नेत्रदान को समर्थन के लिए, प्रवासी भारतीय अनु,यूके की सबसे बड़ी पर्वत चोटी पर करेंगी चढ़ाई
राजस्थान,के
अजमेर मूल की प्रवासी भारतीय अनु व्यास वर्तमान में स्कॉटलैंड में समर्पित
मनोविज्ञान विशेषज्ञ के रूप में, कार्य कर रही हैं । वे सामुदायिक सेवा
और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रति अपने लगाव को काफी महत्व देती हैं ।
शाइन
इंडिया फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया कि,अनु
स्कॉटलैंड में राजस्थानी समुदाय की एक सक्रिय सदस्य के रूप में,विदेशों में
राजस्थानी विरासत की समृद्ध परंपराओं को बढ़ावा देने और संरक्षित करने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
अपने कार्यों के माध्यम से,अनु
सहानुभूति, दृढ़ता और सांस्कृतिक गर्व जैसे मूल्यों का उदाहरण प्रस्तुत
करती हैं, और प्रवासी समुदाय के भीतर ही नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक
क्षेत्रों में भी सार्थक प्रभाव छोड़ रही हैं।
काफी समय से अनु शाइन
इंडिया फाउंडेशन के नेत्रदान,अंगदान अभियान को वैश्विक स्तर पर प्रसारित
करने में लगी हुई है । दृष्टिहीनों को नेत्रदान के माध्यम से रोशनी मिले इस
उद्देश्य से, 2 अगस्त शनिवार को, यूके की सबसे ऊंचे पर्वत*बेन नेविस*,पर
चढ़ाई करने वाली हैं । अनु, राजस्थान की पारंपरिक वेशभूषा पहन कर कई,मैराथन
दौड़ में भाग ले चुकी हैं ।
बेन नेविस समुद्र तल से 1345 मीटर की
ऊंचाई पर स्थित है, इसकी श्रेष्ठतम ऊंचाई पर चढ़ना, हर किसी के लिए बस की
बात नहीं है। अनु अपने इस अभियान के माध्यम से कॉर्निया कि अंधता को दुख
भोग रहे लोगों की आंखों से अंधेरा दूर करने के लिए लोगों से आर्थिक सहयोग
भी इकट्ठा कर रही हैं
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
05 अगस्त 2025
नेत्रदान को समर्थन के लिए, प्रवासी भारतीय अनु,यूके की सबसे बड़ी पर्वत चोटी पर करेंगी चढ़ाई
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