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08 मार्च 2021

और वह तो यक़ीनन क़यामत की एक रौशन दलील

और वह तो यक़ीनन क़यामत की एक रौशन दलील है तुम लोग इसमें हरगिज़ शक न करो और मेरी पैरवी करो यही सीधा रास्ता है (61)
और (कहीं) शैतान तुम लोगों को (इससे) रोक न दे वही यक़ीनन तुम्हारा खुल्लम खुल्ला दुश्मन है (62)
और जब ईसा वाज़ेए व रौशन मौजिज़े लेकर आये तो (लोगों से) कहा मैं तुम्हारे पास दानाई (की किताब) लेकर आया हूँ ताकि बाज़ बातें जिन में तुम लोग एख़्तेलाफ़ करते थे तुमको साफ़-साफ़ बता दूँ तो तुम लोग ख़ुदा से डरो और मेरा कहा मानो (63)
बेषक ख़़ुदा ही मेरा और तुम्हार परवरदिगार है तो उसी की इबादत करो यही सीधा रास्ता है (64)
तो इनमें से कई फिरक़े उनसे एख़्तेलाफ़ करने लगे तो जिन लोगों ने ज़़ुल्म किया उन पर दर्दनांक दिन के अज़ब से अफ़सोस है (65)
क्या ये लोग बस क़यामत के ही मुन्तज़िर बैठे हैं कि अचानक ही उन पर आ जाए और उन को ख़बर तक न हो (66)
(दिली) दोस्त इस दिन (बाहम) एक दूसरे के दुशमन होगें मगर परहेज़गार कि वह दोस्त ही रहेगें (67)
और ख़़ुदा उनसे कहेगा ऐ मेरे बन्दों आज न तो तुमको कोई ख़ौफ है और न तुम ग़मग़ीन होगे (68)
(यह) वह लोग हैं जो हमारी आयतों पर ईमान लाए और (हमारे) फ़रमाबरदार थे (69)
तो तुम अपनी बीवियों समैत एजाज़ व इकराम से बेहिश्त में दाखिल हो जाओ (70)

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