कोटा एयरपोर्ट की सभी बाधाएं दूर होने की खबरों के प्रकाशन के बाद , किसी भी अख़बार वाले ने तो लोकसभा अध्यक्ष ओम जी से एयरपोर्ट के शिलान्यास और निर्माण की शुरुआत के बारे में कोई सवाल पूंछा ही नहीं , पूंछेंगे भी नहीं , एक अकेला दीवाना में , एयरपोर्ट के निर्माण की लेटलतीफी पर सोशल मिडिया पर सवाल उठाता रहता हूँ ,, इसी को संज्ञान लेकर शायद लोकसभा अध्यक्ष जी ने बिना पूंछे एक कार्यक्रम में सीधा जवाब देते हुए कहा है के , पिछली सरकार भार रहित भूमि दे देती तो आज एयरपोर्ट का काम 75 फीसदी हो जाता , उन्होंने यह भी फ़रमाया के में राजनितिक आरोप नहीं लगा रहा लेकिन यही सच है , अब कांग्रेस से ओम जी बिरला के अटूट मोहब्बत तो सभी जानते है , दस बीस प्रतिशत कटटर कोंग्रेसी तो कांग्रेस की रसमलाई के साथ उनकी गोद हुज़ूर बन बैठे हैं , लेकिन उनका रूतबा है , अभी जो कांग्रेस में रहकर कांग्रेस की बात करते देखे जाते हैं , उनकी भी तो जुबांन पर ताले लगे है , उनकी जुबांन ऐसे मुद्दों पर हलक़ में अटक जाती है , और सांठ गांठ साफ उजागर हो जाती है , सभी जानते हैं , यह चुप बैठे लॉलीपॉप अख़बार कर्मचारी भी जानते है , के पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने ज़मीन हाथों हाथ देने की घोषणा की फिर भी काम शुरू नहीं हुआ , पुराने एरोड्रम एयरपोर्ट की ज़मीन पर शान्ति धारीवाल साहब ने , मिनी सचिवालय की योजना बनाई , स्टेट की ज़मीन बताई , दस्तावेज होना बताया , केंद्र के विभागों की ऍन ओ सी बजट घोषणा जो भी थी , वोह सब केंद्र सरकार को करना था , जो घोषणाएं हुई ही नहीं ,फिर हुई भी तो , केंद्र की जेब से क्या मिला यह तो पता नहीं लेकिन एक एम ओ यू अख़बार में प्रकाशित देखा के ,,पुराने एयरप्रोत की ज़मीन बिकेगी उससे कोटा एयरपोर्ट और बाहर के दूसरे एयरपोर्ट पर राशि खर्च होगी , तेरा तुझको अर्पण के आरोप सिर्फ मेने ही लगाए। अख़बार के कर्मचारी चुप रहे ,, कोंग्रेसी चुप रहे , भाजपा के लोग चुप रहे , भाजपा में जो सैद्धांतिक कोंग्रेसी गए हैं वोह चुप रहे , और जो भाजपा से कांग्रेस की ताक़त बनकर आये वोह भी चुप रहे , ,ज़ाहिर है जब अख़बार चुप , न्यूज़ चैनल चुप , कोटा की जनता चुप , विपक्ष चुप , निंदक चुप , अपने सलाहकार चुप तो फिर लेट लतीफी तो होना ही है , खेर आपको भी याद होगा , नहीं तो याद दिला दूँ , पूर्व मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत ने केंद्र के खिलाफ कोटा एयरपोर्ट निर्माण शुरुआत की देरी को लेकर सार्वजनिक घोषणा की थी , के अगर केंद्र कोटा में एयरपोर्ट नहीं ंबनाना चाहती तो राजस्थान सरकार को कह दे , राजस्थान सरकार अपने खुद के खर्चे पर एयरपोर्ट बनवाकर दे देगी , कोटा के अख़बार कर्मियों ने इस पर फॉलोअप नहीं किया , ओम जी बिरला से सवाल नहीं पूंछे , कोंग्रेसियों ने इसे मुद्दा नहीं बनाया , भाजपा से कोन्ग्रेस में आये लोगों ने इसे ज़िम्मेदारी से नहीं उठाया , नतीजा यह है के आज , कोटा सांसद जी का खुला आरोप है के पिछली सरकार भार रहित भूमि दे देती तो आज एयरपोर्ट का काम 75 फीसदी हो जाता उन्होंने यह भी दावा किया के में राजनितिक आरोप नहीं लगा रहा लेकिन यही सच है , अगर यही सच है , तो फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यकाल में , ऐसे बयान क्यों दे रहे थे , शांति कुमार धारीवाल मुखर होकर ज़मीन के बारे में बार बार क्यों चेता रहे थे , यह तो सभी को सोचना है , अख़बार कर्मियों को भी सोचना है के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल साहब से इस मामले में , उनका पक्ष लें , क्योंकि अशोक जी गहलोत तो बोलेंगे नहीं , और बाक़ी मूड है , ओम बिरला जी के बयान के खिलाफ बोलें तो बोलें नहीं तो खामोशी तो है ही सही , खामोशी यानि स्वीकारोक्ति ही कही जायेगी , अब प्रह्लाद गुंजल जांबाज़ सिपाही हैं , वही कुछ बोल दे , कोटा शहर के अध्यक्ष रविंद्र त्यागी , देहात के अध्यक्ष भानू प्रताप ,, पूर्व सांसद रामनारायण मीणा , पीपल्दा विधायक चेतन पटेल ,, केशोराय पाटन विधायक सी एल प्रेमी , बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा , पूर्व मंत्री अशोक चांदना ,,पूर्व मंत्री शांति कुमार धारीवाल , नईमुद्दीन गुड्डू , शिवकांत नंदवाना , अमित धारीवाल , कोटा उत्तर महापौर मंजू मेहरा ,प्रवक्ता की कमान संभाले अनूप ठाकुर ,,पूनम जी गोयल , वगेरा वगेरा कुछ तो बोलें , लेकिन ऐसे मुद्दों पर ऐसे सवालों पर जब कांग्रेस पर खुले आरोप लगते हैं , तो खुद को कोंग्रेसी कहने वाले लोगों की जुबां जवाब देते वक़्त हलक़ में अटक जाती है , वोह चुप रह जाते हैं , ऐसा क्यों होता है , यह एक शोध का विषय है , कोटा वासियों के लिए सोच का विषय है , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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