दोस्तों में गौरवान्वित हूँ ,,में अभिभूत हूँ ,,के मेरे मित्रो में भाजपा
के पूर्व अध्यक्ष मेरे भाई महेशविजय वर्गीय ,,,,वरिष्ठ नामचीन पत्रकार के
पुत्र ,,भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी ,,रविंद्र सिंह सोलंकी जैसे ,,मित्र भी
है ,,जो मर्यादित है ,विनम्र है ,,जिनकी भाषा ,,,बाज़ारू नहीं ,है ,इनकी
भाषा ,,,इनकी टिपण्णी संस्कारवान है ,,इनका विरोध ,,लोकतान्त्रिक
,,,मर्यादित और खानदानी है ,,दोस्तों सोशल मिडिया में एक पोस्ट पर ,,कल
मेने कुछ विकासशील लोगो ,,की दुखती रग पर हाथ रख दिया ,,ज़ाहिर है उस पोस्ट
में में ,,हिंदुस्तानी होने के साथ साथ ,,कोंग्रेसी हो गया था ,,वैसे तो
कुछ आवश्यक पक्षकार जिनका गाली गलोच करना ,,अमर्यादित भाषा का प्रयोग करना
,आरोपित करना ,,पोस्ट कोई सी भी हो उसका जवाब देने की जगह मज़हबी उन्माद की
बात करना ,,उनकी आदत सी है ,,उनकी परवाह भी नहीं ,,क्योंकि संस्कारो में
,,परिवार की परवरिश में जो सिखाया जाएगा ,,ऐसे खराब परवरिश से जुड़े लोगो के
आचरण में वही नज़र आएगा ,,लेकिन मेरे मित्र ,महेश विजयवर्गीय जो भाजपा के
पुराने अध्यक्ष रहे है ,छात्र नेता रहे है ,,मज़बूत ,ईमानदार
,,,कर्तव्यनिष्ठ ,,उसूलों वाले रहे है ,,भाजपा चाहे अभी उनकी विद्धता
,,इनकी ईमानदारी का उपयोग करे न करे ,,लेकिन वोह भाजपा के लिए पूर्णत
समर्पित है ,,ऐसे ही एक मित्र भाई रविंद्र सिंह सोलंकी जो ,,भाजपा के
वरिष्ठ पदाधिकारी ,,वरिष्ठ पत्रकार ,,समाजसेवक ,,सिन्धानत्वादि ,,चिंतक
मेरे पिता तुल्य मार्गदर्शक आदरणीय गजेंद्र सिंह सोलंकी के पुत्र है ,वोह
मेरे भी भाई है ,,उनके दिल में भाजपा का प्यार था ,,ज़ाहिर है पोस्ट पर
उन्हें अपनी टिप्पणी देना था ,,लेकिन उनके संस्कार ,,उनकी विद्धता ,,उनकी
मर्यादाये ,,सच मुझे गौरवान्वित कर गयी ,,उनकी टिप्पणी में बेबाकी
,,निर्भीकता ,,के साथ ,,मेरे लिए प्यार था ,,सम्मान था ,,कोई बाज़ारू भाषा
जैसे मेरे दूसरे साथी इस्तेमाल करते रहे है ,,वोह नहीं थी ,,,विषय से भटकाव
नहीं था ,,मेरे यह मित्र ,,कई सालों से मुझ से रूबरू न मिल सके है ,,लेकिन
इनका प्यार ,,इनका मार्गदर्शन मुझे मिलता रहा है ,,इन्होने अपनी
टिप्पणियों में सहजता ,,सरलता ,,दृढ़ता ,,और भाजपा के प्रति अपना प्यार
,,अपनी वफ़ादारी भी ज़ाहिर की है ,,लेकिन मर्यादाओ में ,,आत्मसम्मान के साथ
,ऐसे जैसे ,,यह संस्कारवान ,,खानदानी लोग है ,,काश ऐसे ही दूसरे टिप्पणीकार
हो जाय जो टिप्प्पणी करने के पहले पोस्ट को पढ़े ,,विश्लेषण करे ,,पोस्ट
की टिप्पणी करते वक़्त गंदी भाषा का इस्तेमाल न करे ,,बेहूदगी न करे ,,धर्म
,,मज़हब को बीच में न लाये ,,कुतर्क न करे ,,काश मेरे भाई महेश विजयवर्गीय
,,भाई रविंद्र सिंह सोलंकी के इस मर्यादित आचरण से मेरे दूसरे टिप्पणीकार
दोस्त भी सबक़ ले ,,काश ऐसा हो जाए तो रचनात्मक ,,विश्लेषणात्मक बहस हो
,,पोस्ट होती है राष्ट्रीय मुद्दों पर ,,टिप्पणी होती है ,हिन्दू मुस्लिम
पर ,,ट्रिपल तलाक़ पर ,,ऐसे लोगो की बुद्धि पर तरस खाकर यही दुआ की जाती है
,,है ईश्वर ,,है अल्लाह ,,ऐसे लोगो को सद्बुद्धि देना ,,,,ऐसे लोगो को एक
बार ,देश के हालातों के बारे में सोचने की बुद्धि देना ,ऐसे लोगो को
राष्ट्रवादिता की तरफ बढ़ाना ,,एक बार फिर मेरे भाई ,,महेश विजयवर्गीय ,,भाई
रविंद्र सिंह सोलंकी ,,को मर्यादित आचरण का उदाहरण पेश करने के लिए बधाई
मुबारकबाद ,,उनका आभार ,,दूसरे साथियो से ऐसे लोगों से मर्यादाएं सींखने का
आग्रह ,मर्यादाओं में रहने की इल्तिजा ,,,,,फिर वोह टिप्पणियां मेरे विचार
के माफ़िक़ हो या फिर खिलाफ ,मेरे अपने हो या फिर मेरे खिलाफ ,,सभी को
अल्लाह ,,ईश्वर ऐसी हिदायत दे ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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