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04 मई 2021

कोटा को गुले गुलज़ार करने के लिए , मेडिकल कॉलेज की मान्यता ,, कोटा को बी 2 का दर्जा , कोटा को विकसित करने के लिए ,,, आकशवाणी , दूरदर्शन ,, आई एल को पुनर्जीवित पैकेज दिलवाने वाले , मेग्नेट सिटी दर्जा दिलवाकर , ,कोटा को केंद्र और राज्य से कई सहूलियतें दिलवाने वाले , पूर्व केंद्रीय मंत्री , स्वर्गीय भुवनेश चतुर्वेदी का रविवार को जन्म दिन था

 कोटा को गुले गुलज़ार करने के लिए , मेडिकल कॉलेज की मान्यता ,, कोटा को बी 2 का दर्जा , कोटा को विकसित करने के लिए ,,, आकशवाणी , दूरदर्शन ,, आई एल को पुनर्जीवित पैकेज दिलवाने वाले , मेग्नेट सिटी दर्जा दिलवाकर , ,कोटा को केंद्र और राज्य से कई सहूलियतें दिलवाने वाले ,  पूर्व केंद्रीय मंत्री , स्वर्गीय भुवनेश चतुर्वेदी का रविवार को जन्म दिन था ,, 2 मई 1928 को जन्मे भुवनेश चतुर्वेदी को , उनके जन्म दिन पर , चाहे कोई याद करे ना करे , लेकिन सभी को हमेशा याद रखने वाले , भाई पंकज मेहता , सदस्य अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी , हमेशा याद रखते है ,,जबकि उनकी महिला कांग्रेस की  पूर्व अध्यक्ष   मुक्ता चतुर्वेदी ने भी उन्हे  याद किया ,, , यूँ तो कोटा के मीडिया के लिए वोह फ्रेंडली थे , खुद कोटा के मीडिया को , उनके इस जन्म दिन के वक़्त , उनके किये गये कामकाज के साथ याद करना था ,, लेकिन खेर , वक़्त निकल गया ,, कोन होता है , जो अज़ीम शख़्सियसतों को चले जाने के बाद याद रखता है ,, फिर भी में उन्हें , नमन करता हूँ , याद करता हूँ ,, कोटा में चबल शुद्धिकरण , हो या फिर उद्योगों के संचालन की वार्ता हो , कोटा के विकास के लिए बनी योजनाओं में , कोटा की हिस्सेदारी तय करना हो , उनका कोटा के लिए अकड़ जाना ,,  अढ़ जाना , लोगों को घर से बुलाकर , टिकिट दे देना , घर बैठे , लोगों को , केंद्रीय बढे बढे बैंकों में , संस्थाओं में ,डाइरेक्टर , मंत्री दर्जा ,सफाई आयोग का सदस्य बनवा देना ,, सरकार में मंत्री बनवाना , मुझे आज भी  याद आता है ,,, ,,,एक सादगी भरा जीवन  व्यतीत कर खुद को आकाश करने वाली ,कोटा की महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय शख्सियत पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गिय भुवनेश चतुर्वेदी की यादगार आदमक़द मूर्ति का लोकार्पण करने ,,उनके निजी मित्र ,पूर्व प्रधानमंत्री  मनमोहन सिंह लोकार्पण कार्यक्रम में  आना चाहते थे , लेकिन फिर वर्चुअल लोकार्पण हुआ , और तब से ही भुवनेश चतुर्वेदी की  याद में गोष्ठियां , उनके सम्मान में ,, कार्यक्रम होना लगभग थम गए है ,,,, कोटा से केंद्र सरकार के शीर्ष पद के नज़दीक पहुंची यह अज़ीम हस्ती ,, कोटा के  लिए चाहे सामान्य