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13 अप्रैल 2021

तो जो कुछ उन्होने देखा उनके दिल ने झूठ न जाना

 तो जो कुछ उन्होने देखा उनके दिल ने झूठ न जाना (11)
तो क्या वह (रसूल) जो कुछ देखता है तुम लोग उसमें झगड़ते हो (12)
और उन्होने तो उस (जिबरील) को एक बार (शबे मेराज) और देखा है (13)
सिदरतुल मुनतहा के नज़दीक (14)
उसी के पास तो रहने की बेहिश्त है (15)
जब छा रहा था सिदरा पर जो छा रहा था (16)
(उस वक़्त भी) उनकी आँख न तो और तरफ़ माएल हुयी और न हद से आगे बढ़ी (17)
और उन्होने यक़ीनन अपने परवरदिगार (की क़ुदरत) की बड़ी बड़ी निशानियाँ देखीं (18)
तो भला तुम लोगों ने लात व उज़्ज़ा और तीसरे पिछले मनात को देखा (19)
(भला ये ख़ुदा हो सकते हैं) (20)

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