शाबाश अल्फाह टीम ..शाबाश रफीक बेलियम ............जी हाँ दोस्तों अपने साथियों को एकत्रित का उनमे बिना किसी लाभ लालच और सियासी नफे नुकसान के सबके भले के बारे में सोचने वाली अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी की टीम के सभी सदस्य एक जुट होकर जब चिकित्सा ..ब्लड डोनेशन ...राहत कार्य ...निर्माण कार्य और लोगों के खिदमतगार के रूप में कम करते नज़र आते है तो लगता है के इस कलियुग में भी फ़रिश्ते बनकर लोग बिना किसी लालच के खिदमतगार बने है और राष्ट्र के निर्माण में सहयोग कर रहे है और ऐसे में ऐसी सेवा भावी टीम के कमांडर भाई रफीक बेलियम जो अल्फ्लाह वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष रहकर यह सब कमाल कर रहे है वोह बधाई के पात्र शाबाशी के पात्र हो जाते है हर साल की रह इस बार भी भाई रफीक बेलियम ने अल्फ्लाह की टीम और अपने सहयोगियों के साथ आई एल टाउन शिप में जब पढो और पढाओ के नारे के साथ बच्चों और कम्पीटीशन के दोर से गुज़र रहे बेरोजगारों की होसला अफजाई के लियें आई ऐ एस ....आर ऐ एस सहित कई नोकरियों में चयनित लोगों ..प्रथम आने वाले इंजिनियर ..डॉक्टरों ...दसवीं ...बाहरवीं ..कोलेज स्तर की शिक्षा में मेरिटोरियस बच्चों हाफ़िज़ कुरान ...खिलाड़ी वगेरा को पुरस्कार देकर सम्मानित करते है तो कोटा के प्रतिभावान बच्चों का सीना गर्व से चोडा हो जाता है ...भाई रफ़ीक बेलियम कहते है के लडकियों को पढाओ यही राष्ट्र की धरोहर है उनका कहना है के मुस्लिम के घर जब लकड़ी पैदा होती है तो उसे खुद की रहमत कहा जाता है और जब बढ़ी होती है तो घर की इज्ज़त कहा जाता है बहु बन का जाती है तो भी घर की इज्ज़त कहा जाता है और जब माँ बनती है तो उसके पेरों के नीचे जन्नत होती है उन्होंने कहा के इस्लाम में ओरत का मर्तबा बुलंद है वोह रहमत भी है इज्ज़त भी है मार्गदर्शक भी है तो जन्नत उसी के पेरों के नीचे है ..उन्होंने कुरान के हुक्म सुरे इकरा पढो पढो के नारे को बुलंद कर पढने और पढाने के शोक को बढाने का जोर देते हुए हिन्दुस्तान को मजबूत करने का आह्वान किया ..भाई रफीक बेलियम के इस जज्बे को सलाम और इस कार्यक्रम के लियें भाई रफ़ीक और उनके अल्फ्लाह टीम सहयोगियों को मुबारकबाद बधाई सेल्यूट .........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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