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21 अक्टूबर 2025

कोटा नगर परिषद से लेकर नगर निगम तक के सफर के दौरान कई दर्जन मेले , दशहरे कार्यक्रमों के गवाह रहे सेवानिवृत्त नगर निगम मुख्य कार्यकारी अधिकारी सूफी बाबा इमरान खान रहमानी के आकस्मिक निधन पर सभी स्तब्ध हैं

 

कोटा नगर परिषद से लेकर नगर निगम तक के सफर के दौरान कई दर्जन मेले , दशहरे कार्यक्रमों के गवाह रहे सेवानिवृत्त नगर निगम मुख्य कार्यकारी अधिकारी सूफी बाबा इमरान खान रहमानी के आकस्मिक निधन पर सभी स्तब्ध हैं , इमरान खान रविवार शाम ,, अलग अलग दो तीन जगह निमंत्रण मिलने पर कार्यक्रमों में गए थे , और आने के बाद अचानक बात करते करते , हँसते , मुस्कुराते , हमे छोड़कर चले गए , अल्लाह उन्हें जन्नतुलफिरदोस में आला मुक़ाम अता फरमाए ,, उन्हें खिराज ऐ अक़ीदत पेश है ,, 1 मई 1954 को जन्मे इमरान खान कोटा में ही पले , पढ़े लिखे , बढे हुए , और कोटा नगर परिषद में , निजी सहायक के रूप में भर्ती हो गए , मुस्कुराता चेहरा , खामोश तबियत , हर दिल अज़ीज़ , सभी की मदद का जज़्बा ,, कुर्सी और कर्तव्य से वफादारी इनकी पहचान थी , नगर निगम कोटा में इमरान खान दो दर्जन से भी ज़्यादा अधिकारीयों के अधीनस्थ निजी सहायक के रूप में कार्यरत रहे , बाद में चुनाव हो जाने के बाद , महापौर के निजी सहायक रहे , फिर इनका प्रमोशन कार्यालय सहायक , फिर सचिव , फिर मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर हुआ , यह नगर निगम कोटा से महत्वपूर्ण पद से रिटायर हुए , ,इमरान खान की कार्यशैली , इनके कार्यव्यवहार पर कभी किसी ने कोई ऊँगली नहीं उठाई , सभी आगंतुकों का सम्मान , अधिकारीयों और अधीनस्थ कर्मचारियों ,, शिकायतकर्ताओं के बीच के समन्वयक बनकर इमरान खान ने नगर निगम में बहतरीन सेवायें दीं ,, इमरान खान के वालिद , रमज़ान खान , सूफी संत थे , घंटाघर मक़बरा पर इनका कारोबार था , फिर सूफी संत होने के बाद इनके कई मुरीद बन गए , ,और रमज़ान बाबा का इन्तिक़ाल होने के बाद , उनके मुरीदों और इमरान खान ने मिलकर , जंगलीशाह बाबा परिसर में उनकी दरगाह का निर्माण करवाया जहाँ हर साल उनके मुरीद बढ़ी संख्या में उपस्थित होकर उनकी बरसी पर उर्स करवाते हैं ,,, ,इमरान खान ऐसी शख्सियत रहे हैं , जिन्होंने कोटा नगर परिषद का ऐतिहासिक रामपुरा कार्यालय से अपनी नगर परिषद सेवा का कार्यकाल शुरू किया , तब कोटा शहर में मात्र चालीस वार्ड हुआ करते थे , फिर साठ वार्ड हुए ,,फिर नगर निगम कोटा उत्तर कोटा दक्षिण दो हुए , डेढ़ सो वार्ड हो गए , इसी शहर में अब सो वार्ड हैं जो एक नवम्बर से अमल में आएंगे , इमरान खान कोटा की नगर परिषद से नगर निगम की हर दास्ताँ के गवाह रहे हैं , हिस्सेदार रहे हैं , छियालीस साल की मेरी उनसे मुलाक़ात में मेने उन्हें कभी गुस्से में नहीं देखा , हमेशा मुस्कुराता चेहरा , हर शख्स के लिए मदद का जज़्बा , अधिकारीयों के साथ वफ़ादारी और कर्तव्य के प्रति समर्पण के साथ कर्तव्यनिष्ठा उनकी पहचान थी , नगर निगम से सेवानिवृत्त होने के बाद तो वोह खुद भी सूफी संत की तरह से अपना मिजाज़ बनाकर रहने लगे थे , वालिद मोहतरम बाबा रमज़ान खान साहब की रूहानी ताक़त ने उन्हें नेक बनाया था , और ऐसी अज़ीम मोहब्बत बांटने वाली शख्सियत का यूँ अचानक चला जाना यक़ीनन कोटा के लिये , नगर निगम से जुड़े लोगों , सूफी संत विचारकों के लिए , उनके मित्रों के लिए परिजनों के लिए बढ़ा आघात पहुंचाने वाला है , आज उनके सोयम की फातिहा हुई , अल्लाह उन्हें जन्नतुल फिरदोस में आला मुक़ाम अता फरमाए उनके परिजनों को , सब्र ऐ जमील अता फरमाए ,,, आमीन ,सुम्मा आमीन ,एडवोकेट अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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