"हाड़ौती की परंपराओं, संस्कृति और इतिहास को दिल्ली की धरती पर जीवंत देखना हर्ष का विषय" - लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला
"हाड़ौती के युवा शिक्षा, रोजगार और सामाजिक कल्याण में सराहनीय योगदान दे रहे हैं।" - लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला
दिल्ली में हाड़ौती मिलन समारोह का आयोजन, हाड़ौती बोली में लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला का संबोधन
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025: लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला आज डॉ. एस. सी. सुब्रह्मण्यम ऑडिटोरियम, आईसीएआर, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित 6ठे हाड़ौती स्नेह मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
इस अवसर पर लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि हाड़ौती क्षेत्र का योगदान राष्ट्रीय विकास की धारा से सीधा जुड़ा है। यह स्नेह मिलन केवल एक सामाजिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हमारी विरासत, परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान को सहेजने का संकल्प है। उन्होंने यह भी कहा कि हाड़ौती क्षेत्र के लोग शिक्षा, प्रशासन, व्यापार और तकनीकी सहित अनेक क्षेत्रों में देश का नाम रोशन कर रहे हैं और यही इस क्षेत्र की वास्तविक ताकत है।
हाड़ौती स्नेह मिलन में दिल्ली और देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में हाड़ौती क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे। हाड़ौती की लोककला, लोकगीत और पारंपरिक परिधान इस अवसर का विशेष आकर्षण रहे।
अपने आत्मीय संबोधन में श्री बिरला ने हाड़ौती संस्कृति, इतिहास और सामाजिक एकता पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि हाड़ौती का व्यक्ति चाहे देश और दुनिया में कितना भी आगे क्यों न चला जाए, उसकी बोली हमेशा हाड़ौती ही रहेगी। हाड़ौती क्षेत्र को उन्होंने ऐसा कार्यक्षेत्र बताया जहां कभी भी दो जून की रोटी का संकट नहीं रहा, इसलिए यहां के लोग बहुत अधिक विस्थापित नहीं होते। उन्होंने कहा कि दिल्ली में इतनी बड़ी संख्या में हाड़ौती क्षेत्र के लोगों को देखकर उन्हें अत्यंत सुखद अनुभव हुआ है।
उन्होंने क्षेत्रवासियों से आह्वान किया कि जब भी वे अपने गांव, कस्बों या क्षेत्र में जाएं तो वहां के लोगों की समस्याओं और मुद्दों को सामने लाएं और उन्हें उनके कार्यालय तक पहुँचाएं। चाहे किसी मरीज को अस्पताल में दिखवाने की व्यवस्था करनी हो, किसी की पेंशन संबंधी दिक्कत हो, खाद्य सुरक्षा योजना से नाम जुड़वाना हो या कोई अन्य विषय; उनके कार्यालय के दरवाजे हाड़ौती क्षेत्र के हर व्यक्ति के लिए सदैव खुले हैं।
श्री बिरला ने कहा कि हाड़ौती के गांवों और कस्बों के लोग, विशेषकर युवा पीढ़ी, दिल्ली जैसे बड़े शहरों और देश की राजधानी में सफलता प्राप्त करने वालों से प्रेरणा ले। यह उनकी जिम्मेदारी भी है कि वे क्षेत्र के लोगों की मदद करें और समाज को दिशा दें। उन्होंने गर्व से कहा कि आज कोटा का पत्थर, कोटा का धनिया, कोटा डोरिया साड़ी और कोटा की कचोरी देश ही नहीं, पूरी दुनिया में पहचान बनाए हुए हैं।
उन्होंने आह्वान किया कि हम सबका कर्तव्य है कि कोटा, बूंदी और पूरे हाड़ौती क्षेत्र की इस पहचान को और आगे बढ़ाएं। साथ ही गांव-कस्बों में बैठे हर व्यक्ति की समस्या का समाधान करने की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। दिल्ली में रहकर और देश की राजधानी में कार्य करते हुए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति उपेक्षित न रहे।
लोकसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन का समापन करते हुए कहा कि उनका कार्यालय हाड़ौती क्षेत्र की सेवा के लिए हमेशा खुला है और वे क्षेत्र की प्रगति, शिक्षा, संस्कृति और पहचान को और मजबूती देने के लिए निरंतर कार्यरत रहेंगे।
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