इस बात से कि उन लोगों ने खु़दा के लिए बेटा क़रार दिया (91)
हालाँकि खु़दा के लिए ये किसी तरह शायाँ ही नहीं कि वह (किसी को अपना) बेटा बना ले (92)
सारे आसमान व ज़मीन में जितनी चीज़े हैं सब की सब खु़दा के सामने बन्दा ही बनकर आने वाली हैं उसने यक़ीनन सबको अपने (इल्म) के अहाते में घेर लिया है (93)
और सबको अच्छी तरह गिन लिया है (94)
और ये सब उसके सामने क़यामत के दिन अकेले (अकेले) हाजि़र होंगे (95)
बेशक जिन लोगों ने इमान कु़बूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए अनक़रीब ही खु़दा उन की मोहब्बत (लोगों के दिलों में) पैदा कर देगा (96)
(ऐ रसूल) हमने उस कु़रान को तुम्हारी (अरबी) जु़बान में सिर्फ इसलिए आसान कर दिया है कि तुम उसके ज़रिए से परहेज़गारों को (जन्नत की) खुशख़बरी दो और (अरब की) झगड़ालू क़ौम को (अज़ाबे खु़दा से) डराओ (97)
और हमने उनसे पहले कितनी जमाअतों को हलाक कर डाला भला तुम उनमें से किसी को (कहीं देखते हो) उसकी कुछ भनक भी सुनते हो (98)
सारे आसमान व ज़मीन में जितनी चीज़े हैं सब की सब खु़दा के सामने बन्दा ही बनकर आने वाली हैं उसने यक़ीनन सबको अपने (इल्म) के अहाते में घेर लिया है (93)
और सबको अच्छी तरह गिन लिया है (94)
और ये सब उसके सामने क़यामत के दिन अकेले (अकेले) हाजि़र होंगे (95)
बेशक जिन लोगों ने इमान कु़बूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए अनक़रीब ही खु़दा उन की मोहब्बत (लोगों के दिलों में) पैदा कर देगा (96)
(ऐ रसूल) हमने उस कु़रान को तुम्हारी (अरबी) जु़बान में सिर्फ इसलिए आसान कर दिया है कि तुम उसके ज़रिए से परहेज़गारों को (जन्नत की) खुशख़बरी दो और (अरब की) झगड़ालू क़ौम को (अज़ाबे खु़दा से) डराओ (97)
और हमने उनसे पहले कितनी जमाअतों को हलाक कर डाला भला तुम उनमें से किसी को (कहीं देखते हो) उसकी कुछ भनक भी सुनते हो (98)
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