वरिष्ठ पत्रकार दिनेश दुबे ने दैनिक नवज्योति के प्रबंधन को न्यायालय के
फैसले के बाद धरातल पर लाकर खड़ा कर दिया है । हालांकि फैसला आने में 34
साल लग गए यह हमारी न्यायपालिका की कमजोरी ही दिखती है , वरना किसी आदमी को
जब नौकरी से हटाया जाता है उस समय उसके सामने रोजगार का गंभीर संकट खड़ा
हो जाता है । लेकिन दिनेश दुबे ना डरे ना हारे बल्कि चट्टान की तरह खड़े
रहे और आज उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारी न्यायपालिका जो बड़े
अखबार मालिकों के सामने झुकती है वहां भी यदि डटकर मुकाबला किया जाए तो
फैसला देर सवेर श्रमिक के पक्ष में ही आता है । एक बार फिर वरिष्ठ पत्रकार
दुबे जी को मुकदमा जीतने पर बधाई
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