नेत्रदानी नगरी कोटा,में संपन्न हुए दो महिलाओं के नेत्रदान
2. परिवार के शोक को कम करने में सहायक हो रहा है नेत्रदान
शहर
में अब प्रतिदिन नेत्रदान करने वाले परिवारों की संख्या बढ़ती जा रही
है,यही कारण है कि, कोटा शहर अब "नेत्रदानी नगरी कोटा " के नाम से जाना जा
रहा है ।
मंगलवार श्याम बसंत विहार निवासी चंद्र प्रकाश छाबड़िया
की धर्मपत्नी विद्या देवी छाबड़िया का आकस्मिक निधन हुआ । परिवार में पहले
भी शाइन इंडिया के सहयोग से स्व० दिलीप छाबड़िया और स्व० मीरा देवी
छाबड़िया का नेत्रदान हो चुका है । इसी कारण से शोकाकुल परिवार के सदस्यों
ने तुरंत ही विद्या देवी के नेत्रदान सर्व सहमति से संपन्न करवाया ।
आज
बुधवार को, छावनी निवासी स्व० डॉ० डी एस सिद्धू की धर्मपत्नी महिंद्र कौर,
के आकस्मिक निधन के उपरांत उनके बेटे इंद्रजीत सिंह सिद्धू (ज्योति-मित्र)
ने स्वप्रेरणा से माता जी का नेत्रदान का कार्य संपन्न करवाया । इंद्रजीत
पिछले 10 सालों से शाइन इंडिया फाउंडेशन के साथ नेत्रदान जागरूकता के लिए
कार्य कर रहे हैं ।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अगस्त 2025
नेत्रदानी नगरी कोटा,में संपन्न हुए दो महिलाओं के नेत्रदान
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