मेरे दोस्तों ..मेरे भाइयों ..जरा मुझे एक बात तो बताओ ...हमारा इस्लाम खुदा के अलावा किसी और की गुलामी से इनकार करता है ..... हम खुद को मुसलमान भी कहते है ......लेकिन फिर भी .....अपने अपने भाई साहबों ..अपने अपने सियासी खुदाओं के आगे पीछे उनके इशारे पर नाचते भी फिरते है ....कई बार तो हम हमारे भाइयों की ... ज़ुल्म ज्यादती ....ना इंसाफी सभी नज़र अंदाज़ कर ...बेगेरत बन जाते है फिर हम ऐसे लोगन के गुणगान और जय जयकार करते है जो हमारे मजहब और हमारे भाइयों को नुकसान पहुंचाते है ..ऐसी क्या कमी है हमारे बुजुर्गों की परवरिश में ..ऐसी क्या खराबी है हमारे मोलाना और मोलवियों में जो हमे ईसाम का पाठ सही नहीं पढ़ा पाए और खुदा को छोड़ कर इन लोगों के आगे पीछे घुमने को हमने अपनी जिंदगी बना लिया है कोई जवाब जनाब ..नहीं ना ..में सलमान खुर्शीद ....गुलाम नबी आज़ाद ...शाहनवाज़ खान ... मुख़्तार अब्बास नकवी वगेरा अकेले की बात नहीं कर रहा हूँ में पुरे देश के छोटे बढ़े पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात कर रहा हूँ ..मजहब पहले ...खुदा का पैगाम पहले ..अमन पहले ..सुकून पहले ...सुकून पहले ....देश पहले ..देशभक्ति पहले फिर इन सब से पहले भाई साहब और सियासी पार्टियां एक मुसलमान के लियें केसे और केसे हो सकती है भाई .....
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