भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस के आह्वान पर आगामी 14 दिसम्बर को दिल्ली में आयोजित होने वाली वोट चोर , गद्दी छोड़ महारैली की कोटा जिला कांग्रेस में तय्यारियों को लेकर बैठक आयोजित की गई कांग्रेस के कई पदाधिकारी , अधिकतम पदाधिकारी नदारद रहे ,, फोटो में बानगी देखिएगा , कोटा शहर , कोटा देहात की यह संयुक्त बैठक , आठ विधानसभा में दो विधायक , छह हारे हुए विधायक प्रत्याक्षी,, दो जिला अध्यक्ष , पूर्व अध्यक्ष , पूर्व विधायक , भाजपा में जाकर आये हुए कई लोग , सोलह ब्लॉक अध्यक्ष , सोलह पी सी सी सदस्य , तीस से भी अधिक नगर अध्यक्ष , इक्कीससो से ज़्यादा बूथ अध्यक्ष , दो दर्जन अग्रिम संगठन के अध्यक्ष , दस दर्जन अग्रिम संगठनों के पदाधिकारी , प्रदेश पदाधिकारी , दो दर्जन प्रदेश से बिना पी सी सी मेंबर के बनाये गए प्रदेश पदाधिकारी , पूर्व पदाधिकारी ,, देहात , शहर जिला कांग्रेस कार्यकारिणी , यानी पांच हज़ार से भी ज़्यादा अधिकृत लोग , और ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में सिर्फ औपचारिक गिनती के लोग , तो फिर कांग्रेस संगठन कैसे आगे बढ़ेगा , कांग्रेस अगर यूँ ही अख़बारों में , विञप्तियों में , सोशल मीडिया में , खालिस घोषणाओं में ही चलती रही , ज़मीन पर नहीं आई तो फिर कांग्रेस कैसे आगे बढ़ेगी , कांग्रेस कार्यालय में संगठन पुनर्गठन के बाद यह पहली बैठक , संयुक्त बैठक और गिनती वही ढाक के तीन बात , तो फिर वोट चोर , गद्दी छोड़ के नारे का क्या , अगर हम वोट चोरी को रोकने वाले बूथ कार्यकर्ता और कांग्रेस के पदाधिकारी ही लापरवाह रहेंगे , मेदान ही खुला छोड़ देंगे , हम वोट चोरी नहीं हो, ज़िम्मेदारी निभाएंगे ही नहीं, इसके लिए चौकीदारी करेंगे ही नहीं , बस नियुक्त हो जाएंगे , मालाएं पहन लेंगे , बधाइयां ले लेंगे , और कांग्रेस के मुद्दों पर कोटा ज़िले में पांच हज़ार से भी ज़्यादा पदाधिकारियों की फौज होने पर भी महत्वपूर्ण मुद्दों पर आयोजित बैठक में सिर्फ गिनती के लोग , मुंग में सफेदी भी नहीं , तो फिर बताओं ना हम जीतेंगे कैसे , हम वोट चोरो को वाक् ओवर खुद ही तो दे रहे हैं , फिर प्रदेश के पदाधिकारी इस लापरवाही पर चुप क्यों है , क्या ज़रूरत है प्रभारियों की , सह प्रभारियों की , बूथ एस आई आर प्रभारियों की , संगठन के प्रभारियों की , अग्रिम संगठनों के प्रभारियों की , क्यों हम ऐसी नौटंकी करते है , अगर हमे जीतना है , तो इतने लोगों की टीम में से अगर दस फीसदी भी रिचार्ज हो जाए और निकम्मे , नाकारा जो पद लेकर बैठे हुए लोग है उन्हें हटाकर ज़िम्मदारों को बना दिया जाए , विधायक का टिकिट लेकर विधायक बनकर या फिर चुनाव हारकर भी वोह ऐसी बैठकों की उपेक्षा करते है तो फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही तो होना ही चाहिए , यह तो सिर्फ कांग्रेस के पदाधिकारी , आमत्रित सदस्यों की गिनती है , अगर पार्षद , पूर्व पार्षद , हारे हुए पार्षद प्रत्याक्षी नगर निगम और आधा दर्जन नगर पालिकाओं के ,पार्षद प्रधान , सरपंच , पंच, जिला परिषद सदस्यों , डाइरेक्टर , समितियों के लोगों की गिनती करें तो फिर तो गिनती पांच हज़ार से भी दुगुनी के लगभग होगी , सोचो , इतने सारे कांग्रेस के अकेले कोटा ज़िले में पहरेदार , सोशल मिडिया एक्टिविस्ट , लेकिन कांग्रेस संगठन की बेठकों में टांय टांय फिस्स , गिनती के लोग , कांग्रेस कार्यक्रमों में गिनती के लोग , एस आई आर निगरानी में अगर कोटा शहर क़ाज़ी की टीम , सोनू कुरैशी की टीम , जोंटी बिरवाल और कुछेक और लोगों की टीम सक्रिय नहीं होती , तो यह जो बूथ कार्यकर्ताओं की दो हज़ार से ज़्यादा की टीम बनाई थी ना , और इन्हे रिचार्ज करने के लिए एक विधायक जी को