गतिविधियों ,चुनाव व्यवस्थाओं में इनकी महत्पूर्ण भूमिका रहती है ,,, कोटा के पत्रकारों के निजी समस्याओं के वक़्त भी यह अपने रसुकात से उनके वाजिब काम हमदर्द बनकर करवाते रहे है ,इसीलिए पत्रकारों साथियों में श्याम रोहिड़ा लोकप्रिय है ,, श्याम रोहिड़ा राजस्थान पत्रकार अधिस्वीकरण समिति के सदस्य भी रहे है ,, श्याम रोहिड़ा राजनितिक पत्रकारिता में भी अपना अलग हुनर रखते है ,राजनितिक रिपोर्टिंग , व्यवस्थाओं के खिलाफ तल्ख रिपोर्टिंग के लिए भी इनकी लेखनी के जोहर सभी जानते है ,यह क्रिकेट के खिलाडी के साथ ,साथ ,सभी पत्रकार साथियों में ,अपने हंसी मज़ाक़ के स्वभाव के कारण लोकप्रिय है ,,कोटा प्रेस क्लब के लिए आवंटित भूमि , की रजिस्ट्री और बक़ाया राशि जमा कराने को लेकर जब ,, आर्थिक संकट का दौर था तब गिनती के साथियों के साथ , श्याम रोहिड़ा भी , प्रेस क्लब भूखंड की बक़ाया जमा के साथ रजिस्ट्री के लिए मदद को आगे आये और आज , ,प्रेस क्लब भवन में , उनकी अपनी भावना , आर्थिक मदद के साथ ,उनकी आत्मीयता भी जुडी है ,, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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