और अगर तुम मुझ पर ईमान नहीं लाए तो तुम मुझसे अलग हो जाओ (21)
(मगर वह सुनाने लगे) तब मूसा ने अपने परवरदिगार से दुआ की कि ये बड़े शरीर लोग हैं (22)
तो ख़ुदा ने हुक्म दिया कि तुम मेरे बन्दों (बनी इसराईल) को रातों रात लेकर चले जाओ और तुम्हारा पीछा भी ज़रूर किया जाएगा (23)
और दरिया को अपनी हालत पर ठहरा हुआ छोड़ कर (पार हो) जाओ (तुम्हारे बाद) उनका सारा लशकर डुबो दिया जाएगा (24)
वह लोग (ख़ुदा जाने) कितने बाग़ और चष्में और खेतियाँ (25)
और नफ़ीस मकानात और आराम की चीज़ें (26)
जिनमें वह ऐश और चैन किया करते थे छोड़ गये यूँ ही हुआ (27)
और उन तमाम चीज़ों का दूसरे लोगों को मालिक बना दिया (28)
तो उन लोगों पर आसमान व ज़मीन को भी रोना न आया और न उन्हें मोहलत ही दी गयी (29)
और हमने बनी इसराईल को जि़ल्लत के अज़ाब से फ़िरऔन (के पन्जे) से नजात दी (30)
वह बेशक सरकश और हद से बाहर निकल गया था (31)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 मार्च 2021
और अगर तुम मुझ पर ईमान नहीं लाए तो तुम मुझसे अलग हो जाओ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)