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30 मार्च 2021

हारना ,, लेकिन हार से कभी मत हारना ,,, बार बार हारना , लेकिन हर बार ,जीतने की , नई रणनीति के साथ , लढ़ना , और फिर जीत का इतिहास बनाना , यह कहावत है , हौसला अफ़ज़ाई के क़िस्से हैं , लेकिन इस कहावत ,को कोटा अभिभाषक परिषद के रिकॉर्ड तोड़ वोटों से अध्यक्ष पद पर अपनी जीत दर्ज करने ,वाले भाई मनोज गौतम न साबित भी कर दिखाया हैं ,

 हारना ,, लेकिन हार से कभी मत हारना ,,, बार बार हारना , लेकिन हर बार ,जीतने की , नई रणनीति के साथ , लढ़ना , और फिर जीत का इतिहास बनाना , यह कहावत है , हौसला अफ़ज़ाई के क़िस्से हैं , लेकिन इस कहावत ,को कोटा अभिभाषक परिषद के रिकॉर्ड तोड़ वोटों से अध्यक्ष पद पर अपनी जीत दर्ज करने ,वाले भाई मनोज गौतम न साबित भी कर दिखाया हैं , जी हाँ दोस्तों ,, कोटा अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में , भाई मनोज गौतम महासचिव पद पर सफलतम ,,साबित होने के बाद , लगातार चुनाव लड़ रहे थे , लेकिन इत्तेफ़ाक़ से ही ,, कुछेक वोटों की गिनती से वोह पिछड़ते रहे ,, मनोज गौतम उनके साथियों , समर्थकों ने हौसला रखा , हिम्मत नहीं हारी और हर बार की तरह इस बार भी नयी रणनीति के साथ , अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्षीय पद पर चुनाव लड़ने , जीत के चौंकाने वाले ,एक तरफा परिणाम घोषित हुए , मनोज गौतम रिकॉर्ड तोड़ वोटों विजयी घोषित हुए ,, हार जीत ज़िंदगी का हिस्सा है , लेकिन हार को सबक़ की तरह से , लेना , हार कर भी हौसला सलामत रखना , हार कर भी , वोटर्स जो अपने वोटर्स नहीं रहे , उनसे , प्यार मोहब्बत का सुलूक रखना , चिड़चिड़ेपन, वोटों की तानेबाजी से दूर रहना ,, हमेशा ऐसे शख्स को फिर जीत की तरफ ले जाता है , ,, सभी जानते है ,,, जिन पे सब के सवाल होते हैं
उनके जज्बे कमाल होते हैं,, अपनी जीत की ज़िद पे अड़े हुये हैं जो,,,उनके किस्से भी मिसाल होते हैं,, यह हक़ीक़त है ,, मनोज गौतम , अब कोटा अभिभाषक परिषद के निर्वाचित अध्यक्ष है , वोह एक सप्ताह के भीतर भीतर अपनी नई कार्यकारिणी के साथ , कार्यभार भी ग्रहण कर लेंगे , लेकिन वर्तमान कोविड संकट काल , और अभिभाषक परिषद में आरोप प्रत्यारोप के माहौल में , उनके सामने कामकाज को लेकर कढ़ी चुनौतियां है , उन्हें जीत के हौसले , जीत के संघर्ष , जीत की प्यार , मोहब्बत की अदाकारी की तरह ही , अभिभाषक परिषद कोटा के अध्यक्ष पद की ज़िम्मेदारी को निर्वहन कर , रुके हुए कामकाजों को पूरी तरह से सफल बनाना है ,, कोटा में न्यायालय परिसर में रखरखाव , साफ़ सफाई , साफ़ सुथरे पेयजल की आपूर्ति ,, बरसात में ,पानी के भराव की समस्या , टूटे हुए टीन टप्पड़ ,, लाइब्रेरी का डिज़िटिलाइज़ेशन , आधुनिकीकरण ,, वकीलों के कल्याण , स्टाइफंड व्यवस्थाओं में सुधार , केंटीन व्यवस्था में साफ़ सफाई , खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच पड़ताल ,, वकीलों के बैठने की समस्या का समाधान ,बिजली के मनमाने बिल , खेल कूद , ,मनोरंजन , सुविधाएं ,, भाईचारा , सद्भावना ,, साहित्यिक ,, सांस्कृतिक कार्यक्रम ,, पिकनिक , विधिक व्यवस्था के तहत एकेडमिक कार्यशालाएं ,, बार बेंच के संबंधों में सुधारात्मक कार्य ,, जिसमे , वकीलों की शोक सभा के वक़्त शत प्रतिशत कार्य स्थगन , शोक सभा में , न्यायिक अधिकारीयों की पूर्ववत सो फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित होना ,, वकीलों के साथ , जजों के कार्यव्यवहार में शालीनता सुनिश्चित करना ,, इनके लिए चुनौती है ,, नए न्यायालय भवन के संशोधित नक़्शे के साथ , नए चैंबर निर्माण व्यवस्था के साथ ,, जल्द ही , सरकार ,, राजस्थान हाईकोर्ट , कोटा जिला जज से समन्वय स्थापित कर , निर्माण कार्य शुरू करवाना है ,, वकीलों के कॉर्नर प्लाट में अधिक वसूली को सामान्य क़ीमत करवाना है , बकाया वकील साथियों को प्लाट दिलवाना है ,, साइकल स्टेण्ड व्यवस्था जो अभिभाषक परिषद के नियंत्रण में रही है , उसे फिर से अपने हाथों में लेना है ,, वकीलों की कल्याणकारी योजनाओं की क्रियान्विति करना है ,, हाईकोर्ट बेंच की स्थापना के वायदे को लेकर , लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को , हाईकोर्ट की बेंच , उनके , उनकी सरकार के पॉवर में आते ही , कोटा में खुलवाने के वायदे को याद दिलाकर इस दिशा में कामयाबी की तरफ सकारात्मक क़दम बढ़ाना है ,,, वकीलों की उपयोगी डाइरेक्ट्री , जिसमे ,, वकीलों के नंबर , एड्रेस वगेरा के आलावा , आवश्यक जानकारियां ,जो हर वकील की रोज़ मर्रा के जीवन में उपयोगी होते है ,वोह नंबर , इ मेल ,वेबसाइट वगेरा की जानकारिया शामिल कर , वकील साथियों को वितरित करवाना है ,, वकीलों के जमा फंड , एफ डी में इनकम टेक्स , कटौती के लिए जो आवश्यक व्यस्थाएं है वोह अमल में लाना है ,, एकाउंट की देखरेख के लिए , पेड़ वर्कर की अनावश्यक परंरपरा को जो खत्म कर दी गयी है , उसे फिर से फ़िज़ूलखर्ची के तहत लागू नहीं करना है , ,वर्तमान हालातों में ,एक दूसरे के कार्यकाल की जांच करवाना ,, आरोप , प्रत्यारोप के साथ , जांच पड़ताल ,, के आखरी लम्हों में ,, जो जाँच परम्पराये है उन पर रोक लगाकर ,, जो हो गया सो हो गया ,भविष्य में फिर गलती ना हो , ऐसा फार्मूला बनाना है ,कुछ गलतियां भी हुई हों ,तो आपस में भाईचारा सद्भावना से ,, मिलबैठ कर , गलत फहमी कहो ,,गलतियां कहो , उसमे सुधार करवाना है , बहुत कुछ है , बहुत कुछ बाक़ी है ,जो भाई मनोज गौतम को , उनकी कार्यकारिणी के साथ मिलकर हौसले के साथ करना है ,, कहते है ,जो जीता है वोह सिकंदर है , लेकिन आजकल वोह सिकंदर नहीं रहता ,, समर्थक , जिताने वालों के भी कुछ इशारे होते है , उससे माहौल भी बिगड़ता है , ऐसे में जो वाजिब इशारे हों , उन्हें माने , जो गैरवाजिब इशारे हों ,उन्हें नज़र अंदाज़ करे , खुलकर , अभिभाषक परिषद कल्याण , विकास के हक़ में कार्य करें , मनोज गौतम से , सभी सदस्यों को यही उम्मीद , यही आशा है ,, वोह वोटर्स की कसौटी पर कितना खरा उतरते है , देखते है ,एक ब्रेक के बाद ,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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