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30 अक्टूबर 2018

अहसानों के बोझ तले

सोशल मीडिया पर विशिष्ठ लोगो की सरपरस्ती में चल रहे मिडिया ग्रुप एडमिन के पक्षपातों की पोल खुलने लगी है ,,खुद को निष्पक्ष जर्नलिस्ट की दुहाई देने वाले भी अब इस बिमारी से ग्रसित लग रहे है ,,कोटा सहित देश भर में सूचनाओं के आदान प्रदान ,,निष्पक्षता से तहज़ीब के दायरे में अपनी बात रखने के लिए ,,वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अलम्बरदारों ने कुछ ग्रुप बनाये ,है ,,कुछ एडमीन खुद भी रहे ,है ,,लेकिन विचारधारा तो विचारधारा है ,,किसी की गुलाम नहीं ,ग्रुप में जुड़े लोगो को एडमिन ने किसके फायदे के लिए ग्रुप बनाया है ,,यह तो उसे पता भी नहीं ,बस इसीलिए कुछ ऐसे ही ग्रुपों में चुनाव की बहारों की रिमझिम बरसात के साथ ,आज़ादी की लेखनी चली ,,कुछ ग्रुप मेम्बरों ने हक़ से सभी की ,,विञप्तियाँ ,खबरे निष्पक्षता से देने की कोशिश की ,तो जनाब ग्रुप के एडमिन को जब समर्थित सियासी लोगो की लताड़ पढ़ी तो तुरंत ऐसी विञप्तियाँ हटाने का फरमान जारी हुआ ,,विञप्तियाँ होती तो ताज्जुब हुआ ,सवाल जवाब हुए ,अब ऐसे कई ग्रुप है जिन्होंने आज़ादी की जुबां को ,वाक् एवं अभियव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट कर ,,उस ग्रुप को परसनल मेसेज ग्रुप बना दिए है ,ऐसे ग्रुप में सिर्फ एडमिन ही अपनी मर्ज़ी के भाईसाहब के सेलेक्टेड मेसेज दे सकेंगे ,,अजीब है ना अख़बार की स्वतंत्रता के पक्षधर भाइयों ,,समाजों में क्रांति लाकर इन्साफ दिलाने की मुहीम में शामिल होने के दावेदारों सहित कई ऐसे एडमिन ग्रुप है जो ,वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान भी बरक़रार नहीं रख सकते ,,फिर देखिये आज़ाद लोग होते है न तो सब कुछ कर लेते है ,लेकिन किसी के इशारे पर ,अहसानों के बोझ तले लोगो से ऐसी उम्मीद करना बेमानी है ,पेड़ न्यूज़ मामले में कई अपराधी है ,मध्य्प्रदेश छत्तीसगढ़ में तो यह खेल गज़ब का है ,लेकिन ग्रुप के सदस्य ऐसे सो कोल्ड एडमिन ग्रुपों को खुद ही तलाक़ देकर चले गए है ,,,अभिव्यक्ति की आज़ादी ,,मर्यादाओ में अगर है ,तार्किक अगर है ,कुछ तथ्य अगर उसमे है तो उसका सम्मान करना चाहिए ,,हो सकता है हम किसी के विचारों से सहमत न हो ,लेकिन विचारों का सम्मान हमे करना होगा जो मर्यादित भाषा में तार्किक तथ्यात्मक हो उनका सम्मान हमे करना होगा ,,किसी इज़्ज़त उछालने वाले ,टोपी उछालने वाले संदेश हम रोक सकते है ,,किसी के मुक़ाबिल खुद को बढ़ा साबित करने वाले ,नफरत फैलाने वाले संदेशो को हम रोक सकते ,है लेकिन जैसा लोग कर रहे है अगर ऐसे लोगो की विचारधारा का हम पोस्टमार्टम करे तो छत्तीसगढ़ ,मध्य्प्रदेश ,राजस्थान सहित पुरे देश में ऐसे लोगो का अब कोकस बन गया है ,जो सुन्ना नहीं चाहते ,,दूसरे का पढ़ना नहीं चाहते ,सिर्फ अपने विचार एक तरफा एक अख़बार की तरह थोपना चाहते है ,में सलाम करता हूँ ऐसे ग्रुप एडमिन को जो सियासी हो चाहे गैर सियासी ,पत्रकारिता से जुड़े हो चाहे पत्रकार संगठनों से ,साहित्यिक हो ,सूचनाओं के आदान प्रदान वाले हो बिंदास दूसरे के अलफ़ाज़ पढ़ते ही भी है अपने अल्फ़ाज़ भी लिखते है ,हँसते है ,हंसाते है दूसरों के मर्यादित विचारों का सम्मान करना जो जानते है ,,उन एडमिन ,,उन सोशल मिडिया एक्टिविस्टों ,पत्रकारों को मेरा सलाम ,सेल्यूट ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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