हो , लकिन देश , और अनतर्राष्ट्रीय शांति स्थापना के लिए भारत उनका ऋणी है ,,  ,,दोस्तों ,,बढ़ा होना ,बढ़ा ,दिखना ,,,बढ़ा होने का दिखावा करना ,,और बढ़ा हो जाना ,,सभी जुमलों में फ़र्क़ है ,,लेकिन २ मई को    जन्मे ,,इस साधु संत ने राजनीती को ईमानदारी ,,कर्त्तव्यनिष्ठा की नयी दिशा दी है ,,भुवनेश चतुर्वेदी कोटा में ही पले ,बढे ,यहां उनकी शिक्षा हुई ,कोटा में उन्होंने छात्र जीवन से ही नेतृत्व की क्षमता दिखाई ,,उन्होने कोटा से विधि स्नातक की परीक्षा पास कर ,यही शैक्षणिक उत्थान के लिए ,बाल मंदिर स्कूल शिक्षण संस्था की शुरुआत की ,,भुवनेश चतुर्वेदी  ने कोटा में वकालत शुरू की ,,वोह एक बेबाक ,,निष्पक्ष पत्रकार भी थे ,,कोटा प्रेसक्लब के फांउडर सदस्यों में से एक भुवनेश चतुर्वेदी ,कई अखबारों और न्यूज़ एजेंसियों से जुड़े रहे ,,वोह कोटा में विधायक रहे ,यहां से वोह राज्य सभा के सदस्य रहे और बाद में उनकी क्षमता को देखते हुए ,नरसिंम्हाराव सरकार मे भुवनेश चतुर्वेदी को ,केंद्रीय मंत्री बनाकर ,,प्रधानमंत्री कार्यालय की ज़िम्मेदारी सौंपी गयी ,,कहने को भुवनेश चतुर्वेदी ,,कांग्रेस के नेता ,,विधायक ,सांसद केंद्रीय मंत्री थे ,लेकिन स्वभाव से साधु ,संत ,बेबाक ,ईमानदार होने से ,वोह लोगो से काफी दूर रहे ,लेकिन उन्होंने हमेशा कोटा के विकास ,कांग्रेस की मज़बूती के बारे में ही कार्ययोजना तैयार की ,,,कोटा बी २ ,मेडिकल कॉलेज की केंद्रीय मान्यता  ,,केथून साड़ी  उद्योग ,, कई उद्योगों का संचालन ,,कोटा अभिभाषक परिषद का भवन ,,कई बस स्टेण्ड ,,कई जनसुविधाओं वाले कम्युनिटी सेंटर  उनकी मदद से ही बनकर तैयार हुए है ,उनके इर्द गिर्द ,हमेशा रहने वाले साथियों को उन्होंने ,,पावर मिलते ही ज़र्रे से आफ़ताब बनाया ,,उनके हर मित्र को उन्होंने विधायक का टिकिट देकर काफी विरोध के बाद भी चुनाव लड़वाया ,उनसे टीचर की नौकरी मांगने आये एक युवक को उन्होंने चुनाव लड़वा कर विधायक ,फिर मंत्री भी बनवा दिया ,,प्रधानमंत्री कार्यालय के मंत्री होने के नाते ,देश भर में उनकी अपनी पहचान थी ,ज़िम्मेदारियाँ थी ,,भुवनेश चतुर्वेदी सादगी जीवन के बावजूद भी ,देश ,विदेश की अज़ीम शख्सियत होने से ज़िम्मेदार लोगों के दिलों में बसे थे वोह अपना काम खुद करते थे ,खुद कपड़े धोना ,घर ,कमरे की साफ़ सफाई खुद करना ,,खुद झाड़ू देना ,,,खुद चाय बनाकर पीना और पिलाना ,उनकी सादगी का सुबूत रहा है ,,,दिल्ली की सड़को पर एक बजाज स्कूटर से ,,कांग्रेस की मज़बूती के लिए  ,इंद्रा गाँधी के विशेष सलाहकार की टीम के रूप में ,, प्रचार करने वाले ,,वोह मुख्य कार्यकर्ता भी रहे है ,,गांधी परिवार से उन्हें विशेष लगाव होने से ,,इंद्रा जी  की शहादत को लेकर वोह फफक फफक कर रो पढ़ते थे ,,ज़रा सोचिये एक