कोटा यातायात पुलिस ई चालान व्यव्यस्था में सुधार के लिये पुलिस अधीक्षक कोटा को अख्तर खान अकेला के सुझाव
कोटा 11 अगस्त,,ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने ,,,कोटा शहर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी जी गौतम को ,, , वर्ष 2024 के पूर्व के वाहनों के ई चालान लोकअदालत द्वारा निस्तारित करने के बाद कोटा यातायात वेबसाइट से पेंडिंग हटवाने ,, वाहन ई चालान व्यवस्था में आवश्यक सुधार करते हुए , वयवस्था को ज़िम्मेदार बनाने के मामले में कई सुझाव दिए हैं , ,
अख्तर खान अकेला ने कहा कि कोटा में वाहनों के ई चालान को लेकर कई अव्यस्थाएं है , जो भ्रष्टाचार को भी जन्म देती है ,और परेशानी भी खड़ा करती है , साथ ही , यातायात पुलिस कर्मियों संबंधित लोगों के लिए भी परेशानी का सबब होती है , इस मामले में सूक्ष्म निगरानी ज़रूरी है ,, अकेला ने कहा कि
हाल ही में वर्ष 2024 के पूर्व के सभी पेंडिंग वाहनों के चालान , सरकार ने स्थाई लोक अदालत की भावना से कम्पाउंड करते हुए समाप्त कर दिए है , इस मामले में कोटा न्यायालय की सूचि भी यातायात पुलिस को भेजी गई है ,, या फिर पुलिस के ज़िम्मेदार कर्मियों की जानकारी में है , लेकिन लोक अदालत में निस्तारित हुए इन चालानों की पेंडेंसी आज भी , संबंधित ज़िम्मेदार पुलिस कर्मचारियों ने वेबसाइट से पेंडिंग सीगे से नहीं हटाई है , नतीजन कोटा सहित दूर दराज़ के वाहन मालिकों को ,अभी भी चालान पेंडिंग है , यह समझकर कोटा आना जाना पढ़ता है , और बाद में उनके आने के बाद , एप्रोच के बाद स्थाई लोक अदालत के निस्तारित चालान की पेंडेंसी जो स्वेच्छिक रूप से , खुद ही वेबसाइट में पेंडेंसी हट जाना चाहिए थी , वोह यातायात विभाग के संबंधित पुलिस कर्मी से स्थानीय किसी व्यक्ति या न्याय मित्र की मदद से पेंडेंसी हटवाता है ,आप समझ सकते है के एक पेंडेंसी जो निस्तारित होने पर खुद बा खुद संबंधित ज़िम्मेदार द्वारा हटाना चाहिए ,, इसे नहीं हटाने के पीछे क्या मंशा हो सकती है , और दूर दराज़ से पेंडेंसी हटवाने के लिए आने जाने पर उनका खर्च कितना होता होगा , उन्हें दूर दराज़ से आने के कारण बिना रुके जल्दी जाने की कोशिशों के पीछे , क्या फील गुड़ व्यवस्था होती होगी ,,,अंदाज़ा लगाया जा सकता है ,,,ऐसे में पुलिस अधीक्षक महोदया से निवेदन किया गया है कि लोकअदालत की भावना से 2024 के पूर्व चालानों की निस्तारित लिस्ट के मुताबिक़ सभी पेंडेंसी को निस्तारित करने की सख्त हिदायत अधीनस्थ यातायात कर्मियों ,, कम्प्यूटर ऑपरेटर को दें , साथ ही , अभी तक पेंडेंसी क्यों रखी हुई है , लिस्ट के अनुसार खारजा क्यों नहीं लगाया इस लेट लतीफी का भी स्पष्टीकरण लें , भविष्य में इस तरह की लापरवाही नहीं हो इस मामले में भी सख्त निर्देश जारी करें ,
