आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 नवंबर 2025

(इसी तरह क़ौम) समूद ने पैग़म्बरों को झुठलाया

 (इसी तरह क़ौम) समूद ने पैग़म्बरों को झुठलाया (141)
जब उनके भाई सालेह ने उनसे कहा कि तुम (ख़ुदा से) क्यो नहीं डरते (142)
मैं तो यक़ीनन तुम्हारा अमानतदार पैग़म्बर हूँ (143)
तो खु़दा से डरो और मेरी इताअत करो (144)
और मै तो तुमसे इस (तबलीगे़ रिसालत) पर कुछ मज़दूरी भी नहीं माँगता- मेरी मज़दूरी तो बस सारी ख़ुदाई के पालने वाले (ख़ुदा पर है) (145)
क्या जो चीजे़ं यहाँ (दुनिया में) मौजूद है (146)
बाग़ और चष्मे और खेतिया और छुहारे जिनकी कलियाँ लतीफ़ व नाज़ुक होती है (147)
उन्हीं मे तुम लोग इतमिनान से (हमेशा के लिए) छोड़ दिए जाओगे (148)
और (इस वजह से) पूरी महारत और तकलीफ़ के साथ पहाड़ों को काट काट कर घर बनाते हो (149)
तो ख़ुदा से डरो और मेरी इताअत करो (150)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...