केंद्रीय मंत्री ,ऐसा मंत्री जो मुख्यमंत्रियों ,,केंद्रीय मंत्रियों को बनाता ,,हटाता हो ,वोह शख्सियत ,कोटा की वकालत से लगातार जुड़े रहे ,,ताज्जुब की बात ,,है ,,भुवनेश चतुर्वेदी कश्मीर के प्रभारी थे ,,विदेश निति के विशेषज्ञ थे ,,उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से ब्लेक कमांडो दिए गए ,थे लेकिन कोटा में सादगी भरे जीवन में वोह कोटा प्रवास पर नियमित अदालत परिसर में आते ,गपशप करते ,,सभी को चाय पिलाते ,,मूंगफलियां खाते ,,,,कुछ गुर सिखाते ,,अदालत परिसर के विस्तार  के प्रयासों में जुटते ,,किसी को लोकअभियोजक ,बनाते ,किसी को सरकारी वकील ,तो किसी को नोटेरी बनाते ,तो किसी को राष्ट्रीयकृत बेंको का डाइरेक्टर तो किसी को कांग्रेस के टिकिट पर चुनाव लड़वाते ,,अपने नो रत्नो में से एक भी ऐसा बाक़ी नहीं था ,जिसका क़र्ज़ उन्होंने नहीं उतारा हो ,,भुवनेश चतुर्वेदी महत्वपूर्ण पदों  पर , रहकर भी ,बेबाक रहकर भी ,,बेदाग ,ईमानदार छवि के एक मात्र साधू नेता रहे ,है ,,उनकी बेबाकी के बाद भी भाजपा के नेताओ से उनके दोस्ताना संबंध थे ,भाजपा के हरिकुमार औदीच्य उनके निजी मित्र थे ,तो भेरो सिंह शेखावर्त ,अटल बिहारी वाजपयी के लिए वोह भाजपाइयों से भी ज़्यादा , उनकी बुद्धिमता के कारण , उनकी ,  पहली पसंद थे ,,,भुवनेश चतुर्वेदी ने देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे लोगो को इशारे भर में कोटा में बुलाकर कोटा की एक पहचान बनाई ,,कोटा में उनके स्कूल,, के  हर कार्यक्रम में हमेशा देश के शीर्ष पदों पर बैठे लोग खुद चलकर आये ,जिसमे राष्ट्रपति ज़ाकिर हुसैन से लेकर वेंकटरमन ,,ज्ञानी जेल सिंह ,,शंकर दयाल शर्मा ,इंद्रा जी ,मनमोहन सिंह सहित कई ज़िम्मेदार लोग शामिल रहे है ,मनमोहन सिंह उनके निजी मित्र रहे ,,  ,भुवनेश चतुर्वेदी उनसे कोटा प्रवास पर फोन पर नियमित अदालत परिसर में ही रहकर बात कर लिया करते थे ,,आज देश में जो अराजकता ,जो विदेशी संबंधो को ग्रहण लगा है ,,जो कश्मीर की समस्या है ,ऐसी समस्याओ के समाधान का उनके पास चुटकियों में हल कर देने वाला फार्मूला था ,एक दिन ,,मेरी पत्रकारिता कार्यकाल में जब मेने भविष्य के मंत्रिमंडल विस्तार में ,कोटा से भुवनेश चतुर्वेदी को  मंत्री बनाये जाने की संभावना वाली खबर ,,जननायक में प्रकाशित की ,तो ,,अदालत परिसर में उन्होंने मूंगफली मीटिंग में ,,मुझे घेरते हुए कहा ,के ,,तुम्हे क्या खुद प्रधानमंत्री जी ने खबर दी है ,ऐसी कोई सुगबुगाहट तो अभी कहीं नज़र नहीं आयी ,मेने हंस कर कहा ,के अगर आप मंत्री बनने के इच्छुक नहीं है तो बता दे ,में वोह खबर छाप देता हूँ ,इस पर उन्होंने हंस कर कहा ,,नहीं मंत्री कौन बनना नहीं चाहेगा ,,लेकिन यह अफवाह है ,जब मेने अपना सूत्र बताया ,और दावे