अख्तर खान अकेला ने आगे कहा कि कोटा अकेला ट्रेफिक लालबत्ती मुक्त शहर है , यहां किसी भी चौराहे पर लालबत्ती की वजह से रुकने का पॉइंट नहीं है , कोटा में अलग अलग सड़कों पर गति सीमा क्या निर्धारित है इसकी जिला मजिस्ट्रेट की अधिसूचना , ,कितनी गति सीमा निर्धारित है और गति सीमा निर्धारण का चेतावनी बोर्ड भी सड़कों ,, चौराहों पर ट्रेफिक व्यवस्था के तहत नहीं लगे है , ऐसे में कई गति सीमा प्रतिबंधित सड़कों पर अधिसूचना बोर्ड नहीं होने , और गति सीमा का बोर्ड नहीं होने से वाहन चालक भ्रमित होते है , और स्पीड लिमिट पार होने के चालान बन जाते है , ,खेर चालान बनना आवश्यक भी हैं , लेकिन जब ई चालान बना ,, तो सॉफ्टवेयर में ऐसी संशोधित व्यवस्था हो के चालान होते ही , वाहन मालिक के पंजीकृत मोबाइल पर मेसेज अधिकृत पुलिस एजेंसी के ज़रिये चालान और उसके जुर्माने निस्तारण की अंतिम तिथि का चला जाए , अधिकृत पुलिस एजेंसी से मेसेज की बात यूँ उठाई गई है ,, के कई फ़र्ज़ी लोग , साइबर फ्रॉड के नाम पर भी ऐसा करते रहे हैं , और सरकार की तरफ से अज्ञात मेसेज पर कोई भी क्लिक नहीं करने की चेतावनी एडवाइज़री भी जारी है , हाल ही में पत्रकार धीरज गुप्ता तेज ,, के वाहन का चालान हुआ , महीनों बाद उनके चालान का मेसेज उन तक पहुंचा और वोह भी दूसरी ऐप से जो प्रतिबंधित है , उन्होंने साइबर फ्रॉड के खौफ से मेसेज नहीं खोला , जानकारी की कोशिश की तो दूसरे दिन ही , अदालत में चालान पेश करने की जानकारी मिली , इस व्यवस्था को और त्वरित , व्यवस्थित , तात्कालिक चालान निस्तारण की की जा सकती है , सरकारी ऐप के प्रति प्रचार प्रसार और फिर उसी ऐप से मेसेज चालान होते ही भेजे जाने का सिस्टम भी डवलप और दूसरे शहरों की तरह से हो जाए तो सब व्यवस्थित हो जाएगा , आम जनता भी परेशान नहीं होगी और ट्रेफिक पुलिस में भी सीधे जुर्माना हो सकेगा ,,
अख्तर खान अकेला ने आगे कहा कि ट्रेफिक सिस्टम में चालान होने के बाद मेसेज वाहन मालिक के पास नहीं जाने से ,, वोह समय पर चालान का निस्तारण ट्रेफिक ऑफिस जाकर या ऑन लाइन कराने में अक्षम हो जाता है , क्योंकि जब उसे देरी से जानकारी मिलती है , तो स्टेटस में , अदालत में चालान पेश करने का स्टेटस आता है , फिर उसे अदालत में आना पढ़ता है , वेबसाइट में भी , स्टेटस में तो चालान पेश किये जाने का स्टेटस है , लेकिन अदालत में कोई चालान होता ही नहीं क्योंकि , अगर अदालत में चालान पेश हो जाता तो अदालत का सम्मन उस व्यक्ति के पास पहुंचता या तलबी जारी होती , ऐसा होता नहीं है , अदालत में , दरख्वास्त लगती है , और वही ट्रेफिक पुलिस का कोर्ट मुंशी यानी पुलिस कर्मी को दरख्वास्त की नक़ल मिलती है , वोह अपने पास से ही चालान निकाल कर कोर्ट में पेश कर देता है , तो इस व्यवस्था की भौतिक मॉनिटरिंग भी ज़रूरी है ,
