आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 अक्टूबर 2025

कोटा में राहुल फार्मूला दलित, पिछडो, शोषित, उटीडितों की संघर्षशील आवाज़ मामले में कोटा शहर, देहात अध्यक्ष पद के लिये इक्का दुक्का को छोड़ कोई कसौटी पर उतरता ही नहीं , कई अल्पसंख्यक दावेदार तक मुद्दों पर मुखर होने की जगह खामोश अगल बगल रहे

 

कोटा में राहुल फार्मूला दलित, पिछडो, शोषित, उटीडितों की संघर्षशील आवाज़ मामले में कोटा शहर, देहात अध्यक्ष पद के लिये इक्का दुक्का को छोड़ कोई कसौटी पर उतरता ही नहीं , कई अल्पसंख्यक दावेदार तक मुद्दों पर मुखर होने की जगह खामोश अगल बगल रहे
कोटा शहर और देहात, बूंदी ज़िला कोंग्रेस अध्यक्ष पद का भविष्य तय करने के लिये कोंग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत अखिल भारतीय कोंग्रेस कमेटी ऑब्ज़र्वर कार्यकारी प्रदेश कोंग्रेस अध्यक्ष तेलगाना जेट्टी कुसुम कुमार कोटा आ रहे हैं, उनके साथ प्रदेश कोंग्रेस कमेटी के सहयोगी ऑब्ज़र्वर सांसद मुरारी लाल जी मीणा, राजेन्द्र यादव , वीरेंद्र झाला भी मौजूद रहेंगे,
राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत के फार्मूले , जिसमे विधायकों ,, हारे हुए विधायक प्रत्याक्षियों को ट्रांसफर , और डिज़ायर की पावर दी थी , उसने राजस्थान में खासकर कोटा में कांग्रेस संगठन को लीर ,लिया तार तार कर दिया और संगठन जेब से बाहर ही नहीं आ सका , अब राहुल गांधी का संगठन को , टिकिट के चयन में स्वतंत्र ,अधिकार सत्ता आने पर उनकी डिज़ायर पर कार्यवाही , मंत्री चयन जैसी शक्तियां अगर संगठन को मिलती ,है तो फिर संगठन सर्वोपरि होगा मज़बूत भी होगा और अशोक गहलोत के विधायक , हारे हुए विधायक प्रत्याक्षियों की डिज़ायर फार्मूले से जो कांग्रेस संगठन तबाह और बर्बाद हुआ है , फिर से ज़िंदाबाद , ज़िंदाबाद हो ,सकेगा ,,,,,देखना यह है के डूबती कांग्रेस को , बचाने के लिए , अपनी जान की बाज़ी , लगाकर इन लोगों पर भरोसा करते हुए , राहुल गांधी ने जो , कांग्रेस संगठन सृजन अभियान चलाया उसके तहत वोह संगठन को मज़बूती देने , कांग्रेस की रीती निति के तहत , दलित , पिछड़े , शोषित , उत्पीड़ित , अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को साथ लेकर उनके हक़ के लिए संघर्ष करने वाले चयनित किये जाते है संगठन को शक्तिशाली बनाया जाता है , या फिर वो ही , कांग्रेस संगठन कार्यालय में , किसी रिसोर्ट होटल में , संगठन के कुछ गिनती के साथियों के साथ , ज़िंदा बाद , मुर्दाबाद , शिकवे , शिकायत , अध्य्क्ष पद के लिए आवेदन अपने मुंह मिया मिट्ठू बनने वाले लोगों में से ही , या फिर पूर्व मैच फिक्सिंग में से किसी को भी फिर से भाईसाहब की रिमोट वाली गुलामी के साथ इस कोटा शहर और देहात में थोप दिया जाता है ,सभी जानते है , कोटा कांग्रेस कार्यालय जर्जर हो रहा है , किराया नाम मात्र है ,, कांग्रेस कार्यालय की अपनी ज़मीन , अपनी दुकाने , अपनी आमदनी होने पर भी यहां कांग्रेस ट्रस्ट के नाम पर इसे तबाह और बर्बाद होता देखा जा रहा है , कांग्रेस की सरकार कई बार आने के बाद भी यहां के ज़िम्मेदारों ने इस कांग्रेस कार्यालय को स्ट्रिप ऑफ़ लेंड लेकर विस्तारित करने , आमदनी बढ़ाने और कार्यकर्ताओं के लिए बहतर सुविधाजनक बनाने के लिए कोई पहल नहीं की है , कांग्रेस ट्रस्ट के सदस्य के रूप में नरेश जी विजयवर्गीय का देहांत हो गया , पंकज जी मेहता और गोविन्द जी शर्मा भाजपा में चले गए , और अभी तक कांग्रेस के इस ट्रस्ट को पुनर्गठित कर आम कार्यर्कताओं के लिए उपयोगी व्यवस्था प्रबंधन