केंद्र की गुलाम दिल्ली ,,जहां ,,,मुख्यमंत्री को सिपाही को निर्देश देने
का भी अधिकार नहीं है ,,जहां मुख्यमंत्री को ,,लोकपाल बनाकर ,,जनता की
सुनवाई ,,भ्रष्टाचार के नियंत्रण का अधिकार भी नहीं है ,,ऐसी गुलाम दिल्ली
में ,,एक बार फिर ,,,अन्ना हज़ारे की भाजपा की जीत पर बधाई ,,,आप और
कांग्रेस के अलावा ,,अन्ना किसी पार्टी के खिलाफ क्यों नहीं बोलते
,,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया वाले ,,अन्ना का साक्षात्कार सिर्फ आप के खिलाफ ही
क्यों लेते है ,,,आज तक ज्वलंत मुद्दों पर जलते सवालो पर अन्ना हज़ारे से
सवाल कर ,,जनता के सामने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने सच क्यों नहीं दिखाया
,,क्योंकि सभी जानते है ,,अन्ना प्रायोजित सरकारी कार्यक्रमों को
,,,,,,,,,,अख्तर
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