अकेला ने कहा कि कोटा शहर की सड़कों पर बहतर यातायत व्यवस्था के लिए ट्रैफिक चिन्ह भी दिखते हुए होना चाहिए , जो मार्ग दिखाने वाले , नगर निगम ,, कोटा विकास प्राधिकरण के गेन्ट्री बोर्ड है , उन पर तो बधाई , जन्म दिन पर बधाई जैसे बढे बढे संदेश लगाकर , ढक दिया जाता है , अफ़सोस यह है के ऐसे विज्ञापन लगाकर मार्ग संकेतक ,, गेलेंट्री बोर्ड को ढक कर बाहर से आने जाने वालों को कष्ट देने वालों के खिलाफ क्षेत्रीय पुलिस थानाधिकारी कोई भी मुक़दमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही नहीं करते हैं , क्योंकि जिनके जन्म दिन , आगमन पर स्वागत वगेरा के विज्ञापन होते है ,वोह सत्ताधारी प्रभावशाली लोग होते है , ऐसे में इस मामले में भी सख्त कार्यवाही के निर्देश जारी करना अनिवार्य है , साथ ही ,मुख्य सड़कों के गड्डे भरने , सड़कों के दोनों तरफ ठेले , या गुमटियां लगाकर अतिक्रमण करने , ऐसा अतिक्रमण के ठेले के बाद कारें खडी करके लोग फ्रूट ,वगेरा खरीदते हैं , और फिर सड़कें और संकरी होती चली जाती , विज्ञाननगर एरोड्रम झालावाड़ रोड के हालात आप खुद ही देख लीजिये , सी ऐ डी सर्किल, अनंतपुरा ,, कुन्हाड़ी बूंदी रोड ,, बोरखेड़ा बारा रोड सहित सभी जगह के यही हाल है , ट्रेफिक अव्यवस्था ऐसी है के कहीं भी कोई भी वाहन खड़ा हो जाता है , , यह ई रिक्शा , ऑटो रिक्शा अव्यस्थित है , निजी बसों का संचालित स्टेज केरिज परमिट के उलंग्घन से हो रहा है , रुट परमिट के विपरीत वाहन संचालित हैं , इतना ही नहीं , अवैध कोरियर , सामानों को इधर से उधर करने का कारोबार भी निजी बसों द्वारा अपनी डिक्की में रखकर भिजवाने , कोटा लाने का काम चल रहा है , जो शहरी क्षेत्रों में , अंदर घुसकर सामान खाली करते नज़र आते है , राष्ट्रिय राजमार्ग अधिनियम , राज्य मार्ग अधिनियहम के उलंग्घन पर सड़कों के दोनों तरफ अवैध रूप से दृष्टी भ्रम पैदा करने के लिए , वाहन चालकों का ध्यान बंटाने के लिए अवैध रूप से विज्ञापन लगाए जाते है , जो अवैध है , ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान है ,इस पर भी कार्यवाही ज़रूरी है।
अख्तर खान अकेला ने शहर की क़ानून व्यवस्था के लिए पुलिस बीट प्रणाली सुढ़ृड़ , जवाबदेही बनाने , सी एल जी समिति सदस्यों की समीक्षा करने , उनमे आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों ,, पुलिस की दलाली से जुड़े लोगों को चिन्हित करने , की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया है , साथ ही , स्वागत , सत्कार , बधाइयों के नाम पर , थानों और संबंधित अधिकारीयों , कर्मियों को , रोज़ मर्रा अलग अलग ससंथाओं से जदए लोगों द्वारा घेर कर फोटो सेशन फिर सोशल मिडिया पर प्रचार से भी आम जनता में ऐसे लोगों को प्रभावी समझकर भर्मित करने के हालत बनते है , जबकि , इस तरह की कोई भी कार्यवाही ,, राजस्थान सेवा नियम , पुलिस नियम में प्रतिबंधित है , ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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