पत्रकारिता आज कई जंजीरों में जकड़ी हुई है। स्वतंत्र पत्रकारिता कही नहीं दिखाई देती है। पत्रकारिता का क्षेत्र भी पूजी निवेश और मुनाफा कमाने का उद्योग मात्र बनकर रह गया है। लोकतंत्र की मजबूती और इस प्रणाली के लाभ आमजन तक पहुंचाने के लिए यह क्षेत्र काम न करके लाभ और हानि के सिद्धांत पर काम कर रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए काम करने के पक्षधर पत्रकारों को मोजूदा दौर में कोई स्थान नहीं है। जरूरत है पत्रकारिता को जंजीरों से मुक्त करवाकर नया पत्रकारिता दिवस मनाने की।
राजेन्द्र सिंह जादौन
राष्ट्रीय अध्यक्ष
आल इंडिया जर्नलिस्ट फोरम
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