वाला नहीं बनाया गया है , राहुल गाँधी ने संगठन सृजन अभियान को समझते हुए स्पष्ट किया है के अब नया डिस्ट्रिक्ट कांग्रेस प्रेजिडेंट पहले की तरह नहीं ,होंगे उनके कार्यों को देखा जाएगा , के उनके नेतृत्व में निकाय , पंचायत , विधानसभा , लोकसभा में कांग्रेस के वोट बढे या नहीं , राहुल गाँधी ने स्पष्ट किया के ,,,दलित , पिछड़े , ,शोषित , उत्पीड़ित , महिला , माइनोरिटी ,, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पर आक्रमण होता , है , उन पर हमले होते है और कांग्रेस के यह लोग चुप रहते है , प्रतिकार नहीं करते , तो इन्हे भी देखा जाएगा ,,राहुल गाँधी ने कहा के कांग्रेस डिस्ट्रिक्ट प्रेसिडेंट सभी को साथ लेकर चल रहे हैं , युवाओं को उनकी हिस्सेदारी दे रहे हैं , सभी वर्ग के लोगों की सुनवाई कर रहे हैं , समन्वय कर रहे ,हैं अपनी मनमानी तो नहीं कर रहे , किसी एक के इशारे पर तो नहीं चल , रहे ऐसे ही लोगों को आगे लाया जाएगा , राहुल गांधी ने खुलासा किया है के , अब नए अध्यक्षों को मज़बूती दी जायेगी , 440 वाट के करंट के साथ नए अध्यक्षों को ज़िम्मेदारी दी जायेगी , ,अब कांग्रेस का जिला अध्यक्ष ही तय करेंगे के निकाय चुनाव में कोण उम्मीदवार होगा , पंचायत चुनाव किसे लड़वाए , विधायक , लोकसभा का चुनाव कोन लड़ेगा ,, उनकी अपनी हिस्सेदारी , , भागीदारी , उनकी स्वतंत्रता रहेगी , उन्हें निष्पक्ष रूप से ताक़तवर बनाया जाएगा ,,, उसमे किसी की दखलंदाज़ी का कोई स्थान नहीं रहेगा ,, हर कोंग्रेसी जानता है , कोटा में अभी तक भाई साहबों के रिमोट से चलने वाले अध्यक्ष बनाये जाते रहे हैं , ,मंत्री जी उन्हें पूंछते नहीं ,, पार्षद के चुनाव हों , पंचायत के चुनाव हो , विधायक प्रत्याक्षियों का पेनल हो , लोकसभा प्रत्याक्षियों का पेनल ,हो मनमानी होती है , कांग्रेस अध्यक्ष की स्थिति भाईसहबों के क़दमों में बैठे रहने से ज़्यादा कुछ नहीं रहती है , गुटबाज़ी बढ़ती है , मुस्लिम समाज , दलित ,समाज महिला उत्पीड़न , पिछडा वर्ग के साथ अपमानकारी कार्यवाही ,, कार्यकर्ताओं पर अत्याचार , अवैध गैर क़ानूनी कार्यवाही हो भी तो भी यह लोग चुप्पी साथ लेते है , गुटबाज़ी हावी रहती है , कांग्रेस कार्यालय ,वीरान सुनसान सा रहता है , विधायक , पूर्व विधायक , पूर्व सांसद , महापौर , उप महापौर कांग्रेस कार्यालय में अगर नियमित बैठने लगें तो अध्यक्ष के नेतृत्व में रोज़ वहां कार्यर्कताओं की भीड़ आये और समस्याएं आएं उनका समाधान हो , कांग्रेस के प्रति आम जनता , कार्यर्कताओं का विश्वास मज़बूत हो ,, लेकिन ऐसा होता नहीं ,, ऐसे ऐसे लोग संगठन के पदाधिकारी बनते है , जिन्हे कांग्रेस कार्यालय है कहाँ यह भी उनकी जानकारी में नहीं है ,फिलहाल कोटा शहर के लिए रविंद्र त्यागी ,, राखी गौतम , पूनम गोयल , शिवकांत नंदवाना ,,आबिद कागज़ी , राकेश सोरल , अनूप ठाकुर, नईमुद्दीन गुड्डू ,,, क्रांति तिवारी, अमित धारीवाल, आयना महक सहित कई उम्मीदवार है , जबकि कोटा देहात में भानू प्रताप ,, मंज़ूर तंवर , प न मीणा, इकराम खान ,, सरोज मीणा , चेतन पटेल ,,रामकुमार दाधीच, भरत कुमार सहित कई नाम है , अब सवाल यह उठता है , के कांग्रेस संगठन सृजन अभियान में कांग्रेस अध्यक्ष चयन में वही पुरानी मनमानी बंदरबांट होती है , या फिर ईमानदारी से , ,पर्यवेक्षक खुद कोटा में रूककर , कार्यकर्ताओं में से बिना उनसे मिले ,, भेस बदलकर , डिटेक्टिव की तरह , अनजान बनकर , अलग अलग लोगों से जो कांग्रेस अध्यक्ष बनने के दावेदार ,है या फिर जिन्होंने दावेदारी नहीं की है , और जो कांग्रेस के