से कहा के अगर आप मंत्री मंडल के विस्तार में नहीं आये तो में पत्रकारिता छोड़ दूंगा ,उन्होने हंस कर कहा ,अगर में मंत्री बन गया तो तुम्हारे मुंह में  घी शक्कर ,वोह मंत्री बन गए ,लेकिन उन्होंने मुझे घी शक्कर नहीं खिलाई ,उनकी मंत्री काल खत्म हुआ ,एक दिन वोह जननायक कार्यालय पर रुके ,मुझ से कहा ,,घर मेरे हाथ की चाय पीने चलना है ,,मेने कहा आज वक़्त नहीं कल हाज़िर होता हूँ ,,सात बजे का वक़्त तय हुआ ,घर पर वोह खादी  के बरमूड़े  में झाड़ू दे रहे थे ,मुझे देखकर अंदर बैठाया ,,तैयार हुए और ,,फिर चाय बनाने लगाए ,उनके हाथ की चाय ,सच में  लज़ीज़ थी ,,उन्होंने कुछ दस्तावेज दिखाए ,,जो विश्व की विदेश निति में भारत को उच्च मुक़ाम पहुंचाने वाले उनके सुझाव थे ,जिनसे देश का सर्व विदेशो में ऊँचा हुआ ,कश्मीर निति पर उनके सुझाव ,  370  को हटाकर उसे भारत के अभिन्न अंग बनाने का फार्मूला था ,, उनके पत्र थे ,इसी बीच फोन बजा ,उस वक़्त प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपयी थे ,वाजपेयी ,,भुवनेश जी से दोस्ताना बात कर रहे थे ,कश्मीर समस्या पर विदेश में होने वाली वार्ता का प्रतिनिधित्व करने  का इसरार कर रहे थे ,,भुवनेश जी लगातार इंकार कर रहे ,थे लेकिन उन्हें राष्ट्रीयता ,,राष्ट्र की अस्मत ,,इज़्ज़त का वास्ता ,अटल बिहारी वाजपयी ने जब दिया ,,तो वोह पुरे दमखम से इस  वार्ता में कश्मीर निति पर पक्ष रखने और उसके समाधान के प्रयासों के लिए तैयार हुए ,जो बाद में ऐतिहासिक सफलता का रूप भी रहा ,,,उनके घर में रखे दस्तावेज आज भी ,देश की हर समस्या के समाधान का सुझाव है ,लेकिन कोई उन्हें पूंछे तो सही ,देखे तो सही ,एक सच्चे कोंग्रेसी के नाते वोह नियमित कांग्रेस कार्यालय जाते थे ,जितने भी लोग कार्यालय में होते ,उन्हें कचोरी खिलाते ,,चाय पिलाते , हँसते बोलते ,कुछ ज्ञान लेते ,कुछ ज्ञान देते और चले जाते थे ,,एक ऐसी शख्सियत जिसने विश्वभर में देश का सम्मान बढ़ाया ,जिसने देश को एक नेतृत्व दिया  ,,वफादारी का सुबूत दिया ,शिक्षा क्षेत्र में बेहतर प्रबंन्धन ,,राजनीती में ईमानदारी ,,और यारबाजी की मिसाल दी ,कोटा को रचनात्मक निर्माण ,विकास तो दिया ही ,लेकिन कोटा में देश की हर बढ़ी ,सर्वोच्च पदों पर बैठी शख्सियत को बुलवाकर ,,कोटा से उनकी पहचान करवाई ,,अखबारों में कोटा को महत्ता दिलवाई ,,,राजनीती को ईमानदारी की एक दिशा दी ,,पत्रकारिता में बेबाकी ,,निष्पक्षता ,ईमानदारी का पैगाम दिया ,ऐसी सात्विक ,ईमानदार ,,कांग्रेस को समर्पित शख्सियत स्वर्गीय भुवनेश चतुर्वेदी को श्रद्धांजलि ,,श्रद्धा सुमन ,,2  मार्च 12014   को उनका निधन हो गया ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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