कोटा का प्रभारी बनाया भी था ना, जो कोटा में आकर फटके भी नहीं , तो फिर तो वाट लग ही जाती ना , और फिर कहते हैं , वोट चोरी हो रहे हैं ,, अरे तुम्हारे नियुक्त चौकीदार ही जब लापरवाह है , बक़ौल अशोक जी गहलोत के, जो शब्द उन्होंने किन्ही के लिए इस्तेमाल किये थे , वही शब्द देखिए के यह नाकारा है , निकम्मे है , तो फिर वोट भी चोरी ,होंगे गद्दी पर भी यही वोट चोर बैठेंगे , और हमे ऐसी घोर लापरवाही के बाद ,, अपनी मॉनिटरिंग में फेल्योर गिरी के बाद यह तो कहने का हक़ ही नहीं है के वोट चोरी हो गए , इसलिए कहता ,हूँ बदलो खुद को बदलो , भाई साहबों की जेब से बाहर निकलो , एक दूसरे से गुटबाज़ी की रंजिश भुलाकर गले मिलो , कांग्रेस का जो एक लिखित संविधान है ना, जिसमे कांग्रेस संगठन के संचालन और कांग्रेस सदस्य , पदाधिकारियों के कर्तव्यों का उल्लेख है , वैसे , सिर्फ वैसे ही कोंग्रेसी बनकर दिखाओ , फिर देखिये कांग्रेस कैसे फिर लौटकर आती है , गली ,, मोहल्लों , गाँव , ढाणी , विधानसभा , लोकसभा में कैसे कांग्रेस का परचम ज़िंदाबाद के नारों के साथ लहराता है , लेकिन इसके लिए हमें अपनी यह कमज़ोरियाँ देखना होंगी इसे सुधारना होगा , अपनी नाकामयाबी , आम जनता से अलग थलग होने की ,कारगुज़रियां , संगठन संचालन की फेल्योरगिरि , अपने मुंह मियाँ मिट्ठू बनकर खुद की तारीफ करने की संस्कृति पर रोक लगाना होगी , यह जो जेब में रखे पदाधिकारियों की सूचि है ना यह कांग्रेस कार्यालय में चस्पा करना होगी , इन्हे सभी को रोल कॉल कर हाज़री लगाकर , कांग्रेस की बैठकों और कार्यक्रमों में बुलाने का नियम बनाना होगा , कांग्रेस कार्यालयों को नियमित दिन प्रतिदिन दस से पांच बजे तक खोलकर वहां आम जनता की समस्याओं के समाधान की व्यवस्थाएं करना होंगी , आम जनता से घर घर जाकर जुड़ना होगा , नहीं तो बैठो एयर कंडीशनों में , किराए की भीड़ लाकर मंच पर डांस करो , अपना भाषण पेलो , आम कार्यर्कताओं की सुनो ही मत , यहां तक की भाजपा के मददगारों की सूचि सुबूतों के साथ आपको देने के बाद भी , उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही मत करो , ताके यह आस्तीन के सांप फिर आगे कांग्रेस को नुकसान पहुंचाएं , तो फिर वोट चोर , गद्दी छोड़ के मायने भी किया है , कार्यकर्ताओं से संवाद नहीं , राष्ट्रिय अध्यक्ष , प्रदेश अध्यक्ष रणनीतिकार राहुल गाँधी के सम्पर्क सूत्र अलग थलग , उन्हें भेजी गई चिट्ठियों का संज्ञान नहीं , जवाब की परम्परा नहीं , अच्छे सुझाव होने पर भी अमल नहीं , तो फिर कांग्रेस के लिखित संविधान के खिलाफ तुम कुछ भी कर लो , कांग्रेस तो ज़िंदा होने वाली नहीं , क्योंकि कांग्रेस का जो लिखित संविधान है ना ,वही कांग्रेस की आत्मा है , उसे ही स्वीकार करो , उसे अनुशासन के डंडे के साथ शत प्रतिशत लागू करो , फिर देखो , कैसे दौड़ती है कांग्रेस कैसे जीतती है कांग्रेस , कैसे ज़िंदाबाद होती है कांग्रेस ,मेरी तरह आप भी ओरिजनल कोंग्रेसी बनो , संविधान में लिखित कार्यर्कता ,पदाधिकारी की हैसियत से कांग्रेस के ज़िम्मेदार बनो , , लापरवाह लोगों की ,. गुटबाज़ी में फंसे लोगों की पोल भी खोलो , उन्हें सुधारो भी , एक भी करो और कांग्रेस कार्यालयों को घरों में से निकालकर फिर से कांग्रेस कार्यालयों में ही , नियमित दिन प्रतिदिन , सुबह से शाम तक ,व्यवस्थित तरीके से आम जनता की सुनवाई से जोड़कर आबाद करो तो सही , फिर आपकी मर्ज़ी ,चुनाव लड़ो , रैलियों में किराए की भीड़ देखकर जीत के प्रति गुमराह रहो , और फिर हार का ठीकरा वोट चोरी , ई वी एम मशीन , ओवेसी वगेरा वगेरा को देते रहो , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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