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20 अक्टूबर 2018

तलाक़ ,तलाक़ ,तलाक़ ,,तीन अलफ़ाज़

तलाक़ ,तलाक़ ,तलाक़ ,,तीन अलफ़ाज़ जो इस्लाम में भी गुनाह है ,और अब भारतीय ट्रिपल तलाक़ प्रतिन्धित क़ानून के तहत भी दंडनीय अपराध है ,लेकिन क़ानून और इस्लाम की किसे परवाह ,है ,,इन तीन अल्फ़ाज़ों से जयपुर के शफ़ीक़ अहमद उर्फ़ गुल ने अपनी पत्नी श्रीमती गुलफिशा टीना और पुत्री अजला का जीवन बर्बाद कर दिया है ,लेकिन इन्साफ की उम्मीद में साढ़े तीन साल की इस बेबस लाचार माँ गुलफ्शा ने ऐसे व्यक्ति को सजा दिलवाने के लिए क़ानून का रास्ता अपना कर कोटा के विज्ञाननगर थाने में ट्रिपल तलाक़ प्रतिबंधित ऑर्डिनेंस की धारा 3/4 के तहत मुक़दमा दर्ज करवाया है जिसमे तफ्तीश जारी है ,,गुलफिशा का निकाह उसके माता पिता ने बढे अरमानो से जयपुर के शफ़ीक़ अहमद के साथ बढ़ी धूम धाम से किया था ,,निकाह में दहेज़ ,ज़ेवर वगेरा हर चाहत की चीज़ दी ,लेकिन इत्र व्यवसायी शफ़ीक़ और उसके परिजनों को क़ानून का डर नहीं क्योंकि उनके घर में पहले भी ऐसे दांव पेंच होते रहे है ,गुलफिशा ने अपने वकील एडवोकेट अख्तर खान अकेला ,,आबिद अब्बासी के ज़रिये आज ट्रिपल तलाक़ क़ानून की धारा 5 के विधिक प्रावधान के तहत न्यायलय में अर्ज़ी देकर खुद के और पुत्री के भरण पोषण के लिए पचास हज़ार रूपये प्रतिमाह गुज़ारा खर्च ,,महेर की राशि ,एक मुश्त भरण पोषण की राशि दिलवाने की मांग को लेकर पेश की है ,गुलफिशा पर सितम की हदें पार रही ,,वोह सब्र करती रही ,लगातार अपना घर बनाये रखने के लिए पति ,ससुराल पक्ष की मांग पूरी करती रही ,अपने माता पिता से भी उनकी चाहते पूरी करवाती रही ,लेकिन पंचायत की समझाइश ,महिला थाने के परामर्श के बावजूद भी गुलफिशा के पति ससुराल पक्ष पर कोई असर नहीं हुआ ,,गत 10 सितम्बर 2018 को पति ने पहले जयपुर में पिता ,,फूफा ,रिश्तेदारन के समक्ष ट्रिपल तलाक़ देकर घर से बाहर निकाल दिया ,फिर समझाइश के लिए कोटा विज्ञाननगर निवास पर ,,ट्रिपल तलाक़ को फिर दोहराया गया ,इतना ही नहीं गुलफिशा के पति ने कथित रूप से पूर्व सोची समझी साज़िश के तहत एक सोची समझी कहानी समझाइश से तलाक़ की बनाकर ट्रिपल तलाक़ का एक पर्चा ,,नए वाट्सएप्प नंबर से गुलफिशा का व्हाट्सएप्प ब्लॉक होने से ,,गुलफिशा के फूफा सय्यद ज़मानी शाह के व्हाट्सएप्प नंबर पर बिना हस्ताक्षर तलाकनामा भेजदिया ,,गुलफिशा ने एक मुक़दमा महिला थाने में दहेज़ प्रताड़ना का दर्ज करवाया ,ट्रिपल तलाक़ ऑर्डिनेंस नया क़ानून होने से क़ानून में क्षेत्राधिकार जिस क्षेत्र में महिला रह रही है वहीँ मुक़दमा दर्ज होने का प्रवधान होने से उसे थोड़ी परेशानी तो आयी ,,लेकिन ऐसे में कोटा शहर पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव उसके लिए वरदान साबित हुए ,गुलफिशा ने अपना दर्द तथ्यों और सुबूतों के साथ पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव को बयान किया ,,दीपक भार्गव भी नया ट्रिपल क़ानून होने से थोड़े असमंजस में हुए ,लेकिन उन्होंने नए क़ानून का बारीकी से अध्ययन के बाद ,विज्ञाननगर थाने को मुक़दमा दर्ज कर कारवाही के आदेश दिए ,,जहाँ एफ आई आर 470/2018 अंतर्गत ट्रिपल तलाक़ प्रतिबंधित ऑर्डिनेंस की धारा 3/4 के तहत मुक़दमा दर्ज कर तफ्तीश पूर्ण कर ली गयी है ,,गुलफ़िशा ने आज ट्रिपल तलाक़ ऑर्डिनेंस की धारा 5 के विधिक प्रावधान के तहत अपने वकील अख्तर खान अकेला ,,आबिद हुसैन अब्बासी के ज़रिये गुज़ारा खर्च की कार्यवाही भी कोटा के क्षेत्राधिकार वाले न्यायलय में पेश की है ,जिसमे आगामी पेशी 23 अक्टूबर नियत की गयी है ,,,,पीड़िता गुलफिशा की तरफ से ट्रिपल तलाक़ में सज़ा का मुक़दमा कोटा संभाग में पहला दर्ज हुआ है जबकि गुज़ारा खर्च का मुक़दमा भी पुरे हिंदुस्तान में पहला मुक़दमा पेश हुआ है ,, अपने पति ससुराल के उत्पीड़न की कहानी सुनाते सुनाते गुलफ़िशा की रुलाई फुट पढ़ती है ,वोह फूट फूट कर रोती है खुद के और अपनी साढ़े तीन साल की बच्ची के भविष्य को लेकर वोह चिंतित है ,वोह कहती है ,,उसके ससुराल पक्ष के लोग प्रभाशाली है ,बढे बढे लोगो से रसुकात रखने वाले है,,वोह क़ानूनी दांव पेंच में माहिर है ,वोह खुद को बचाने ,,क़ानून को तोड़ने मरोड़ने में पहले से ही अनुभवी है ,इसीलिए उन्हें क़ानून का डर नहीं ,लेकिन कोटा पुलिस ,,विज्ञाननगर पुलिस ,,कोटा के पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के ईमानदार ,निष्ठापूर्ण रवैये को देख कर उसके दिल में उम्मीद भी है ,के अपराधी चाहे कितना है रसुकात वाला हो पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव के नेतृत्व वाली पुलिस टीम द्वारा उसे व् उसकी पुत्री को इन्साफ ज़रूर दिलवाया जाएगा ,देखते है ,,दो अलग अलग मुक़दमों में अपराधियों की गिरफ्तारी कब होती है ,,वैसे बालोतरा क्षेत्र में ट्रिपल तलाक़ क़ानून में ऐसा ही एक मुक़दमा दर्ज हुआ ,जिस अपराधी को पुलिस ने तत्काल धर दबोचा ,,ऐसे अपराधी की सेशन न्यायाधीश ,ने भी ज़मानत ख़ारिज की और वर्तमान में उसका प्रार्थना पत्र हाईकोर्ट जोधपुर में विचाराधीन है ,जब तक वोह अभियुक्त जेल की सींखचों में देखते है इस गुलफ़िशा उसकी बिटिया अंजला की तीन अलफ़ाज़ ,तलाक़ ,तलाक़ ,तलाक़ कहकर ज़िंदगी बर्बाद करने वाले अपराधी के साथ कोटा की पुलिस क्या सुलूक करती है ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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