मेरा यह शाना
तुम्हारे सर के
इन्तिज़ार में है ,,,
मेरी यह खुली बाहें
तुम्हारे आलिंगन के
इन्तिज़ार में है ,,
तुम भूल गए हमे
हमे आज भी
तुम्हारा इन्तिज़ार है ,,,अख्तर
तुम्हारे सर के
इन्तिज़ार में है ,,,
मेरी यह खुली बाहें
तुम्हारे आलिंगन के
इन्तिज़ार में है ,,
तुम भूल गए हमे
हमे आज भी
तुम्हारा इन्तिज़ार है ,,,अख्तर
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