प्रति समर्पित ,, निष्पक्ष , बिना किसी के दबाव में सिर्फ संगठन हित में राहुल गांधी के निर्देशों के अनुरूप , संगठन ज़िंदाबाद के नारे के साथ काम करने का हौसला रखते ,हैं उनके द्वारा आवेदन नहीं करने पर भी उनकी उम्मीदवारी को स्वीकार करते हुए उनके नाम भी पेनल में भेजेंगे ,, वैसे दावेदारों में कई तो ऐसे नाम है राहुल गांधी के दलित अल्पसंख्यकों के लिये कभी कुछ बोले ही नहीं , खुद अल्पसंख्यक समाज के लोग भी कई मुद्दों पर खामोश अगल बगल रहे, राजस्थान जानता है , के राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक जी गहलोत का विधायक , हारे हुए विधायक प्रत्याक्षियों को डिज़ायर , ट्रांसफर की पावर दिए जाने से राजस्थान में अशोक गहलोत की यह निति संगठन को अज़गर बनकर निंगल गई , और संगठन , विधायकों ,सांसदों , स्थानीय मंत्रियों या फिर दंबग भाईसाहबों का गुलाम बन जाने से नगण्य , मृत प्राय हो गए , है, जबकि खुद सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री पड़ रहते हुए उन्होंने संगठन की ताकत पी सी सी की बैठक लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलौत की इस नीति का विरोध नहीं किया और बगावत कर बैठे, जिससे कोंग्रेस मज़बूत होने की जगह ओर कमज़ोर हो गई, अशोक गहलोत के विधायकों , और हारे हुए विधायकों को पॉवरलेस कर , फिर से संगठन को राहुल गांधी का जो 440 वाट का करंट देने का फार्मूला है , वोह कांग्रेस को आज़ाद , स्वतंत्र , निष्पक्ष मज़बूत करने वाला है , लेकिन ,, काश ऐसा हो जाए , और पर्यवेक्षक जल्दबाज़ ना हो , दो पांच ,दस दिन चुप चाप बहस बदलकर या फिर डिटेक्टिव एजेंसी के ज़रिये सच्चाई जाने और फैसला सही व्यक्ति के नेतृत्व का लें , तो शायद बात बन जाए ,,, अभी कोटा का ही उदाहरण , कांग्रेस को सो में से सो वोट देने वाले अल्पसंख्यकों के नाम पर कोटा मेले दशहरे में सरकारी टेक्स के रुपयों से होने वाले कार्यक्रमों में से भाजपा में शामिल कांग्रेस के महापौर रहे , राजीव भारती ,, कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा की मौजूदगी में कांग्रेस के विशिष्ठ नेता जी के चहीते , भाजपा पार्षद नेता प्रतिपक्ष और मेला आयोजन समिति के चेयरमेन विवेक राजवंशी , ने कई दशकों से होने वाले मुशायरे , क़व्वाली , ग़ज़ल के कार्यक्रमों को खत्म कर दिया , सिर्फ उप महापौर सोनू कुरेशी ने आवाज़ उठाई , , ,मंजू मेहरा कोटा उत्तर महापौर की चुप्पी है , ,नईमुद्दीन गुड्डू ,, प्रहलाद गुजंल ,,राखी गौतम , विधायक चेतन पटेल , रामगंजमंडी प्रत्याक्षी भरत , कोटा उत्तर विधायक शान्ति कुमार धारीवाल चुप्पी साथे बैठे हैं , जबकि रविंद्र त्यागी ने तो फिर भी कलेक्टर को ज्ञापन देकर विरोध जताया है , अब ऐसे में राहुल के कांग्रेस संगठन सृजन की रीती की कसौटी पर तो सिर्फ रविंद्र त्यागी के अलावा सभी सिफर , यानी ज़ीरो हो जाते ,हैं देखते हैं , अब यह पर्यवेक्षक राहुल गांधी की इज़्ज़त , उनकी नसीहत , उनकी सीख के तहत , कोटा के संगठन कोटा शहर और देहात के अध्यक्ष का सृजन ईमानदारी से ,, डिटेक्टिव व्यवस्था के तहत रिपोर्टें लेकर करते है , या फिर एक दिन की विज़िट ,कर शोर शराबा ,कर खाली कागज़ पर , पहले से ही मैच फिक्सिंग की तरह भाई साहबों के चेले चपाटों में से ,, कोटा कांग्रेस को फिर गिरवी रखकर कांग्रेस कार्यर्कताओं को खून के आंसू रुलाने के लिए छोड़ जाते है ,अभी भी कुछ गिनती के आक़ा अपने अपने प्यादों को जिला अध्यक्ष पद पर यथावत रखने की जुगत लगा रहे हैं, ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...